एक देश-एक चुनाव पर संयुक्त संसदीय समिति ने टटोली हिमाचल की नब्ज

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शिमला : एक देश-एक चुनाव को लेकर पी.पी. चौधरी की अध्यक्षता में शिमला पहुंची संयुक्त संसदीय समिति (जे.पी.सी.) ने दूसरे दिन पक्ष-विपक्ष के नेताओं की नब्ज को टटोला। इस दौरान पक्ष-विपक्ष के नेताओं ने लोकतंत्र की मजबूती को लेकर अपना पक्ष रखा। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने अपना पक्ष रखने के बाद पत्रकारों से अनौपचारिक बातचीत में कहा कि देश के मौजूदा परिदृश्य को देखते हुए कांग्रेस पार्टी एक देश-एक चुनाव के पक्ष में नहीं है, लेकिन लोकतंत्र की मजबूती के लिए उन्होंने अपने विचार रखे हैं। उन्होंने सुझाव दिया कि भविष्य में उपचुनाव को 6 माह की बजाए 1 वर्ष के अंतराल में करवाया जाना चाहिए। इसके अलावा पंचायत से लेकर विधानसभा और लोकसभा चुनाव के लिए एक समान मतदाता सूची को लेकर उनको कोई आपत्ति नहीं है। उन्होंने कहा कि यह भी स्पष्ट करने की आवश्यकता है कि यदि कोई सरकार गिरती है, तो उस स्थिति में क्या हालात होंगे और एक देश-एक चुनाव के समय कुछ समय चुनी गई सरकार को कैसे फिर से जनादेश प्राप्त करने के लिए कहा जा सकता है? उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्रिहोत्री ने भी इस विषय में अपने विचारों को साझा किया। नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने जे.पी.सी. के समक्ष एक देश-एक चुनाव के लिए 129वें संविधान संशोधन का जायज ठहराया तथा कहा कि संविधान निर्माताओं ने भी ऐसी ही परिकल्पना की थी। उन्होंने कहा कि इससे देश में विकास कार्य के लिए अधिक समय मिल सकेगा, अन्यथा बार-बार चुनाव होने से कामकाज प्रभावित होता है। उन्होंने कहा कि ऐसा करने से कुछ राज्य सरकारों के कार्यकाल में कटौती की संभावना है, लेकिन इसके दीर्घकालीन लाभ होंगे। उन्होंने कहा कि देश के कई राज्यों में विधान परिषद की व्यवस्था है और कुछ में नहीं है। ऐसे में सभी राज्यों में एकरुकता लाई जानी चाहिए।
कुलदीप सिंह पठानिया
विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने कहा कि एक राष्ट्र-एक चुनाव व्यवस्था लागू होने से विधानमंडलों का कार्यकाल कम होना मूल व्यवस्था के अनुरुप नहीं होगा। उन्होंने कहा कि 129वां संवैधानिक संशोधन कहीं न कहीं संसद की शक्तियों पर अंकुश लगाने का प्रयास है, जिस पर व्यापक चर्चा करने की आवश्यकता है। हालांकि एक देश-एक चुनाव करवाना स्वागत योग्य पहल है, लेकिन इसे लागू करने के लिए कारगर प्रशासनिक कदम उठाए जाने की आवश्यकता है। उन्होंने दल-बदल कानून को और कठोर बनाने की आवश्यकता जताई। विधानसभा उपाध्यक्ष विनय कुमार भी इस अवसर पर मौजूद रहे।
डा. राजीव बिंदल
भाजपा ने प्रदेश अध्यक्ष डा. राजीव बिंदल की अध्यक्षता में एक देश-एक चुनाव को लेकर अपनी रिपोर्ट जे.पी.सी. को सौंपी। उन्होंने कहा कि भाजपा ने प्रदेश में अपनी एक टीम गठित की, जिसने पंचायतीराज संस्थाओं और स्थानीय निकायों से 1500 के लगभग प्रस्ताव प्राप्त किए हैं, जो एक देश-एक चुनाव के पक्ष में है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री प्रो. प्रेम कुमार धूमल के कार्यकाल में 8 अप्रैल, 2010 को इस विषय को लेकर हिमाचल विधानसभा में प्राइवेट मैंबर्स रेजोल्यूशन पारित हुआ था। पार्टी की ओर से पूर्व मंत्री सुरेश भारद्वाज, विधायक जीत राम कटवाल, मीडिया प्रभारी कर्ण नंदा एवं जिला अध्यक्ष केशव चौहान समिति भी मौजूद रहे।
पी.पी. चौधरी
संयुक्त संसदीय समिति के अध्यक्ष पी.पी. चौधरी ने कहा कि पूरे देश माहौल अगले 2 वर्ष में माहौल बनेगा कोई दल विरोध नहीं कर पाएगा। उन्होंने कहा कि मतदाताओं को नजरदांज नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा कि जनता क्या सोचती है, यह महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि देश में एक साथ चुनाव करवाने का यह नया विषय नहीं है। इसकी सिफारिश विधि आयोग और नीति आयोग की तरफ से भी की गई है। उन्होंने कहा कि पंजाब जैसे राज्य में 100 फीसदी जनता इसके पक्ष में खड़ी नजर आई है। उन्होंने कहा कि बार-बार चुनाव होने से सरकारी स्कूलों में शैक्षणिक कार्य प्रभावित होता है, क्योंकि इसमें अधिकतर शिक्षकों की सेवाएं ली जाती है।
अनुराग ठाकुर
पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं जे.पी.सी. के सदस्य अनुराग ठाकुर ने कहा कि केंद्र सरकार ने इस विषय को किसी पर थोपा नहीं है। इस पर खुले मन से विचार किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि एक साथ चुनाव नहीं होना देश के विकास में बड़ी बाधा है, जिसका खामियाजा आम जनता को झेलना पड़ता है। उन्होंने कह कि इस संशोधन से सुधार होगा और इस पर सभी राजनीतिक दल और समाज के बुद्धिजीवि वर्ग की राय ली जा रही है।