हिमाचल में अफसरशाही को लेकर फिर विवाद

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शिमला : वरीयता सूची को अनदेखा करके मुख्य सचिव के पद पर हुई आर.डी. धीमान ताजपोशी का मामला वरिष्ठ आई.ए.एस. अधिकारियों को फिर से अखरने लगा है। इसको लेकर प्रधान सलाहकार निशा सिंह का सवाल उठाना यह संकेत दे रहा है कि इस निर्णय से वरिष्ठ आई.ए.एस. अधिकारी खुश नहीं है। पूर्व कांग्रेस शासनकाल में भी जब वरीयता सूची को अनदेखा करके मुख्य सचिव पद पर वी.सी. फारका की ताजपोशी हुई थी, तो उस समय तत्कालीन 2 वरिष्ठ आई.ए.एस. अधिकारियों दीपक सानन और विनीत चौधरी ने केंद्रीय प्रशासनिक ट्रिब्यूनल (कैट) का दरवाजा खटखटाया था। उसके बाद दोनों अधिकारियों को उस समय प्रधान सलाहकार के पद पर नियुक्ति दी गई थी। वर्तमान हालात भी कुछ ऐसे ही है, जहां पर पर वरिष्ठ अधिकारी मुख्य सचिव की कुर्सी से वंचित रहने से नाराज है। हालांकि वरिष्ठ अधिकारियों को पहले ही प्रधान सलाहकार का ओहदा सौंपा गया है। इसमें मुख्य सचिव पद से हटाए गए राम सुभग सिंह के अलावा निशा सिंह और संजय गुप्ता को प्रधान सलाहकार लगाया गया है। निशा सिंह के अलावा प्रधान सलाहकार संजय गुप्ता की तरफ से भी पहले मुख्यमंत्री को एक पत्र लिखकर जान का खतरा होने की बात कही गई है।

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