पशुओं को लावारिस छोडऩे पर होगा सजा का प्रावधन : कंवर
शिमला: हिमाचल प्रदेश विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान पशुओं को सडक़ पर लावारिस छोडऩे का मामला प्रमुखता से उठा। पशुपालन मंत्री वीरेंद्र कंवर ने कहा कि राज्य सरकार पशुओं को लावारिस छोडऩे पर सजा का प्रावधान करने जा रही है। इसके लिए जल्द अध्यादेश को लाया जाएगा। उन्होंने कहा कि मौजूदा समय में 36,311 पशुधन सडक़ पर है, जिसको शीघ्र गौ-सदनों में आश्रय देने का प्रयास किया जाएगा। उन्होंने कहा कि सडक़ों पर पशुधन को छोडऩे वालों का पता लगाने के लिए पशुओं की टैङ्क्षगग का कार्य 2 माह के भीतर पूरा कर लिया जाएगा। इसके अलावा हिमाचल प्रदेश को प्लास्टिक कचरामुक्त करने का लेकर भी नीतिगत निर्णय लिया जाएगा। उन्होंने यह जानकारी विधायक नरेंद्र ठाकुर, पवन कुमार काजल, परमजीत ङ्क्षसह पम्मी और जीतराम कटवाल की तरफ से पूछे गए प्रश्न के उत्तर में दी। विधायक नरेंद्र ठाकुर का कहना था कि सडक़ों पर घूमने वाला पशुधन भूख के कारण प्लास्टिक का कचरा खा रहा है। वीरेंद्र कंवर ने इस पर कहा कि पशुओं के पोस्टमार्ट्म के बाद इसकी पुष्टि भी हुई तथा कुछ पशुओं के पेट से सीमैंट की थैली, प्लास्टिक व लोहे की छड़े भी मिली है। विधायक परमजीत ङ्क्षसह पम्मी ने सीमावर्ती क्षेत्र में पड़ौसी राज्यों की तरफ से पशुओं को लावारिस छोडऩे तथा जीतराम कटवाल ने गौ-सदन को लेकर एफ.सी.ए. व एफ.आर.ए. के मामलों से संबंधित सवाल पूछा। पशुपालन मंत्री ने इस पर कहा कि सरकार पशुओं को लावारिस छोडऩे वालों के खिलाफ सजा का प्रावधान करेगी, ताकि ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जा सके। इसी तरह आने वाले समय में कई स्थानों पर गौ-सदन का निर्माण किया जा रहा है, जिसमें 4,000 से 5,000 पशुधन को रखने का प्रावधान होगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश में इस समय 158 गौ-सदन और गौ-अभ्यारण्य है।
कोविड-19 काल में जनता ने दान किए 16.51 करोड़
विधायक जगत ङ्क्षसह नेगी तरफ से पूछे गए प्रश्न के लिखित उत्तर में सरकार ने जानकारी दी कि कोविड-19 काल के दौरान जनता की तरफ से 16.51 करोड़ रुपए दान किए गए। इसमें से 3.38 करोड़ रुपए जिलाधीशों की ओर से खर्च किए गए तथा मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में गठित आपदा मोचन निधि को 10.23 करोड़ रुपए दिए गए हैं। विधायक कर्नल इंद्र ङ्क्षसह की ओर से पूछे गए प्रश्न के लिखित उत्तर में यह भी जानकारी दी गई कि सरकाघाट के बरछवाड़ में सैनिक अकादमी के लिए 8 करोड़ रुपए स्वीकृत हुए हैं। विधायक भवानी ङ्क्षसह पठानिया की ओर से पूछे गए एक अन्य प्रश्न लिखित उत्तर में यह भी जानकारी दी गई कि पानी की गुणवत्ता और मात्र की सस्टेनिबिलिटी को सुनिश्चित करने के लिए 59 पेयजल परीक्षण प्रयोगशालाएं स्थापित की गई है।