September 20, 2024

विधानसभा मानसून सत्र के पहले दिन क्या हुआ ?

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शिमला : हिमाचल प्रदेश विधानसभा के 4 दिन तक चलने वाले मानसून सत्र की शुरुआत आज सदन के 4 दिवंगत सदस्यों को श्रद्धांजलि देने के साथ हुई। इसके तहत सदन के नेता एवं मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने पूर्व केंद्रीय मंत्री पंडित सुखराम, पूर्व मंत्री प्रवीण शर्मा, रुप ङ्क्षसह चौहान व पूर्व विधायक मस्तराम के निधन को लेकर शोकोद्गार प्रस्तुत किए। शोकोद्गार में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के अलावा प्रतिपक्ष मुकेश अग्रिहोत्री, विधानसभा अध्यक्ष विपिन परमार सहित 16 सदस्यों ने 3 घंटे 20 मिनट तक भाग लिया। शोकोद्गार के बाद सदन में विपक्ष ने अपने तीखे तेवर भी दिखाए। अपनी बाजुओं पर काली पट्टी बांधकर आए विपक्ष के सदस्यों ने शोकोद्गार के बाद नियम-278 के तहत सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा की मांग की। इस दौरान पक्ष-विपक्ष के सदस्यों ने जमकर हंगामा और एक-दूसरे के खिलाफ नारेबाजी भी की। इस कारण भोजनावकाश के बाद सदन की कार्यवाही को अपराह्न 3.30 बजे से 15 मिनट के लिए स्थगित करना पड़ा। सदन की कार्यवाही फिर से शुरू होने पर विपक्ष ने अपनी मांग को फिर दोहराया, जिस कारण पक्ष-विपक्ष के बीच फिर तनातनी शुरू हो गई। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने इस दौरान सदन में कहा कि विपक्ष कुछ ज्यादा ही जल्दबाजी में नजर आ रहा है। विपक्ष को सब्र से काम लेना चाहिए तथा जल्दबाजी से कुछ होने वाला नहीं है। सदन के भीतर गरिमामय तरीके से चर्चा और मुद्दों पर बहस होनी चाहिए और इसको मछली बाजार नहीं बनाया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार चर्चा से नहीं भाग रही है, लेकिन विपक्ष को नियमों की परिधि का ध्यान रखना चाहिए। इस बीच विधानसभा अध्यक्ष विपिन परमार ने व्यवस्था देते हुए कहा कि आज सुबह विपक्ष के 22 और 1 माकपा सदस्य की ओर से सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव प्राप्त हुआ है। उन्होंने इस दौरान अविश्वास प्रस्ताव लाने वाले सभी 23 सदस्यों से सदन में उपस्थित रहने को कहा तथा उनकी गिनती भी की। इसके बाद उन्होंने व्यवस्था दी कि अविश्वास प्रस्ताव पर सदन में वीरवार सुबह 11 बजे से चर्चा होगी। नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि अविश्वास प्रस्ताव पर होने वाली चर्चा के लिए कम समय दिया गया है। संसदीय कार्य मंत्री सुरेश भारद्वाज ने इस दौरान हस्तक्षेप करते हुए कहा कि विपक्ष हर बात को लेकर आपत्ति करता है, जो गलत है।
इससे पहले सदन की कार्यवाही शुरू होते ही मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने दिवंगत सदस्यों के निधन पर शोकोद्गार प्रस्तुत करते हुए कहा कि 8 बार विधायक और 3 बार सांसद रहे पूर्व केंद्रीय मंत्री पंडित सुखराम का गत 11 मई को 94 वर्ष की आयु में निधन हो गया। उनको देश और प्रदेश में संचार क्रांति के मसीहा के रुप में जाना जाता था। उन्होंने कहा कि पंडित सुखराम ने हिविकां के जरिए प्रदेश में तीसरा विकल्प खड़ा कोशिश करने की कोशिश की, लेकिन उसमें सफलता नहीं मिली। उन्होंने कहा कि पंडित सुखराम के अलावा उनके विधानसभा क्षेत्र से ठाकुर कर्म ङ्क्षसह ने 4 बार प्रदेश में वित्त मंत्री का कार्यभार संभाला। पंडित सुखराम और ठाकुर कर्म ङ्क्षसह दोनों मुख्यमंत्री पद के प्रबल दावेदारों में माने जाता था, लेकिन उनकी यह इच्छा पूरी नहीं हुई। उन्होंने कहा कि पूर्व मंत्री रुप ङ्क्षसह चौहान का 95 वर्ष की आयु में गत 29 मई को निधन हो गया। इसी तरह 2 बार करसोग से विधायक रहे मस्त राम का 11 जुलाई को दुखद निधन हुआ। पूर्व मंत्री प्रवीण शर्मा का गत 3 अगस्त को 64 साल की आयु में निधन हो गया। प्रवीण शर्मा लाल, गोरे और सफेद मूछों वाले ब्राह्मण थे, जो राजपूतों की तरह व्यवहार करते थे। नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्रिहोत्री ने कहा कि पूर्व केंद्रीय मंत्री पंडित सुखराम राजनीति के चाणक्य माने जाते थे। संचार क्रांति के इस अग्रदूत ने भी प्रदेश में तीसरा विकल्प खड़ा करने की कोशिश की, जिसमें उनको सफलता नहीं मिली। उन्होंने कहा कि पूर्व मंत्री प्रवीण शर्मा अपने क्षेत्र में विकास करवाने के बाद चुनाव हार गए थे। उन्होंने ही उनको राजनीति में आने के लिए प्रेरित किया था। उन्होंने रुप ङ्क्षसह चौहान और मस्तराम के निधन पर भी शोक जताया। जल शक्ति मंत्री महेंद्र ङ्क्षसह ने कहा कि 4 महान विभूतियों के जाने से प्रदेश को नुकसान हुआ है। उन्होंने कहा कि पंडित सुखराम जो वायदा करते थे, उसको पूरा करते थे। वह धरातल से जुड़े नेता थे, जिनके सानिध्य में रहकर उनको काम करने का मौका मिला। उन्होंने अन्य सदस्यों के निधन पर भी शोक जताया। विधायक सुखङ्क्षवद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि सांसद व विधायक क्यों आत्महत्या कर रहे हैं, इन परिस्थितियों को भी देखा जाना चाहिए। संसदीय कार्य मंत्री सुरेश भारद्वाज, ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री वीरेंद्र कंवर, वन मंत्री राकेश पठानिया, विधायक रोहित ठाकुर, विनय कुमार, डा. धनीराम शांडिल, राकेश ङ्क्षसघा, बलवीर ङ्क्षसह, हीरालाल और विक्रमादित्य ङ्क्षसह ने भी 4 पूर्व सदस्यों के निधन पर शोक जताया तथा उनसे जुड़े संस्मरण सुनाए। पंडित सुखराम के पुत्र एवं भाजपा विधायक अनिल शर्मा ने अपने पिता को श्रद्धांजलि देने वालों के लिए प्रति अपना आभार जताया। उन्होंने कहा कि राजनीति में उनके 2 गुरू उनके पिता पंडित सुखराम और पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र ङ्क्षसह थे। उन्होंने कहा कि उनके पिता ने अपने बेटे को ठेकेदार नहीं बनाया तथा रुचि नहीं होने के बावजूद उनको राजनीति में लाए। उन्होंने कहा कि उनके जाने न जाने की बातों पर जनता निर्णय लेगी। उन्होंने अन्य सदस्यों के निधन पर भी शोक जताया। विधानसभा अध्यक्ष विपिन परमार ने सभी पूर्व सदस्यों के प्रति अपने श्रद्धासुमन अर्पित करते हुए कहा कि सदन की भावनाएं दिवगंत सदस्यों के परिवारों तक पहुंचा दी जाएगी।
नियम-62 के तहत के तहत इंदौरा की विधायक रीता देवी ने टोल टैक्स वैरियर को 200 मीटर स्थानांतरित करने संबंधी मामला उठाया। इस पर सरकार की तरफ से उत्तर दिया गया यदि उक्त टोल टैक्स वैरियर को 200 मीटर स्थानांतरित किया जाता है, तब भी पंजाब से काठगढ़ शिव मंदिर की ओर आने वाले वाहनों को टोल टैक्स बैरियर से गुजरना पड़ेगा तथा यह टोल बैरियर के संग्रह पर भी प्रतिकूल प्रभाव डाल सकता है। टोल टैक्स बैरियर पर सरकारी राजस्व में किसी भी प्रकार की छूट देना अथवा बैरियर को स्थानांतरित करना जनहित में नहीं है। प्रदेश में वर्षा से हो रहे भू-स्खूलन एवं अन्य प्राकृतिक आपदाओं से फसलों तथा संपत्तियों को हो रहे नुकसान से बचाव तथा राहत देने को लेकर नियम-130 के तहत होने वाली चर्चा अब 12 अगस्त को होगी। सदन में इसके अलावा माननीय की तरफ से खुद आयकर भरने संबंधी अध्यादेश को भी स्वीकृति प्रदान की गई। साथ ही मुख्यमंत्री ने सदन को साप्ताहिक शासकीय कार्यसूची से अवगत करवाया और स्वीकृत विधेयक सभा पटल पर रखे।

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