पौंग बांध विस्थापितों के मामलों का शीघ्र समाधान करे केंद्र सरकार : जयराम
शिमला: मख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने केंद्र सरकार से सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय के अनुसार पौंग बांध विस्थापितों के लम्बित मामलों का शीघ्र समाधान करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश के लोगों ने पौंग बांध और अन्य जल विद्युत परियोजनाओं के निर्माण के कारण विस्थापन का दर्द झेला है। पौंग बांध के निर्माण के दृष्टिगत 16,352 विस्थापित हिमाचलियों के पुनर्वास के लिए राजस्थान में 2.25 लाख एकड़ भूमि आरक्षित की गई थी, लेकिन इनमें से केवल 8,713 विस्थापितों को भूमि/मुरब्बा उपलब्ध करवाया गया है। जयराम ठाकुर जयपुर में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में आयोजित उत्तर क्षेत्रीय परिषद की 30वीं बैठक को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने ङ्क्षपजौर-बद्दी-नालागढ़ सडक़ के फोरलेन संबंधी मामला भी उठाया। उन्होंने कहा कि भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड (बी.बी.एम.बी.) परियोजनाओं में हिमाचल प्रदेश की हिस्सेदारी 7.19 फीसदी है, परन्तु राज्य को इसमें पूर्णकालिक सदस्य का दर्जा प्राप्त नहीं है। उन्होंने कहा कि भाखड़ा परियोजना में प्रदेश की 1 लाख एकड़ से अधिक उपजाऊ भूमि और ब्यास नदी पर पौंग परियोजना के कारण डैहर में 65,563 एकड़ भूमि जलमग्न हो गई है, जबकि प्रदेश को इन जलाशयों से उत्पन्न बिजली और पानी के उचित उपयोग का अधिकार नहीं दिया गया है। उन्होंने बैठक में हिमाचल प्रदेश दूसरे राज्यों के साथ अंतरराज्यीय विवाद, कानून-व्यवस्था, आंतरिक सुरक्षा, जल संबंधी विवाद व नशे के कारोबार से जुड़े मामलों को भी उठाया तथा इन विषयों को लेकर 8 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों और लैफ्टिनेंट गवर्नर ने भाग लिया। उन्होंने कहा कि नशीले पदार्थों की समस्या से निपटने के लिए मिलकर काम करना होगा। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार पड़ौसी राज्यों के साथ निरन्तर समन्वय बनाए हुए है।
585 दुर्गम गांव में दूरसंचार कनैक्टिविटी व वन संरक्षण मामला उठाया
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने राज्य के 585 दुर्गम गांव में दूरसंचार संपर्क का मामला भी उठाया। साथ ही उन्होंने वनों के संरक्षण में राज्य की प्रभावी भूमिका को रेखांकित करते हुए वन संरक्षण अधिनियम, 1980 में कुछ संशोधन करने के सुझाव दिए।