हिमाचल पहुंचा लंपी वायरस; 41 पशु मरे, 400 से अधिक संक्रमित
शिमला : पशुओं में होने वाला लंपी वायरस (लंपी स्किन डीजीज) पंजाब से हिमाचल प्रदेश पहुंच गई है। इस बीमारी के कारण अब तक हिमाचल प्रदेश में 41 पशुओं की मौत हुई है और 400 से अधिक संक्रमित हुए हैं। शिमला व सोलन जिला में इससे अधिकतर पशुओं की मौत हुई है। कई पशुओं की मौत हुई है। शिमला में इसका एपिक सैंटर चैली गांव पाया गया है, जहां पर पंजाब से 1 गाय को लाया था। पंजाब से लाई गई इस गाय की इस बीमारी से मौत हो गई तथा उसके बाद यह वायरस दूसरे पशु मेंचल गया। चैली के बाद यह मामला शिमला के उपनगर शोघी से सटी थड़ी व आनंदपुर पंचायत में सामने आया है। थड़ी पंचायत के पवाड़ गांव में 1 गाय की मौत हुई है। इसके बाद प्रभावित क्षेत्र एवं पंचायत में पशुओं का टीकाकरण किया जा रहा है। यह वायरस मुख्य रुप से अधिक दूध देने वाले, छोटे व बूढ़े पशुओं को अपनी चपेट में ले रहा है। यानि जिन पशुओं की इम्युनिटी कमजोर है, वह इसकी चपेट में आ रहे हैं।
लंपी स्किन डीजीज यानि लंपी वायरस के कारण पशुओं के शरीर में गांठें बन जाती है। इससे पशुओं को बुखार आता है और उनका वजन कम हो जाता है। पशुओं को सही समय पर उपचार न मिलने से उनकी मौत हो जाती है। यह वायरस मच्छरों, मक्खियों, जूं व पीसू से दूसरे पशु में जाती है। इस वायरस के होने पर पशुओं को आइसोलट करने यानि दूसरे पशुओं से अलग करने की सलाह दी जाती है। हालांकि संतोष की बात यह है कि यह बीमारी पशुओं से लोगों को नहीं आती और न ही संक्रमित पशुओं का दूध पीने से किसी तरह की हानि होती है।
शिमला के उपनगर शोघी से लगती थड़ी पंचायत में जहां इस वायरस के लक्षण देखे गए हैं, वहां पर कुछ साल पहले मुंह-खुर की बीमारी से करीब 50 पशुओं की मौत हो चुकी है। उस समय भी पंचायत स्तर पर पशुओं का टीकाकरण किया गया था तथा महीनों बाद इस पर काबू पाया जा सका था।
टॉस्क फोर्स गठित होगी : कंवर
पशुपालन मंत्री वीरेंद्र कंवर ने कहा कि इस बीमारी को लेकर जल्द टॉस्क फोर्स गठित होगी। इसको लेकर पूरे राज्य में अलर्ट भी किया गया है।