हिमाचल में मानसून सीजन के दौरान रद्द हुई माइनिंग लीज

शिमला : हिमाचल प्रदेश में मानसून सीजन के दौरान माइनिंग लीज को रद्द कर दिया गया है। इसके तहत ऊना जिला में तुरंत प्रभाव से सभी नदी-नालों के किनारे माइनिंग लीज को रद्द किया गया है तथा शेष जिलों में खनन अधिकारियों को स्थिति को देखते हुए इस पर निर्णय लेने को कहा था। प्रदेश में पिछले वर्ष मानसून के दौरान आई प्राकृतिक आपदा में अवैध खनन के कारण भारी तबाही मची थी। इसको लेकर कई तरह के सवाल भी उठे थे। लिहाजा ऐसे में इस बार मानसून सीजन के दौरान नदी-नालों में होने वाले खनन के कारण किसी तरह की तबाही न हो इसको लेकर यह निर्णय लिया गया है। इसके बावजूद यदि कोई मानसून सीजन के दौरान ऐसी गतिविधियों में सलिप्त पाया जाता है, तो उसके खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी। यानी माननिंग लीज 1 जुलाई से 15 सितम्बर की अवधि के बीच रद्द रहेगी। प्रदेश में इस बार भी नदी-नालों के किनारे बरसात के दौरान तबाही का खतरा बना हुआ है। उल्लेखनीय है कि पिछली बरसात में ब्यास नदी ने खूब तांडव मचाया था, जिस कारण कई रिहायशी इलाकों में पानी घुस गया था। इस दौरान बड़ी संख्या में लोगों की जान भी गई थी।
पिछली बरसात के दौरान ब्यास बेसिन में 131 स्टोन क्रशरों में से 68 के पास अनुमति नहीं मिली थी। इसका खुलासा सरकार की तरफ से गठित मल्टी सैक्टर कमेटी की रिपोर्ट में हुआ था। इसके अतिरिक्त 7 क्रशर बाढ़ से प्रभावित पाए गए थे, जबकि 6 में भंडारण से संबंधित तथा अन्य अनियमितताएं पाई गई हैं।