हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश बने जी.एस. संधावालिया
शिमला : न्यायमूर्ति गुरमीत सिंह संधावालिया ने राजभवन में आयोजित सादे लेकिन गरिमापूर्ण समारोह में हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के रुप में शपथ ली। राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने उन्हें पद की शपथ दिलाई। शपथ ग्रहण समारोह के बाद पत्रकारों से अनौपचारिक बातचीत में न्यायमूर्ति संधावालिया ने कहा कि लंबित मामलों को निपटाने के लिए वह अदालती कामकाज के लिए अधिक समय देने को तैयार है। उनका उद्देश्य आम आदमी को कम समय में न्याय दिलाना है, जिसके लिए वह अपने सहयोगियों के सथ मिलकर काम करेंगे। उन्होंने न्यायिक प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए बार एसोसिएशन से समन्वय स्थापित करने की बात भी कही। उन्होंने कहा वह खुद एक प्रैक्टिसिंग वकील के रुप में काम कर चुके हैं। ऐसे में वह वकीलों के साथ शीघ्र न्याय की अपेक्षा रखने वाले लोगों की चिंताओं को समझते हैं। ऐसे में उनकी कोशिश होगी कि मामलों को बिना देरी के निपटाया जाए। हिमाचल प्रदेश में सेवा और सिविल मामलों की संख्या अधिक है, जबकि आपराधिक मामलों की संख्या अपेक्षाकृत कम है। उनके लिए न्याय प्रक्रिया को प्रभावी बनाने का अवसर है। वह वरिष्ठ नागरिकों और जरुरतमंदों को कानूनी सहायता उपलब्ध करवाने में प्राथमिकता देंगे। यह हमारी जिम्मेदारी है कि हम कमजोर वर्गों और वरिष्ठ नागरिकों को समय पर न्याय दिलाए। साथ ही हिमाचल प्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के माध्यम से वह कानूनी सहायता के क्षेत्र को और अधिक सशक्त बनाएंगे।
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समारोह के दौरान नहीं हुआ राष्ट्रगान
शिमला : हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के शपथ ग्रहण समारोह के दौरान राष्ट्रगान नहीं हुआ। इसका कारण पूर्व प्रधानमंत्री डा. मनमोहन सिंह के निधन के कारण देश में 7 दिन का राजकीय शोक होना है। राजकीय शोक के कारण पूरे देश में 7 दिन तक राष्ट्रीय ध्वज आधे झुके रहेगें।
हिमाचल से मेरा भावनात्मक जुड़ाव
न्यायमूर्ति संधावालिया ने कहा कि हिमाचल प्रदेश से उनका भावनात्मक जुड़ाव रहा है। वह इसको अपने घर जैसा माते हेँ, क्योंकि हिमाचल प्रदेश भी कभी पंजाब का हिस्सा हुआ करता था। उनका कई बार शिमला में आना हुआ है और अब यहां पर काम करने का अवसर मिलना उनके लिए घर लौटने जैसा है। हिमाचल प्रदेश एक शांतिप्रिय प्रदेश है। यहां के लोग सरल, सुसभ्य और सुसंस्कृत है।
मामलों की सुनवाई के लिए करेंगे तकनीक का उपयोग
मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि मामलों की सुनवाई के लिए तकनीक का उपयोग करेंगे। न्यायपालिका की जिम्मेदारी केवल फैसले सुनाने तक सीमित नहीं है, बल्कि यह सुनिश्चित करना भी है कि लोगों को न्याय समय पर मिल सके। अदालतें सेवा का माध्यम हैं और उनकी कोशिश रहेगी कि इसमें अधिक पारदर्शिता एवं सुगमता आए। उन्होंने हिमाचल प्रदेश में डिजिटल न्याय प्रणाली को और मजबूत करने पर भी बल दिया। हमारी प्राथमिकता न्यायपालिका और जनता के बीच विश्वास को और मजबूत करना है।
मुख्यमंत्री ने दी मुख्य न्यायाधीश को शुभकामनाएं
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने न्यायमूर्ति जी.एस. संधावालिया के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल हुए। उन्होंने इस अवसर पर शपथ लेने के बाद एन मुख्य न्यायाधीश को बधाई एवं शुभकामनाएं दी। मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना ने समारोह की कार्यवाही का संचालन करते हुए राष्ट्रपति की तरफ से जारी नियुक्ति पत्र पढ़ा। हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय के न्यायाधीश, पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय के न्यायाधीश, हिमाचल प्रदेश राज्य मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष न्यायमूर्ति पी.एस. राणा, लोकायुक्त न्यायमूर्ति चंद्र भूषण बारोवालिया, हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के परिवार के सदस्य, विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया, उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान, राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी, मुख्यमंत्री के प्रधान मीडिया सलाहकार नरेश चौहान एवं महाधिवक्ता अनूप कुमार रतन सहित अन्य नेता, वरिष्ठ अधिकारी तथा विभिन्न बोर्डों एवं निगमों के अध्यक्ष एवं उपाध्यक्ष मौजूद थे।