जी.एस.टी. परिषद बैठक में हिमाचल की मांग पर लगी मोहर
शिमला : रोप-वे निर्माण में अब 18 फीसदी की बजाए 5 फीसदी जी.एस.टी. को लिए जाने पर सहमति बनी है। प्रदेश के ऊर्जा मंत्री सुखराम चौधरी ने यह मांग चंडीगढ़ में आयोजित वस्तु एवं सेवा कर परिषद (जी.एस.टी. काउंसिल) की बैठक में उठाई और इससे संबंधित प्रस्ताव को भी पारित कर दिया गया। उन्होंने संपर्क करने पर बताया कि बैठक में हिमाचल प्रदेश के पक्ष को माना गया है। इससे प्रदेश में रोप-निर्माण में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश की कठिन भौगोलिक परिस्थिति व वन क्षेत्र को ध्यान में रखते हुए रोप-वे निर्माण ही कारगर है। इससे जहां पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा, वही सेब की ढुलाई जैसे कार्य में भी मदद मिलेगी। उन्होंने पन विद्युत क्षेत्र में भी 18 फीसदी की बजाए 5 फीसदी जी.एस.टी. लिए जाने की मांग की। उन्होंने कहा कि जब सोलर पॉवर में 5 फीसदी राशि ली जाती है, तो पवन विद्युत क्षेत्र में भी इसके ऊपर अमल होना चाहिए। मौजूदा समय में पन विद्युत क्षेत्र में 18 फीसदी जी.एस.टी. की शर्त पर प्रोजैक्ट की लागत बढ़ रही है, जिससे प्रदेश में समय पर ऊर्जा का समुचित दोहन नहीं हो पा रहा है। ऊर्जा मंत्री सुखराम चौधरी के साथ इस बैठक में प्रदेश सरकार के अधिकारी सुभाशीष पांडा और यूनस भी मौजूद थे। उल्लेखनीय है कि केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में आयोजित इस 2 दिवसीय बैठक का समापन बुधवार 29 जून को होगा, जिसमें प्रदेश सरकार की तरफ से जी.एस.टी. क्षतिपूर्ति भरपाई सहित अन्य मसलों को उठाया जा सकता है।