विधानसभा के अंतिम दिन क्या हुआ ?
शिमला : हिमाचल प्रदेश विधानसभा के 14 मार्च से शुरू हुए बजट सत्र आज समापन हो गया। सत्र के दौरान मुख्यमंत्री सुखविन्दर सिंह सुक्खू ने 17 मार्च के लिए वित्तीय वर्ष, 2023-24 के लिए 56,683 करोड़ रुपए के बजट को प्रस्तुत किया। बजट सत्र समापन पर विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप ङ्क्षसह पठानिया ने कहा कि इस दौरान 16 बैठकें हुई। इसमें 639 तारांकित तथा 257 अतारांकित प्रश्न पूछे गए। नियम-62 के तहत 5, नियम-63 के तहत 1, नियम-67 के तहत 1, नियम-103 के तहत 3 और नियम-62 के तहत 7 विषय चर्चा के लिए आए। सत्र के दौरान 8 विधेयक भी पारित हुए और 28 समितियों के प्रतिवेदन सभापटल पर रखे गए। सदन के नेता एवं मुख्यमंत्री सुखविन्दर सिंह सुक्खू ने इस अवसर पर कहा कि प्रदेश के वित्तीय हालात को देखते हुए सरकार को आगामी समय में कड़े फैसले लेने होंगे। इसके लिए विपक्ष के सहयोग की भी आवश्यकता है। नेता प्रतिपक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि सरकार के खिलाफ बोलने के लिए बहुत मुद्दे थे। उन्होंने कहा कि नए चुनकर आए विधायकों ने सदन में अपना पक्ष अच्छे तरीके से रखा। इस तरह बजट सत्र के अंतिम दिन विधानसभा में प्रश्नकाल के बाद भाजपा विधायक रणधीर शर्मा नियम-130 के तहत कानून व्यवस्था की स्थिति के मुद्दे पर चर्चा की अनुमति नहीं दिए जाने पर आपत्ति जताई। साथ ही विधायक राकेश जमवाल और सुखराम चौधरी ने नियम-62 और विधायक पूर्ण चंद ने नियम-63 के तहत मामलों को उठाया, जिसका सरकार की तरफ से उत्तर दिया गया। विधानसभा में निराश्रित बच्चों को चिल्ड्रन ऑफ द स्टेट के रुप में अपनाने को लेकर हिमाचल प्रदेश सुखाश्रय (राज्य के बालकों की देखरेख, संरक्षण और आत्मनिर्भरता) विधेयक, 2023 और हिमाचल प्रदेश भू-गर्भ जल (विकास और प्रबंधन का विनियमन और नियंत्रण) विधेयक, 2023 को चर्चा के बाद पारित किया। सदन में नियम-324 के तहत 8 विधायकों की तरफ से विशेष उल्लेख के तहत उठाए गए मामलों की लिखित जानकारी सदन में उपलब्ध करवाई गई। इसके अलावा प्रदेश के आर्थिक हालात को लेकर नियम-130 के तहत हुई, जिसका मुख्यमंत्री ने विस्तृत जवाब दिया। सदन की कार्यवाही शुरू होते ही प्रश्नकाल के दौरान उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्रिहोत्री ने विधायक मलेंद्र राजन की तरफ से पूछे गए प्रश्न के उत्तर में जानकारी दी कि सरकार जल जीवन मिशन के तहत उन स्थानों पर नलकें लगाने की व्यवस्था करेगी, जहां पर इसे अब तक लगाया नहीं जा सका है। उन्होंने विधायक सुखराम चौधरी की तरफ से पूछे गए अन्य प्रश्न के उत्तर में कहा कि प्रदेश में इस समय सबसे अधिक 4,122 ट्यूबवैल पांवटा साहिब विधानसभा क्षेत्र में लगे हैं। उद्योग एवं आयुष मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने विधायक नंदलाल की तरफ से पूछे गए प्रश्न के उत्तर में कहा कि रामपुर में अब तक 12 आयुर्वेदिक संस्थानों के पास अपनी जमीन नहीं है। विधायक सुरेंद्र शौरी की तरफ से पूछे गए प्रश्न के उत्तर में मुख्यमंत्री सुक्खू ने कहा कि सरकार कुल्लू और मनाली में कूड़ा प्रबंधन संयंत्र के लिए जमीन उपलब्ध होने पर इसका निष्पादन करेगी। उन्होंने विधायक अजय सोलंकी की तरफ से पूछे प्रश्न के उत्तर में हस्तक्षेप करते हुए कहा कि नाहन में आई.आई.एम. के पास यदि आवश्यकता से अधिक जमीन होगी तो उसे वापस लिया जाएगा। इसी प्रश्न के उत्तर में शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने कहा कि इस संस्थान का 65 फीसदी कार्य अब तक पूरा हो चुका है। उन्होंने विधायक पूर्ण चंद ठाकुर की तरफ से पूछे गए अन्य प्रश्न के उत्तर में कहा कि प्रदेश में इस समय 26 केंद्रीय विद्यालय काम कर रहे हैं तथा उनके विधानसभा क्षेत्र में केंद्रीय विद्यालय खोलने का मामला केंद्र सरकार से उठाया जाएगा। स्वास्थ्य मंत्री डा. धनीराम शांडिल ने विधायक विनोद सुल्तानपुरी की तरफ से पूछे प्रश्न के उत्तर में कहा कि स्वास्थ्य विभाग में स्टाफ की कमी को दूर करने के लिए युक्तिकरण किया जाएगा। उन्होंने विधायक चंद्रशेखर और राकेश जमवाल की तरफ से पूछे प्रश्न के उत्तर में कहा कि दान की गई एम्बुलैंस के साथ चालक एवं तेल के खर्च का प्रबंध भी किया जाना चाहिए। उन्होंने विधायक बलबीर वर्मा को आश्वस्त किया कि सरकार चौपाल एवं नेरवा मैडिकल स्टाफ की कमी को पूरा करने का प्रयास करेगी। इस दौरान भाजपा विधायक सतपाल ङ्क्षसह सत्ती ने सुझाव दिया कि सरकार को विभिन्न विभागों में स्टाफ को उसके ही गृह जिला में तैनाती करने संबंधी कोई फार्मूला तैयार करना चाहिए। मुख्यमंत्री सुखविन्दर सिंह सुक्खू ने विधायक अनिल शर्मा की तरफ से पूछे गए प्रश्न के उत्तर में हस्तक्षेप करते हुए कहा कि सरकार भविष्य में सरकारी भवनों का निर्माण करते समय कंस्ट्रक्शन ऑडिट करवाएगी। साथ ही डी.पी.आर. तैयार करते समय इस बात का ध्यान रखा जाएगा कि भवन से लेकर सडक़ों का निर्माण कार्य समय पर हो सके। नेता प्रतिपक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने इस दौरान मंडी डिग्री कॉलेज का निर्माण कार्य शीघ्र पूरा करने की मांग की, जिस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार धन की उपलब्धता पर यह कार्य शीघ्र पूरा करने का प्रयास करेगी। लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य ङ्क्षसह ने भी प्रश्न के उत्तर में कहा कि यह कार्य मौजूदा वित्तीय वर्ष में पूरा किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने विधायक केवल पठानिया की तरफ से पूछे प्रश्न के उत्तर में कहा कि बिजली बोर्ड लिमिटेड की तरफ से 100, 250 और 400 के.वी.ए. क्षमता के ट्रांसफार्मरों की खरीद के परचेज आर्डर जारी किए गए हैं।
विधानसभा में प्रश्नकाल के बाद भाजपा विधायक रणधीर शर्मा ने नियम-130 के तहत चर्चा की अनुमति नहीं दिए जाने पर नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि इस चर्चा को बजट सत्र के अंतिम दिन भी नहीं लगाया गया। उन्होंने कहा कि प्रदेश में अपराध की घटनाएं बढ़ रही है। मणिकर्ण की घटना और सीमावर्ती क्षेत्रों बढ़ते अपराध चिंता का विषय है। ऐसे में इस महत्वपूर्ण विषय पर चर्चा की अनुमति दी जानी चाहिए थी। विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप पठानिया ने इस पर कहा कि इस तरह के 15 में से 6 प्रस्ताव लगा दिए गए हैं, जिसमें 3 विषय अंतिम दिन चर्चा के लिए आए हैं। बजट पर चर्चा के दौरान भी यह विषय आ गया है। उन्होंने कहा कि सरकार को इस विषय से अवगत करवा दिया गया है, जिस पर आगामी निर्णय लिया जाएगा।
इसके बाद राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी ने नियम-62 के तहत विधायक सुखराम चौधरी की तरफ से उठाए गए मामले के उततर में कहा कि प्रदेश में बेमौसमी बरसात, आंधी व तूफान से फसल व फलों को 20 करोड़ रुपए का नुकसान होने की संभावना है। उन्होंने कहा कि मौजूदा आर्थिक हालात को देखते हुए सरकार पहले से तय मुआवजे से अधिक राशि का भुगतान करना संभव नहीं है। सुखराम चौधरी का कहना था कि सरकार की तरफ से दी जाने वाली मुआवजा राशि को बढ़ाया जाना चाहिए, क्योंकि फसलों एवं फलों को भारी नुकसान पहुंचा है। नियम-62 के तहत विधायक राकेश जमवाल की तरफ से उठाए गए मामले के उत्तर में स्वास्थ्य मंत्री डा. धनीराम शांडिल ने कहा है कि सुंदरनगर अस्पताल में खराब पड़े ऑक्सीजन प्लांट को सप्ताह के भीतर फिर से चला दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि इसके लिए टीम जल्द दौरा करेगा।
बजट सत्र के अंतिम दिन 2 विधेयकों को भी पारित किया गया। इसमें हिमाचल प्रदेश भूगर्भ जल के प्रयोग को लेकर लाए गए विधेयक के उत्तर में उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्रिहोत्री ने कहा कि इस विधेयक के पारित होने के बाद प्रदेश में गलत तरीके से ट्यूबवैल और हैंडपंप लगाने के बाद 5 साल की सजा के प्रावधान को समाप्त कर दिया है। उन्होंने कहा कि इसके दायरे में राज्य के किसान एवं बागवान नहीं आएंगे। यह प्रावधान केवल उद्योगों के लिए किया गया है। नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि विधेयक में सजा के प्रावधान को रखा जाना चाहिए था, क्योंकि इससे व्यक्ति के मन में डर बना रहता है। मुख्यमंत्री ने इस दौरान कहा कि सरकार नहीं चाहती कि प्रदेश में उद्योग लगाने के लिए आने वालों को किसी तरह की सजा हो। हालांकि इसमें 10 रुपए तक जुर्माने का प्रावधान है। विधेयक पर हुई चर्चा में डा. हंसराज, त्रिलोक जमवाल, के.एल. ठाकुर, विनोद कुमार, डा. जनकराज और सुखराम चौधरी ने भी भाग लिया। विधानसभा में निराश्रित बच्चों को संरक्षण प्रदान करने के लिए हिमाचल प्रदेश सुखाश्रय (राज्य के बालकों की देखभाल, संरक्षण और आत्मनिर्भरता) विधेयक, 2023 को भी पारित कर दिया गया। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर कहा कि इस विधेयक के अस्तित्व में आने से सरकार निराश्रित बच्चों की देखभाल, उच्च शिक्षा और उनको आत्मनिर्भर बनाने का जिम्मा उठाएगी। ऐसे बच्चों को साल एक बार हवाई सैर और थ्री स्टार होटल में ठहरने की व्यवस्था भी करेगी। सरकार 7 हजार विधवा महिलाओं के लिए अलग से मकान बनाने के लिए बिजली-पानी फ्री देगी। नेता प्रतिपक्ष ने इस दौरान कहा कि सरकार के भाव में राजनीतिक प्रभाव ज्यादा नजर आ रहा है। चर्चा में विधायक डा. हंसराज और त्रिलोक जमवाल ने भी भाग लिया तथा सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री डा. धनीराम शांडिल ने इसकी जानकारी दी। नियम-63 के तहत विधायक पूर्णचंद की तरफ से भांग की खेती को वैध करने को लेकर उठाए गए मामले के उत्तर में मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार इस पर विचार कर रही है। इससे प्रदेश की आर्थिक भी सुदृढ़ हो सकती है। उन्होंने कहा कि इसको राजस्व मंत्री जगत ङ्क्षसह नेगी की अध्यक्षता में 5 सदस्यीय कमेटी का गठन किया गया है। इस कमेटी के सदस्य सी.पी.एस. सुंदर ठाकुर, विधायक डा. हंसराज, डा. जनक राज व पूर्ण चंद होंगे। इस पर हुई चर्चा में अन्य सदस्यों ने भी भाग लिया।
प्रदेश की आर्थिकी को सुदृढ़ करने और फिजूलखर्ची कम करने को लेकर नियम-130 के तहत हुई चर्चा में विधायक राजेंद्र राणा, राजेश धर्माणी, सुरेश कुमार, केवल पठानिया और चंद्रशेखर ने भाग लिया। चर्चा के उत्तर में मुख्यमंत्री सुखविन्दर सिंह सुक्खू ने कहा कि राज्य की आर्थिक हालत ठीक नहीं है। इस बार भी राज्य सरकार करीब 6 हजार करोड़ का कर्ज लेकर आगे बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि कहा कि प्रदेश सरकार प्रदेश की आर्थिकी को पटरी पर लगाने के लिए आय के नए स्रोत बढ़ाने के प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि सरकार को करीब 10 हजार करोड़ रुपए छठे वेतन आयोग और 992 करोड़ रुपए डी.ए. की अदायगी करनी है। उन्होंने कहा कि प्रदेश ने आय बढ़ाने के लिए वाटर सैस लगाने का निर्णय लिया है। इसके अलावा शराब के ठेकों की नीलामी से 40 फीसदी अधिक राजस्व कमाया है। उन्होंने कहा कि पहले राजस्व घाटा अनुदान राशि पहले 9,377 करोड़ रुपए मिलती थी, जो वर्ष, 2025-26 में 3,257 करोड़ रुपए मिलेगी। इसी तरह जून, 2022 के बाद जी.एस.टी. कम्पनसेशन मिलना बंद हो जाएगा।