नए वित्तीय वर्ष में भी नहीं बदली जी.पी.एफ. ब्याज दर

शिमला : वित्तीय वर्ष, 2025-26 में भी जनरल प्रोवीडैंट फंड (जी.पी.एफ.) ब्याज दर में कोई बदलाव नहीं हुआ है। इस तरह से कोरोना काल से लेकर अब तक कर्मचारियों को जी.पी.एफ. पर मिलने वाली ब्याज दरों में कोई बढ़ौतरी नहीं हो पाई है। यानी अब वित्तीय वर्ष, 2025-26 में 1 अप्रैल से 30 जून, 2025 तक जी.पी.एफ. पर 7.1 फीसदी ब्याज मिलेगा। ब्याज दरों में बढ़ौतरी नहीं होने से कर्मचारियों को निराशा हाथ लगी है। इससे पहले 1 अक्तूबर से दिसम्बर, 2019 और 1 जनवरी से 31 मार्च, 2020 के मध्य ब्याज दर 7.9 फीसदी थी। इसके बाद कोरोना काल में ब्याज दर में 0.8 फीसदी की कटौती हुई। इससे पहले अप्रैल से जून, 2019 तक ब्याज दर 8.0 फीसदी तथा अप्रैल, 2017 से 30 जून, 2017 की अवधि में भी 7.9 फीसदी ब्याज दर निर्धारित की गई थी। उल्लेखनीय है कि राज्य में करीब 1.82 लाख कर्मचारी जी.पी.एफ. के दायरे में आते हैं। इस राशि पर कर्मचारियों को सरकार की तरफ से ब्याज मिलता है, जिसकी दरें समय-समय पर निर्धारित की जाती है। जी.पी.एफ. पर मिलने वाली ब्याज में साल दर साल कटौती होती रही है। वर्ष, 2015-16 में ब्याज दर 8.7 फीसदी थी। इसी तरह वर्ष, 2014-15 के दौरान भी ब्याज दर को 8.7 फीसदी ही रखा गया था।