कैलाश मानसरोवर यात्रा शिपकी ला से शुरू करने का मामला प्रधानमंत्री से उठाएंगे: सुक्खू

शिप्की ला (किन्नौर) : मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा है कि कैलाश मानसरोवर यात्रा शिपकी ला से शुरू करने का मामला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से उठाया जायगा। यहां से 91 किलोमीटर में यात्रा के सुगम सफर को पूरा किया जा सकेगा। इसी तरह चीन अधिकृत तिब्बत में कोरोना के बाद रुकी व्यापार की गतिविधियों शरू करना भी प्राथमिकता रहेगी।
उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने केन्द्र से हिमाचल स्काउट बटालियन की स्थापना का आग्रह भी किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने ये बात किन्नौर जिला के सीमावर्ती क्षेत्र शिपकी ला में सीमा पर्यटन गतिविधियों का शुभारम्भ करने के अवसर पर कही। उन्होंने कहा कि सीमा पर्यटन गतिविधियों के आरम्भ होने पर्यटन के साथ-साथ स्थानीय लोगों की आर्थिकी भी सशक्त होगी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने रक्षा मंत्रालय से सीमावर्ती क्षेत्र लेप्चा, शिपकी-ला, गिऊ और रानी कंडा में पर्यटन गतिविधियों को अनुमति प्रदान करने का आग्रह किया था। इसकी स्वीकृति प्राप्त होने के उपरांत सीमा पर्यटन पहल का शुभारम्भ किया गया है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2020 से भारत चीन व्यापार शिपकी ला माध्यम से बंद है। इस दर्रे के माध्यम से व्यापार और सांस्कृतिक आदान-प्रदान की असीम संभावनाएं है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने हिमाचल स्काउट बटालियन की स्थापना होने से राज्य के सीमावर्ती क्षेत्रों के स्थानीय लोगों के लिए विशेष कोटा होगा। सीमावर्ती क्षेत्रों में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए हवाई अड्डा स्थापित करने का मामला भी केन्द्र के समक्ष उठाया जाएगा । राज्य सरकार केन्द्र सरकार से सैन्य और अर्ध सैनिक बलों की इनर लाइन चेक पोस्ट को समाप्त करने का आग्रह करेगी, जिससे वर्तमान में पर्यटकों के लिए परमिट संबंधी बाधा उत्पन्न होती है।
यात्रा को सरल बनाने और पर्यटको के अनुभव को बेहतर बनाने पर भी विशेष ध्यान दिया जा रहा है, जिसके तहत भारतीय सेना और अर्धसैनिक बलों के साथ सहयोग और सहभागिता पर बल दिया जाएगा ।उन्होंने कहा कि इन कदमों से पर्यटन को प्रोत्साहन मिलेगा और स्थानीय अर्थव्यवस्था भी सुदृढ होगी। उन्होंने कहा कि लाहौल-स्पीति जिला से किन्नौर को जोड़ने वाली वांगतू-अटरगू-मुद-भावा दर्रा मार्ग को राष्ट्रीय वन्य जीव बोर्ड से मंजूरी मिली है। जिससे इसके निर्माण का मार्ग प्रशस्त हुआ है। इस सड़क के बनने से शिमला और काजा के के बीच बीच दूरी लगभग 100 किलोमीटर कम हो जाएगी। उन्होंने कहा कि सीमावर्ती सड़कों का केवल सामरिक महत्त नहीं है, बल्कि इनका उद्देश्य दूरदराज के पहाड़ी क्षेत्रों में सम्पर्क सुविधा बढ़ाकर लोगों को लाभ प्रदान करना है।
आई.टी.बी.पी. का सहयोग लेंगे
मुख्यमंत्री ने कहा कि सीमांत अग्रिम क्षेत्रों में पर्यटन को बढ़ावा देने की कार्य योजना के बारे में उन्होंने आई.टी.बी.पी. से चर्चा की है। आई.टी.बी.पी. के स्वास्थ्य संस्थानों के माध्यम से लोगों को चिकित्सा सुविधा प्रदान करने के बारे में भी बातचीत की गई है। आई टी बी पी के विभिन्न हेलीपैड़ों को दूर-दराज क्षेत्रों में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए उपयोग में लाए जाने पर भी चर्चा की गई है।
सबसे पहले इंदिरा पहुंची थी शिप्की ला
मुख्यमंत्री ने कहा कि इंदिरा गांधी ने सबसे पहले शिप्की ला का डॉ परमार के साथ दौरा किया था। उनका उद्देश्य सेना का मनोबल को बढ़ाना था।