वित्तीय वर्ष, 2014-15 से विधायक प्राथमिकता पर खर्च होने वाली राशि नहीं बढ़ी
शिमला : हिमाचल प्रदेश में वित्तीय वर्ष, 2014-15 से लेकर अब तक विधायक प्राथमिकता के ऊपर व्यय की जाने वाली राशि बढ़ नहीं पाई थी। ऐसे में वित्तीय वर्ष, 2022-23 के लिए भी विधायक वित्तीय वर्ष, 2014-15 के पैट्रन पर ही अपनी प्राथमिकताएं देंगे। यानि विधायकों को अपनी अधिकतम 6 योजनाओं की प्राथमिकताएं 135 करोड़ रुपए के दायरे में रहकर देनी होगी। हैरानी इस बात की भी है कि प्रदेश में विधायक प्राथमिकताओं के सैकड़ों करोड़ों रुपए की प्राथमिकताएं अभी लंबित पड़ी है, जिन पर विभिन्न कारणों के चलते काम शुरू नहीं हो पाया है। इसमें डी.पी.आर. का समय पर नहीं बन पाना और एफ.सी.ए. सहित अन्य क्लीयरैंस का समय पर नहीं मिलना है। बीते साल भी विधायक प्राथमिकता बैठक में विपक्ष ने इस विषय को प्रमुखता से उठाते हुए सत्तापक्ष को आड़े हाथों लिया था। इस बार भी विधायक प्राथमिकता बैठक में ऐसी बहसबाजी हो सकती है। इसी बात को ध्यान में रखते हुए सत्तारुढ़ भाजपा ने रविवार (16 जनवरी) को विधायक दल की बैठक बुलाई है। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की अध्यक्षता में होटल पीटरहॉफ में होने वाली इस बैठक के लिए सत्तापक्ष दल अपने स्तर पर रणनीति बनाएगा। हालांकि इस बैठक में कोविड-19 प्रबंधन पर सत्ता-संगठन स्तर के अन्य विषयों पर भी चर्चा होगी।