बागवानों के शोषण को रोकने के लिए गठित कमेटी की बैठक में लिए गए महत्त्वपूर्ण निर्णय

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शिमला : मुख्य सचिव आर.डी. धीमान ने आज यहां विभिन्न स्तरों पर बागवानों के शोषण को रोकने के लिए गठित समिति की बैठक की अध्यक्षता की। बैठक में बागवानों के हितों और सेब की फसल से संबंधित महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए।
उन्होंने कहा कि बैठक में यह निर्णय लिया गया कि प्रदेश में सभी बागवानों जिन्होंने 01 अप्रैल, 2022 के बाद सेब की पेटियां एवं ट्रे खरीदी हैं, उन्हें वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) का 6 प्रतिशत उपदान बागवानी विभाग एवं एच.पी.एम.सी के माध्यम से उपलब्ध करवाया जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश के बागवान उद्यान विभाग के संबंधित कार्यालय में एक फॉर्म पर अपने प्रार्थना पत्र के साथ जीएसटी बिल की कॉपी, बिक्री प्रकरण (सेल प्रूफ)/परिवहन वस्तु रसीद/बाजार शुल्क की प्रति उपलब्ध करवाएं ताकि उनके आधार युक्त बैंक खातों में 6 प्रतिशत जीएसटी का लाभ एच.पी.एम.सी के माध्यम से सीधा जमा करवाया जा सके। इसके अतिरिक्त एच.पी.एम.सी. द्वारा विक्रय किए गए कार्टन एवं ट्रे पर भी यह उपदान देय होगा। इस जीएसटी के खर्च को प्रदेश सरकार द्वारा वहन किया जाएगा।
बैठक में एच.पी.एम.सी को यह निर्देश जारी किये गये कि इस सेब सीजन को ध्यान में रखते हुए वह कम से कम एक करोड़ पेटियों की पैकेज सामग्री के आबंटन की तैयारी करे। यह अवगत करवाया गया कि एचपीएमसी द्वारा इस संबंध में 50 प्रतिशत तैयारी की जा चुकी है।
बैठक में यह भी तय किया गया कि 8 करोड़ 65 लाख रुपये की धनराशि जो प्रदेश सरकार ने वर्तमान में विभाग को प्रदान की है, उसका भुगतान बागवानों को तुरंत किया जाए ताकि 2021 तक एम.आई.एस. की अदायगी पूर्ण रूप से कर दी जाए। बैठक में यह भी बताया गया कि इस वर्ष की अदायगी करने के लिए सरकार द्वारा धन की उपलब्धता करवाई जाती रहेगी, ताकि बागवानों को किसी प्रकार की असुविधा का सामना न करना पड़े।
बैठक में निर्णय लिया गया कि बागवानों से संबधित उपकरण, एंटी हेलनेट तथा अन्य संबंधित उपकरणों की अदायगी के लिए विभाग द्वारा इस वर्ष के बजट व्यय के पश्चात उसे तुरंत अतिरिक्त बजट के प्रावधान की व्यवस्था कर दी जाएगी।

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