मुख्य सचिव बनने से वंचित रही निशा सिंह ने राज्यपाल को लिखा पत्र
शिमला : वरिष्ठता के बावजूद मुख्य सचिव के पद पहुंचने से वंचित रही प्रधान सलाहकार प्रशिक्षण व फॉरेन असाइनमेंट निशा सिंह ने राज्यपाल को पत्र लिख कर शिकायत की है। पत्र में न सिर्फ निशा सिंह ने न सिर्फ उनसे कनिष्ठ आईएएस को मुख्य सचिव बनाने का उल्लेख किया है, बल्कि उन्हें सौंपी गई जिम्मेवारी को लेकर जारी अधिसूचना पर भी सवाल खड़े किए हैं। 1987 बैच की आईएएस अधिकारी निशा सिंह ने पत्र राज्यपाल को लिखे पत्र में कहा है कि बेशक सरकार ने उनकी वरिष्ठता को नजरअंदाज कर उनसे जूनियर अधिकारी को मुख्य सचिव बनाया, बावजूद इसके उन्होंने सरकार के फैसले के मुताबिक सलाहकार प्रशिक्षण व फॉरेन असाइनमेंट का कार्यभार संभाल लिया । पत्र में लिखा गया है कि उनसे कनिष्ठ अधिकारी को सरकार ने मुख्य सचिव बनाया है। कनिष्ठ अधिकारी का अनुभव उनसे कम है। उनके द्वारा सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता के साथ साथ जल शक्ति व कुछ अन्य विभागों में किए कार्यों को सरकार लगातार दिखाती रही है। मगर मुख्य सचिव की नियुक्ति में उन्हें नजरअंदाज किया गया।
उन्होंने पत्र में लिखा है कि उनके कार्यभार संभालने से पहले सरकार ने उनकी जिम्मेवारी तय नहीं की। लिहाजा उन्होंने इसे लेकर 19 जुलाई को मुख्यमंत्री को पत्र लिखा। मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में निशा सिंह ने सलाहकार प्रशिक्षण के अधीन तमाम विभागों की प्रशिक्षण का पूल बनाने का आग्रह किया। इसका मकसद से प्रशिक्षण के कार्य की कारगर तरीके से निगरानी करना व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन कर्मयोगी की तर्ज पर क्षमता वद्र्धन आयोग का गठन करना था। पत्र में निशा सिंह ने इस बात पर हैरानी जताई कि मुख्यमंत्री को पत्र लिखने के करीब दो माह 5 सितंबर को सरकार ने उन्हें सौंपी गई जिम्मेवारी को लेकर अधिसूचना जारी की। उन्होंने कहा कि अधिसूचना में उन्हें विभिन्न विभागों के प्रशिक्षण कार्यक्रम पर नजर रखने के साथ साथ कुछ और दायित्व सौंपने की बात कही गई है। उन्होंने कहा कि उन्हें सौंपे गए दायित्व को लेकर जारी अधिसूचना में मुख्य सचिव का अनुभव झलकता है। निशा सिंह ने पत्र में सख्त शब्दों का उपयोग करते हुए कहा कि जो जिम्मा उन्हें सौंपा गया है उसके मुताबिक अधिसूचना जारी न होना उन्हें नागवार गुजरा है। उन्होंने राज्यपाल से इस मामले में हस्तक्षेप कर सरकार को आवश्यक दिशा निर्देश जारी करने की गुहार लगाई है।
बहरहाल निशा सिंह के राज्यपाल को लिखे पत्र से उनकी नाराजगी साफ झलक रही है। पत्र में उन्होंने यहां तक लिखा है वह आईएएस ऐसोसिएशन की अध्यक्ष हैं। महिला अधिकारी होने के नाते कई आईएएस व एचएएस महिला अधिकारी उनके साथ हो रहे अन्याय को लेकर उनसे मुलाकात करती हैं। उन्होंने कहा कि अगर महिलाओं के प्रति कोई सहानुभूति नहीं होगी तो वह कहां जाएंगी।