आयकर में 12 लाख की छूट से हिमाचल के बड़े वर्ग को राहत

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शिमला : केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की तरफ से वित्तीय वर्ष, 2025-26 के लिए प्रस्तुत किया गया बजट बड़े वर्ग को राहत प्रदान करने वाला है। विशेषकर नई कर व्यवस्था के तहत 12 लाख रुपए तक की वार्षिक आय पर कोई आयकर नहीं लगने से राहत मिलेगी। इससे कर्मचारियों और पैंशनरों के एक वर्ग के साथ छोटे व्यापारियों एवं कारोबारियों को राहत मिल सकेगी। टी.डी.एस. दरों और सीमाओं की संख्या को कम करने तथा उसे तर्कसंगत बनाने का निर्णय भी प्रदेश को राहत देने वाला है। वरिष्ठ नागरिकों के लिए ब्याज पर कटौती की सीमा 50 हजार रुपए से 2 गुणा बढ़ाकर 1 लाख रुपए की जा रही है। किराए पर टी.डी.एस. के लिए वार्षिक सीमा 2.40 लाख रुपए से बढ़ाकर 6 लाख रुपए की गई है। केंद्रीय बजट में प्रदेश सरकार के लिए राहत भरी खबर यह है कि आर्थिक सुधारों के लिए राज्य को 50 वर्ष तक ब्याज मुक्त ऋण देने की बात कही गई है। इसके लिए डेढ़ लाख करोड़ रुपए के आवंटन का प्रस्ताव है, जिसमें हिमाचल प्रदेश की हिस्सेदारी भी होगी। जल जीवन मिशन को 2028 तक बढ़ाने से भी प्रदेश को राहत मिलेगी, क्योंकि राज्य सरकार इसके लिए केंद्र से वित्तीय मदद की आस लगाए बैठी है। जल जीवन मिशन का बजटीय परिव्यय बढ़ाकर 67 करोड़ रुपए किया गया है।
प्रदेश के प्रमुख शहरों में विकास को बल मिलेगा। इसके लिए बजट में 10 हजार करोड़ रुपए का शहरी चुनौती कोष बनाया गया है। इससे शहरों का रचनात्मक पुनर्विकास और जल एवं स्वच्छता के लिए प्रस्ताव लागू करने के लिए उपयोग किया जाएगा। इसी तरह शहरी कामगारों की आमदनी बढ़ाने और स्थाई आजीविका पाने में सहायता करने के लिए नई योजना की घोषणा की गई है।
केंद्रीय बजट में मैडीकल कॉलेजों की सीटें बढ़ाने की बात कही गई है। यानी अगले 5 वर्ष में 75 हजार और अगले वर्ष 10 हजार अतिरिक्त सीटें बढ़ाई जाएगी। इससे प्रदेश के मैडीकल कॉलेजों की सीटें भी बढ़ेगी। जिला स्तर पर डे-केयर कैंसर केंद्र स्थापित करने की बात कही गई है। इसके अलावा 36 जीवन रक्षक औषधियों और दवाओं को बुनियादी सीमा शुल्क से पूरी तरह छूट दी गई है। साथ ही 6 जीवन रक्षक दवाओं पर 5 फीसदी रियायती सीमा-शुल्क लगेगा। बजट में 13 नए रोगी सहायता कार्यक्रमों के साथ 37 अन्य दवाओं को इसमें शामिल करने का प्रस्ताव है।
शैक्षिक संस्थानों, संग्रहालयों और निजी संग्रहकर्ताओं के साथ पांडुलिपी विरासत के सर्वेक्षण, प्रलेखन और संरक्षण के लिए ज्ञान भारतम मिशन बनाने का प्रस्ताव। इसके तहत 1 करोड़ से अधिक पांडुलिपियां शामिल की जाएंगी। प्रदेश में भी कई दुलर्भ पांडुलिपियों को इसके तहत संरक्षित करने का रास्ता मिलेगा।
केंद्र सरकार ने वर्ष, 2047 तक कम से कम 100 गीगावाट की परमाणु ऊर्जा क्षमता हासिल करने की बात कही गई है। प्रदेश में भी ग्रीन एनर्जी के तहत सौर ऊर्जा दोहन की बेहतर संभावनाएं है। इसी तरह इलैक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने की बजट में बात कही गई है, जिससे प्रदेश को लाभ होगा। इलैक्ट्रिक उपकरण सस्ते होने से भी प्रदेश के लोगों को लाभ होगा।
केंद्रीय बजट में खनन में सुधार की बात कही गई है। इससे प्रदेश में खनन को वैज्ञानिक तकनीक से बढ़ावा मिल सकेगा। बजट में सहकारी बैंकों को और निजी निवेशकों के योगदान के साथ 1 लाख और आवासीय इकाईयों को पूरा करने के कार्य में तेजी करने के उद्देश्य से 15 हजार करोड़ रुपए का कोष बनाने की घोषणा की गई है। इससे प्रदेश के सहकारी बैंकों को लाभ होगा।