शिमला के लिए 229 करोड़ की मल शोधन परियोजना स्वीकृत
शिमला : केंद्र सरकार ने शिमला शहर के लिए 229 करोड़ रुपए की मल शोधन परियोजना को स्वीकृति प्रदान की है। यह परियोजना वर्ष, 2025 तक पूर्ण की जाएगी तथा इससे शिमला शहर की आबादी को आने वाले 30 वर्षों तक मल निकासी की सुविधा मिलेगी। शहरी विकास मंत्री सुरेश भारद्वाज ने यह जानकारी देते हुए बताया कि इस परियोजना के अन्तर्गत शिमला शहर में नई मल निकासी व्यवस्था स्थापित करने तथा पुरानी लाइनों को स्तरोन्नत करने के लिए विस्तृत परियोजना रिपोर्ट केंद्र सरकार के केंद्रीय आवास एवं शहरी कार्य मंत्रालय के केंद्रीय सार्वजनिक स्वास्थ्य और पर्यावरण अभियान्त्रिकी संगठन को भेजी गई थी। इसके बाद केंद्र सरकार से 229 करोड़ रुपए की इस परियोजना को स्वीकृति प्राप्त हुई हैं। इस परियोजना के लिए विश्व बैंक की तरफ से प्रोग्राम-फॉर-रिजल्ट के अन्तर्गत वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी। उन्होंने कहा कि शिमला जल प्रबंधन निगम लिमिटेड की तरफ से शहर में लगभग 230 किलोमीटर पाइपें बिछाई जाएगी, ताकि शहर के सभी घरों में मल निकासी की सुविधा प्रदान करने के लिए एक नई व्यवस्था बनाई जा सके। इस परियोजना से शिमला शहर में मल निकासी सुविधा में शामिल न हो सके लोगों को भी सुविधा मिलेगी। उन्होंने कहा कि वर्तमान मल निकासी व्यवस्था को स्तरोन्नत किया जाएगा, जिसके तहत बिछाई गई पुरानी लाइनों को 4 ईंच व्यास से 6 ईंच व्यास में बदला जाएगा। यह परियोजना शिमला जल प्रबंधन निगम लिमिटेड की तरफ से वर्ष, 2025 तक चरणबद्ध रुप से पूर्ण की जाएगी। उन्होंने कहा कि इस परियोजना के लागू होने के बाद शिमला शहर में मल निकासी के लिए सेप्टिक टैंक पर निर्भर नहीं रहना पड़ेेगा। यह परियोजना शिमला शहर के ढली तथा मशोबरा के शेष बचे कुछ भागों को मल निकासी सुविधा से जोड़ेगी।