भारत में 27 साल पहले पंडित सुखराम के मोबाइल पर बजी थी पहली घंटी
शिमला : 6 दशक तक सियासत में छाप छोडऩे वाले पूर्व केंद्रीय दूरसंचार मंत्री पंडित सुखराम को देश में संचार क्रांति का मसीहा माना जाता है। पंडित सुखराम के केंद्र में मंत्री पद पर रहते हुए देश में 31 जुलाई, 1995 को मोबाइल सेवा का शुभारंभ हुआ था। देश में इस दौरान पहली बार 2 नेताओं ने मोबाइल पर बात की थी और वह थे पश्चिम बंगाल के तत्कालीन मुख्यमंत्री ज्योति बसु और तत्कालीन केंद्रीय मंत्री पंडित सुखराम। यह फोन कोलकाता से नई दिल्ली के लिए मिलाया गया था, जिस पर पहली बार पंडित सुखराम ने मोबाइल पर हैलो कहा था। उस समय यह पहली कॉल 16 रुपए की थी, जो आज के समय में मुफ्त या फिर नाममात्र राशि देकर बात की जा सकती है। तब से लेकर आज तक 27 वर्ष के अंतराल में मोबाइल लोगों की ङ्क्षजदगी का अहम हिस्सा बन चुका है। हिमाचल में भी दूरसंचार नेटवर्क को बढ़ाने का श्रेय पंडित सुखराम को ही जाता है। उनके प्रयासों से यदि प्रदेश में संचार नेटवर्क का विस्तार न होता तो वर्ष, 2005 में चीन अधिकृत तिब्बत में बनी पाराछू झील फटने के बाद तबाही मच सकती है। यानि उस समय टेलीफोन के माध्यम से लोगों सूचित किया गया था कि पारछू झील फटने से सतलुज में बाढ़ से भयावह स्थिति पैदा होगी। हुआ भी ऐसे ही और इससे हिंदुस्तान-तिब्बत मार्ग को भारी नुकसान पहुंचा तथा वांगतू से समदो तक सडक़ का 10 किलोमीटर हिस्सा बह गया था। इसके अलावा करीब 10 पुल व 11 रोप-वे भी बह गए थे। इससे सरकारी और निजी संपत्ति को करीब 2,700 करोड़ के नुकसान का अनुमान लगाया गया था। इसी तरह नदी तट पर रिहायशी क्षेत्र को भी भारी नुकसान पहुंचा था, लेकिन लोगों को सूचना समय पर मिलने से सुरक्षित जगहों पर जाने का समय मिल गया था।