खुशहाला मंदिर में चढ़ा नई फसल का रोट, ध्वाजारोहण के बाद जयकारों से गूंजा परिसर

Spread the love

शिमला : शोघी से लगते श्री खुशहाला हनुमान मंदिर (बड़ा ठाकुरद्वारा) में प्राचीन परम्परा के अनुसार नई फसल का रोट चढ़ाया गया। इस दौरान मंदिर में आयोजित यज्ञ में श्रद्धालुओं ने आहुति दी, जिसके बाद ध्वाजारोहण हुआ। मंदिर में नए ध्वज को दोपहर 12 बजे बदला गया और इस अवसर पर पूरा परिसर श्रीराम भक्त हनुमान के जयकारों से गूंज उठा। मंदिर समिति के महासचिव प्रेम ठाकुर ने बताया कि इस अवसर पर खुशहाला परगना के लोगों के लिए विशेष रुप से शुद्ध देसी घी में 121 किलो नई फसल का रोट तैयार करके उसका वितरण किया गया। मंदिर परिसर में इस दौरान विशाल भंडारे का आयोजन भी किया गया, जिसमें बढ़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने भाग लिया। शिमला से खुशहाला मंदिर पहुंचने के लिए एच.आर.टी.सी. बस सेवा की विशेष तौर पर व्यवस्था की गई थी। इस प्राचीन मंदिर से जुड़ी एक प्रसिद्ध कथा भी है। ऐसा माना जाता है कि त्रेतायुग में रामभक्त हनुमान जब संजीवनी बूटी लेकर जा रहे थे, तो उनका पांव जाखू के अलावा खुशाहाला की पहाड़ी पर भी पड़ा था। जैसे ही खुशहाला की पहाड़ी पर हनुमान का पैर पड़ा, वह नीचे खाई में धंस गया। वहां बाबा जानकीदास ध्यान में मग्र थे। उन्होंने हनुमान के पैर पकड़ लिए तथा सदा मूर्ति रुप में विराजमान रहने की प्रार्थना की, ताकि यहां आने वाले श्रद्धालु को खुशहाली का वरदान मिल सके। तबसे इस मंदिर को खुशहाला महावीर मंदिर से जाना जाता है।