विधानसभा में आज क्या हुआ?

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शिमला : हिमाचल प्रदेश की चौदहवीं विधानसभा के अष्टम सत्र का शुभारंभ सोमवार अपराह्न 2 बजे राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल के अभिभाषण के साथ शुरू हुआ। यह वर्तमान सरकार का तीसरा बजट सत्र है, जिसमें कुल 16 बैठकें होंगी तथा मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू 17 मार्च को वित्तीय वर्ष, 2025-26 का बजट पेश करेंगे। राज्यपाल के अभिभाषण का शुभांरभ व समापन राष्ट्रगान के साथ हुआ। उन्होंने 53 पृष्ठ के अभिभाषण को करीब डेढ़ घंटे में पढक़र पूरा किया, जो मुख्य रुप से 7 स्तम्भों पर केंद्रित रहा। अपने अभिभाषण का शुभारंभ करते हुए राज्यपाल सबसे पहले भारत के आई.सी.सी. चैंपियन्स ट्रॉफी जीत की प्रदेशवासियों को बधाई दी। साथ ही उन्होंने प्रदेशवासियों को नव वर्ष की बधाई देते हुए उनके खुशहाल एवं समृद्ध जीवन की कामना की। उन्होंने इस बात पर संतोष जताया कि उनकी तरफ से नशे के खिलाफ छेड़े गए प्रदेशव्यापी अभियान को सरकार सहित समाज के हर वर्ग का समर्थन मिला है। उन्होंने अपने अभिभाषण के 6 प्रमुख स्तम्भों का अपने प्रमुखता के साथ उल्लेख किया। इसमें पहला स्तम्भ सुखी ग्राम-खुशहाल किसान है, जिसके तहत बागवान एवं ग्रामीण अर्थव्यवस्था से जुड़े हुए सभी वर्गों के लिए सरकार कार्य कर रही है। दूसरा, समाज की आखिरी पंक्ति में खड़े हुए वर्गों तक सरकारी योजनाओं का लाभ पहुंचाना। तीसरा, युवाओं को गुणवत्तायुक्त शिक्षा तथा महिलाओं के जीवन स्तर में सुधार लाने का प्रयास करना। चौथा, आम जनमानस के जीवन में सरकार की तरफ से सहुलियत अथवा सुख लाने के लिए प्रयास जिसे ईज ऑफ लिविंग भी कहा जाता है। पांचवां, हिमाचल के पर्यावरण को आपदा से बचाने के लिए सुदृढ़ीकरण करना तथा छठा प्रदेश की आर्थिकी को सुदृढ़ करने के लिए प्रसाय करना, जिसमें प्रदेश को आत्मनिर्भर बनाने का संकल्प लिया गया है। राज्यपाल ने कहा कि तमाम आर्थिक चुनौतियों के बावजूद प्रदेश की अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए तमाम प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि केंद्र की तरफ से जी.एस.टी. कम्पनसेशन को जुलाई, 2022 से बंद करने से प्रदेश को नुकसान हुआ है। इसके अलावा 15वें वित्तायोग की तरफ से अनुशंसित अपर्याप्त राजस्व घाटा अनुदान भी प्रतिकूल वित्तीय स्थिति का कारण है। 15वें वित्तायोग ने वर्ष, 2020-21 में अपनी अंतरिम रिपोर्ट में 11,431 करोड़ रुपए का राजस्व घाटा अनुदान अनुसंशित किया था, परंतु इसे अंतिम वित्त वर्ष में घटाकर 3,257 करोड़ रुपए कर दिया गया है। इसके बावजूद राज्य सरकार ने विकास की गति को धीमा नहीं पडऩे दिया है। सरकार ने नशे के दलदल से युवाओं को निकालने के लिए मादक पदार्थों की तस्करी करने वालों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की है। नशे से संग्रहित संपत्तियों व अपराधियों को अक्षम करने के लिए वर्ष, 2024 में एन.डी.पी.एस. अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार अवैध व्यापार के माध्मम से अर्जित की गई 11 करोड़ रुपए की चल-अचल संपत्तियों को जब्त किया गया है। जांच क्षमताओं को बढ़ाने के उद्देश से फोरेंसिक प्रयोगशालाओं के उन्नयन को प्राथमिकता दी जा रही है। नारकोटिक्स और संगठित अपराध पर एक विशेष कार्य बल को मंजूरी दी गई है, जो नारकोटिक्स, मादक दवाओं की तस्करी और संगठित अपराध पर विशेष रुप से ध्यान केंद्रित करेगी। राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने कहा कि गत 2 वर्ष से व्यवस्था परिवर्तन की प्रक्रिया का लाभ शिक्षा क्षेत्र को भी मिला है। असर 2024 की रिपोर्ट जो जनवरी, 2025 में जारी हुई है, उसमें हिमाचल प्रदेश के बच्चों का पढऩे का स्तर पूरे देश में सबसे बेहतर आंका गया है। राज्य स्तर पर किए गए सैंपल सर्वे राज्य स्तरीयय आकंलन सर्वेक्षण में भी बच्चों के शिक्षण स्तर में बेहतरी देखी गई है। शिक्षा के क्षेत्र में युक्तिकरण की प्रक्रिया प्रारंभ करके स्कूल क्लस्टर शुरू किए गए हैं। प्री-प्राइमरी से लेकर बारहवीं कक्षा तक एकीकृत स्कूल कैंपर विकसित किए जा रहे हैं। हिमाचल प्रदेश देश का ऐसा पहला राज्य है, जिसने सभी सरकारी श्क्षिा संसथानों की वार्षिक रैंकिंग शुरू की है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने अपने 2 वर्ष के कार्यकाल में अपनी 6 चुनावी गारंटियों को पूरा किया है, जिसमें कर्मचारियों को ओ.पी.एस. की सौगात, महिलाओं को चरणबद्ध तरीके से 1,500 रुपए प्रतिमाह की सम्मान राशि, 680 करोड़ रुपए की राजीव गांधी स्वरोजगार स्टार्ट अप योजना, सभी सरकारी स्कूलो में अंग्र्रेजी माध्यम, गाय व भैंस के दूध की खरीद के मूल्य में ऐतिहासिक वृद्धि करना तथा गोबर खरीद योजना को शुरू करना शामिल है। उन्होंने कहा कि यह हर्ष का विषय है कि राज्य ने औद्योगिक क्षेत्र में संचालित विभिन्न कार्यक्रमों में अंतर्गत बैस्ट परफार्मिंग इन द स्टेट स्टार्टअप रैंकिंग, 2023, ईज ऑफ डूइंग बिजनेस एस्पिरेर स्टेट इन 2024 और पी.एम.एफ.एम.ई. स्कीम में राष्ट्रीय स्तर पर प्रथम स्थान प्राप्त किया है। राज्य सरकार प्रदेश रेलवे नेटवर्क विकसित करने के लिए प्रतिबद्ध है। इसके लिए 1,540 करोड़ रुपए की लागत से 30 किलोमीटर चंडीगढ़-बद्दी रेल लाइन के कार्य के लिए 50 अनुपात 50 के अनुपात से कार्य किया जा रहा है। वर्तमान वित्तीय वर्ष में 130 करोड़ रुपए से अब तक कुल 306 करोड़ रुपए की राशि प्रदान की गई है। इस परियोजना का लगभग 30 फीसदी कार्य पूरा हो चुका है तथ शेष कार्य मार्च, 2027 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। इसके अलावा 6,753 करोड़ रुपए की 63 किलोमीटर लंबी भानुपल्ली-बिलासपुर-बेरी रेल लाइन का 6,057 करोड़ रुपए का कार्य 30 नवम्बर, 2024 तक पूरा कर लिया गया है तथा 31 दिसम्बर, 2027 तक बिलासपुर तक इस कार्य को पूरा करने का लक्ष्य रखा है। नंगल बांध ऊना-तलवाड़ा रेल लाइन परियोजना का 60 किलोमीटर कार्य पूरा हो चुका है और इसे नंगल से दौलतपुर चौक तक यातायात के लिए खोल दिया गया है। इसके अतिरिक्त 3,750 करोड़ रुपए की लागत की 41 किलोमीटर लंबी ऊना-हमीरपुर रेलवे लाइन के कार्य व्यय का 75 फीसदी भारत सरकार और 25 फीसदी प्रदेश सरकार वहन करने संबंधी प्रस्ताव केंद्र सरकार के पास विचाराधीन है। उन्होंने कहा कि वर्तमान वित्तीय वर्ष के दौरान नाबार्ड से 988.35 करोड़ रुपए की 127 योजनाएं स्वीकृत करवाई जा चुकी है। तमाम आर्थिक चुनौतियों के बावजूद प्रदेश आत्मनिर्भरता के पथ पर अग्रसर है। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार ने आबकारी विभाग के माध्यम से दिसम्बर, 2024 तक 8,338 करोड़ रुपए का राजस्व एकत्र किया है। उन्होंने प्रदेश में कानून व्यवस्था के हालात का हवाला देते हुए कहा कि वर्ष, 2023 की तुलना में वर्ष, 2024 में करीब 2,123 अभियोग कम पंजीकृत हुए हैं और में व्यक्तियों और संपत्ति के विरुद्ध अपराधों में कमी आई है। साइबर अपराधों की रोकथाम के लिए मंडल स्तर पर जिला मंडी और कांगड़ा में साइबर पुलिस थानों का गठन किया गया है तथ प्रत्येक जिला मुख्यालय में साइबर पुलिस थानों को गठित करने के प्रयास जारी है। वर्ष, 2024 के दौरान लगभग 3 करोड़ 27 लाख 60 हजार 467 रुपए शिकायतकर्ताओं को वापस करवाए गए हैं। कानून व्यवस्था की बेहतरी के लिए सरकार ने देहरा में पुलिस जिला सृजित किया है। इसके अतिरिक्त रेहान और सिस्सु में 2 नए पुलिस स्टेशन और 9 स्थानों पर पुलिस पोस्ट सृजित व 6 पुलिस पोस्ट को स्तरोन्नत किया गया है। उन्होंने कहा कि साहसिक गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए बीड़ बिलिंग में पैराग्लाइडिंग विश्व कप का आयोजन किया गया है। इसके अतिरिक्त कांगड़ा जिला के नगरोटा में पर्यटक गांव विकसित किया जा रहा है। पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए ईको-टूरिज्म पालिसी 2024 तैयार की गई है। साथ ही सरकार ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खेलों में पदक हासिल करने वाले खिलाडिय़ों को 14 करोड़ रुपए, जबकि राष्ट्रीय स्तर पर पदक हासिल करने वाले खिलाडिय़ों को 83 लाख रुपए नकद पुरस्कार के रुप में बांटे हैं। उन्होंने कहा कि सरकार ने खिलाडिय़ों की डाइट मनी को बढ़ाकर 400 रुपए प्रतिदिन प्रदेश में और 500 रुपए प्रतिदिन प्रदेश के बाहर दिए जा रहे हैं। राज्यपाल ने कहा कि मुख्यमंत्री सेवा संकल्प हैल्पलाइन-1100 पर दिसंबर 2024 तक एक लाख 21 हजार 118 शिकायतें प्राप्त हुई, जिनमें से एक लाख 5 हजार 345 का निपटारा कर दिया गया है। कुल मिलाकर राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल का अभिभाषण प्रदेश सरकार की 2 वर्ष की उपलब्धियों पर केंद्रित रहा। उनके अभिभाषण में सरकार के माध्यम से केंद्र सरकार की तरफ से उदार वित्तीय मदद नहीं देने की बात भी कही गई। उन्होंने अपने अभिभाषण में कई बार मेरी सरकार शब्द का उल्लेख किया। सदन में एक मौका ऐसा भी आया जब पक्ष-विपक्ष दोनों ने राज्यपाल के अभिभाषण के दौरान एक साथ मेजे थपथपाई। दोनों की तरफ से यह मेजे उस समय थपथपाई गई जब राज्यपाल ने भारतीय क्रिकेट टीम के चैम्पियन ट्राफी जीतने पर बधाई दी। उनके अभिभाषण से इस बात का संकेत भी जरुर मिला कि राज्य सरकार किस तरह के वित्तीय हालात से जूझ रही है और भविष्य में स्थिति से बाहर आने के लिए किस दिशा में आगे बढ़ रही है। राज्यपाल ने अपने अभिभाषण का समापन करते हुए उम्मीद जताई कि सभी सदस्य सदन की उच्च परम्पराओं को बनाए रखेंगे। अब सदन में दूसरे दिन से राज्यपाल के अभिभाषण धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा होगी, जिसका मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू उत्तर देंगे।