हिमालय साहित्य मंच की एक और यादगार साहित्य गोष्ठी
मैं इक चराग़ हूँ, चाहे कहीं रखो मुझको,
मैं रौशनी के सिवा दोस्त कुछ नहीं करता : अभिषेक तिवारी
शिमला : शिमला के गेयटी सभागार में हिमालय साहित्य संस्कृति और पर्यावरण मंच द्वारा इस वर्ष की दूसरी साहित्यिक गोष्ठी आयोजित की गई जिसकी अध्यक्षता सेतु पत्रिका के संपादक और हिमाचल क्रिएटिव राइटर फोर्म के अध्यक्ष डॉ.देवेंद्र गुप्ता ने की जिनके साथ गुप्तेश्वर नाथ उपाध्याय, डॉ.रोशन लाल जिंटा और अभिषेक तिवारी ने मंच सांझा किया। गोष्ठी शुरू होने से पूर्व हिमालय साहित्य मंच की सक्रिय सदस्या वंदना राणा की माता श्री, शिवन कुमार गैर के पिता श्री और उमा ठाकुर नधैक के ससुर के दिवंगत होने पर दो मिनट का मौन रख कर विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित की गई जिनका पिछले दिनों देहांत हो गया था।
आज की गोष्ठी का शुभारंभ करते हुए मंच के अध्यक्ष एस आर हरनोट ने उपस्थित वरिष्ठ लेखकों और छात्रों का स्वागत करते हुए अगले आयोजित होने वाले दो कार्यक्रमों की भी घोषणा की जिनमें छात्र रचनाकारों के लिए रचना कार्यशाला और पांच साल से पंद्रह साल के बच्चों के लिए कविता, कहानी और संगीत गोष्ठी शामिल रहेगी। बच्चों के लिए गोष्ठी का उद्देश्य उन्हें मंच प्रदान करना और साहित्य, संस्कृति एवं संगीत के क्षेत्र में उनकी रुचि विकसित करना है।
गोष्ठी की अध्यक्षता कर रहे देवेंद्र गुप्ता ने अपना वक्तव्य विशेष रूप से कविता के वर्तमान स्वरूप को समक्ष रखते हुए उसकी पठनीयता और गुणवत्ता को केंद्र में रख कर दिया। उन्होंने युवा और वरिष्ठ कवियों की प्रत्येक कविता पर सकारात्मक टिप्पणियां की जिनमें बहुत गहराई से अध्ययन और अभ्यास की सीख भी छिपी थी। उन्होंने आगे कहा कि कविता के क्षेत्र में मात्रात्मक मोर्चे पर तो खूब बढ़ोतरी हुई लेकिन गुणात्मक स्तर पर उतनी तरक्की नहीं हो सकीं । पर आज के कवि सम्मेलन से एक आस जगती है कि हिमाचल मे भी हिंदी में कई युवा कवि बेहतर कविता लिख रहे हैं जो बाजारवाद और अपसंस्कृति के विरुद्ध ग्लोबल चिंताओं से लैस है।
मंच का खूबसूरत संचालन दीप्ति सारस्वत “प्रतिमा” ने किया।
पेशे से आयुर्वेदा आचार्य लेकिन बहुत अच्छे कवि और चित्रकार अनुराग विजयवर्गीय तथा अभिषेक तिवारी ने अपनी गजलों और गीतों से सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया। अन्य युवा और वरिष्ठ लेखकों की रचनाओं को भी खूब तालियां मिली। वरिष्ठ कवि ओमप्रकाश शर्मा जी ने गोश्ठे यानि उपले की हम जीती संस्कृति पर पहाड़ी में सुंदर कविता पढ़ी। छात्रों का जोश देखते ही बनता था।
गोष्ठी में प्रो. मीनाक्षी एफ पॉल, गुप्तेश्वर नाथ उपाध्याय, अनुराग विजयवर्गीय, ओम प्रकाश शर्मा, रोशन लाल जिंटा, दीप्ति सारस्वत प्रतिमा, जगदीश कश्यप, अभिषेक तिवारी, स्नेह नेगी, सतीश शर्मा, सुरेश चंद शुक्ला, वीरेंद्र कुमार, सुशील कुमार, अश्वनी कुमार, कौशल्या ठाकुर और विश्वविद्यालयों, कॉलेजों तथा वरिष्ठ माध्यमिक पाठशालाओं से आए छात्रों में स्वप्निल सूर्यांश, निकिता शर्मा, ग़ज़ल, प्राची, विनीत भारद्वाज, अमृता, तमन्ना, गगनजीत प्रेमी, अंजली, उषा शोना, यादव कुमार, प्रियंका शर्मा, राहुल प्रेमी, वंदना शर्मा और बलवीर सिंह शामिल रहे। आज भी कई नए छात्र और लेखक मंच से जुड़े। करसोग से आए युवा रचनाकार सुशील कुमार और छात्रा ग़ज़ल की किसी मंच पर पहली प्रस्तुतियां थीं।
अंत में मंच के सक्रिय लेखक सदस्य गुप्तेश्वर जी को वर्ष 2020 की तरह 2021 में भी पोस्टल सर्कल, हिमाचल प्रदेश द्वारा आयोजित राज्य स्तरीय नारा लेखन प्रतियोगिता प्रथम स्थान प्राप्त करने और पुरस्कार के रूप में 10000/(दस हजार रुपए) रुपए की पुरस्कार राशि मिलने पर हार्दिक बधाई दी गई।
तीन बजे से शुरू हुई यह साहित्यिक गोष्ठी सांय छह बजे तक चली। गेयटी प्रबंधन का सहयोग के लिए और मीडिया का लाइव तथा प्रिंट कवरेज हेतु भी आभार व्यक्त किया गया।