हिमाचल में न्यूनतम वेतन ₹ 18,000/- करने पर नहीं बनी सहमति

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शिमला : हिमाचल प्रदेश में भर्ती के समय न्यूनतम वेतन 18 हजार करने पर सहमति नहीं बन पाई है। ऐसे में नए भर्ती होने वाले कर्मचारियों के साथ अंशकालीन, आउटसोर्स, मिड-डे मील, जल रक्षक, आशा वर्कर, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता व सहायिकाओं के रुप में सेवाएं देने वालों की उम्मीदों पर पानी फिरा है। इसका खुलासा सरकार के साथ हुई जे.सी.सी. बैठक को लेकर सामने आए मिनट में हुआ है। जे.सी.सी. में पंजाब की तर्ज पर कर्मचारियों को भत्ते देने पर सहमति नहीं बनी है। इस पर तर्क दिया गया है कि राज्य सरकार पंजाब की तर्ज पर वेतनमान देने के लिए बाध्य है, न कि भत्तों को देने के लिए उसकी बाध्यता है। जे.सी.सी. मिनट में यह भी कहा गया है कि नए पे-रुल सामने आने पर कई तरह की विसंगतियां दूर होगी। सरकार के साथ हुई इस बैठठक में 26 मांगों पर प्रमुखता से चर्चा हुई, जबकि 35 मांगें सप्लीमैंटरी के रुप में शामिल की गई। उल्लेखनीय है कि राज्य सरकार ने करीब 2 लाख कर्मचारियों को 1 जनवरी, 2016 से संशोधित वेतनमान प्रदान करने का निर्णय लिया है। साथ ही अनुबंध की अवधि को 3 से 2 साल घटाए जाने पर सहमति बनी है। इसके अलावा एन.पी.एस. कर्मचारियों को केंद्र सरकार की तरफ से वर्ष, 2009 में जारी अधिसूचना पर अमल करने का निर्णय लिया है।

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