December 17, 2024

राजस्व मामलों के निपटारे में जुटी हिमाचल सरकार

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शिमला : पीढ़ी दर पीढ़ी चले आ रहे राजस्व मामलों के निपटारे के लिए पहली बार किसी राज्य सरकार ने गंभीरता के साथ कदम उठाने शुरू किए हैं। हिमाचल प्रदेश के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ कि लंबित राजस्व मामलों की संख्या देखते हुए स्वंय मुख्यमंत्री ने अधिकारियों के साथ बैठक की और उन्हें प्राथमिकता के आधार पर पारदर्शिता के साथ वर्षों से लंबित मामलों को निपटारा करने के निर्देश दिए। यही नहीं, ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू राजस्व मामलों की प्रगति को अधिकारियों को उनकी एसीआर के साथ जोड़ने के निर्देश देकर कड़ा संदेश दिया है। यानी छोटे राजस्व अधिकारी से लेकर मंडलीय आयुक्त को इस परीक्षा से गुजरना होगा। सुक्खू सरकार का इरादा साफ़ है कि आम आदमी के हितों के लिए वर्तमान राज्य सरकार पूरी तरह से सजग है और इसके लिए अफ़सरशाही को भी खींच कर रखा जाएगा।
वर्षों से लंबित राजस्व मामलों को निपटाने और आम आदमी को राहत प्रदान करने के लिए सुक्खू सरकार ने पहला कदम बढ़ाते हुए प्रदेश भर में 30 व 31 अक्तूबर, 2023 को इंतकाल अदालतों का आयोजन किया, जिसके परिणाम बेहतर रहे तथा इंतकाल के लम्बित 41,907 मामलों में से 31,105 का निपटारा कर दिया गया। इस परिणाम से उत्साहित राज्य सरकार 1 व 2 दिसंबर को पुनः प्रदेश भर में इस प्रकार की विशेष अदालत लगाने का निर्णय किया है तथा इसे राजस्व लोक अदालत का नाम दिया गया है क्योंकि इस विशेष अदालत में इंतकाल के साथ-साथ तकसीम के लम्बित मामलों का प्राथमिकता के आधार पर निपटारा किया जाएगा। मुख्यमंत्री के निर्देश साफ़ है कि राजस्व के लंबित मामले भी निपटें और इसमें पारदर्शिता का ध्यान भी रखा जाए। इसके साथ-साथ सभी निपटाए गए हर मामले की सूची नाम, पते और फ़ोन नंबर सहित भेजी जाए, ताकि लोगों से फ़ीडबैक भी प्राप्त की जा सके।
प्रदेश भर में लंबित राजस्व मामलों की बहुत बड़ी तादाद है। तकसीम के ही राज्य में 28,472 मामले लंबित हैं, जिनमें सबसे ज्यादा 12,014 कांगड़ा जिला में हैं। इंतक़ाल और तकसीम के साथ-साथ निशानदेही के मामले ही लंबे समय तक लटके रहते हैं, जिससे आम आदमी को परेशानी का सामना करना पड़ता है लेकिन मुख्यमंत्री की प्राथमिकता से अब इन मामलों के लंबे वक्त तक चलने की प्रथा बंद होने की उम्मीद जगी है।
मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू कई मर्तबा कह चुके हैं कि वह भी एक आम परिवार से निकले हैं, इसलिए आम आदमी के दर्द से भली भाँति वाक़िफ़ हैं और राज्य सरकार आम आदमी को राहत प्रदान करने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ेगी। राजस्व संबंधी मामले वर्षों तक लंबित रहते हैं, जिससे लोगों को असुविधा का सामना करना पड़ता है लेकिन वर्तमान सरकार इनका समयबद्ध निपटारा चाहती है।
प्रदेश में 31 अक्टूबर 2023 तक तकसीम के लम्बित मामले:-
बिलासपुर  1407
चंबा 680
हमीरपुर  2413
कांगड़ा  12,014
किन्नौर 156
कुल्लू  1057
लाहौल-स्पीति 48
मंडी  3208
शिमला 1288
सिरमौर  1072
सोलन  1156
ऊना 3973