राष्ट्रीय जल जीवन मिशन के लिए आईआईआरडी ने मंडी से किया प्रशिक्षण आरंभ
शिमला : राष्ट्रीय जल जीवन मिशन के लिए आईआईआरडी सेवाएं प्रदान कर रहा है। इसके लिए हिमाचल में पंचायतीराज प्रतिनिधियों, युवा मंडल व महिलामंडल के सदस्यों को प्रशिक्षित किया जा रहा है। इसका पहला चरण मंडी से प्रशिक्षण के साथ शुरू हो चुका है । तीन दिवसीय आवासीय प्रशिक्षण का आरंभ सीसीडीयू मंडी के सभागार में आरंभ हुआ । राष्ट्रीय जन जीवन मिशन द्वारा हिमाचल प्रदेश में आईआईआरडी संस्था को ग्रामीण लाभान्वित लोगों को प्रशिक्षण एवं सहयोग करने के लिए चयन किया गया है।
इस प्रशिक्षण कार्यक्रम का आगाज़ मुख्य अभियंता सुशील जस्टा ने दीप प्रज्जवलन के साथ किया । उन्होंने अपने संबोधन में प्रतिनिधियों को बताया कि जल एक महत्वपूर्ण ईकाई है और इसके बिना जीवन की कल्पना संभव नहीं हैं । ऐसे में सरकार तो हर घर नल से जल की सुविधा के प्रति कृतसंकल्प है ही लेकिन इसमें आम नागरिकों की भूमिका भी बहुत महत्वपूर्ण हो जाती है । सभी को अपनी जिम्मेवारी को समझना होगा । इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में 30 प्रतिभागी शामिल हैं । पूरे दिन के सत्र में उन्हें न केवल विशयवस्तु की जानकारी प्रदान की गई बल्कि उनके लिए विविध प्रकार की गतिविधियों के माध्यम से जल की महता और उसके संरक्षण का प्रशिक्षण भी प्रदान किया गया ।
राष्ट्रीय जल जीवन मिशन के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में उन समस्त लोगों तक नल के माध्यम से जल पहुंचाने का उठाया है जिनके पास या तो नल से पानी नहीं आता या पेयजल से वंचित है । इसके लिए गांव-गांव में पाईप के माध्यम से जल को घर-घर तक पहुंचाया जाएगा । इसके लिए मिशन तो एक बारगी यह काम समाप्त कर देगा लेकिन इसके दूरगामी प्रभाव एवं संरक्षण हेतु आम ग्रामीण लोगों का जागरुक एवं प्रशिक्षित होना आवश्यक है। यही कार्य आईआईआरडी को सौंपा गया है । इस अवसर पर आईआईआरडी के प्रबंध निदेशक डॉ एल सी शर्मा ने प्रतिभागियों से बात करते हुए कहा कि जल हमारे होने का, हमारे अस्तित्व का एक महत्वपूर्ण वरदान है । इसको संरक्षित करना प्रत्येक नागरिक का कर्तव्य है । घरों में सरकार जल की सुविधा तो करवाने के लिए प्रयास कर ही रही है लेकिन जल का उपयोग कैसे करना है, किस प्रकार इसकों आने वाली पीढ़ी के लिए बचा कर रखना है, यह जिम्मेवारी हमारी है। सभी नागरिकों को यह समझना होगा। संस्था इसके लिए हर प्रकार का तकनीकि सहयोग एवं जागरुकता लोगों तक पहुंचाने के लिए प्रयासरत है । उन्होंने कहा कि गांव में पीने के पानी के लिए एक व्यापक योजना पर कार्य करने की आवश्यकता है। प्रशिक्षण में प्रोजेक्ट प्रभारी हरिन्दर वर्मा और प्रोजेक्ट समन्वयक योगिता ने भी भाग लिया।
राष्ट्रीय जल जीवन मिशन एक क्रांति की तरह है, विशेषकर ग्रामीण भारत के लिए यह वरदान साबित होगा । जहां मीलों पैदल चल कर घर की महिलाओं एवं किशोरियों को पानी के लिए जाना पड़ता था । इससे यहां एक तो सुरक्षा का प्रशन था दूसरा जो तकलीफ उठानी पड़ती थी, उसका ब्यां करना भी मुश्किल है । लेकिन मिशन इसे संभव बनाते हुए घर तक नल के माध्यम से स्वच्छ जल लाने के प्रति संकल्पबद्ध है। किस प्रकार इस योजना के अंतर्गत पानी का संरक्षण हो, स्वच्छ जल की उपलब्धता एवं सुनिश्चित बनाई जा सकती है और इस पर भी जागरुक किया जा रहा है ।
राष्ट्रीय जल जीवन मिशन के तहत केन्द्र सरकार, राज्य सरकार एवं विभाग इस प्रशिक्षण कार्यक्रम को सार्थक बनाने के लिए भरसक प्रयास कर रहा है जिसे संस्था द्वारा मुक्कमल किया जा रहा है ।