किराए के भवन में चल रहे सरकारी कार्यालय दूसरे जिलों में स्थानांतरण की मांग

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शिमला : किराए के भवन में चल रहे सरकारी कार्यालयों को शिमला से दूसरे जिलों में स्थानांतरित करने की मांग उठने लगी है। इसमें प्रमुख रुप से सरकार 2 विकल्पों पर विचार कर रही है। पहला विकल्प यह कि जिला में मौजूद खाली सरकारी भवनों में ऐसे कार्यालय तब्दील किया जाए। दूसरा विकल्प यह कि ऐसे कार्यालय अन्य जिलों में खाली पड़े सरकारी भवनों में तब्दील किए जाए। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू से सरकारी कार्यालयों को शिमला से धर्मशाला तब्दील करने की ऐसी ही मांग कांग्रेस नेता देवेंद्र जग्गी के नेतृत्व में आए प्रतिनिधिमंडल ने की। प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि शिमला सहित विभिन्न स्थानों पर किराए के मकानों में चल रहे ऐसे सरकारी कार्यालयों को धर्मशाला में खाली पड़े सरकारी भवनों में स्थानांतरित किया जाए। उन्होंने कहा कि इससे राज्य सरकार पर वित्तीय बोझ कम करने के साथ-साथ कुछ शहरी क्षेत्रों में भीड़ कम करने में भी मदद मिलेगी। मुख्यमंत्री ने प्रतिनिधिमंडल को आश्वासन दिया कि उनकी मांगों पर उचित कार्रवाई की जाएगी। उल्लेखनीय है कि इससे पहले मुख्यमंत्री ने कहा था कि राज्य सरकार हिमाचल प्रदेश पर्यटन विकास निगम (एच.पी.टी.डी.सी.) कार्यालय को शिमला से धर्मशाला स्थानांतरित करने की संभावनाएं तलाश रही है। उन्होंने समीक्षा बैठक के दौरान स्पष्ट किया था कि सरकार ने कांगड़ा जिले को राज्य की पर्यटन राजधानी घोषित गया है। उन्होंने कहा था कि राज्य सरकार एच.पी.टी.डी.सी. को आर्थिक तौर पर संपन्न और व्यवहारिक संगठन बनाने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है। इसके लिए पर्यटन विकास निगम की 11 प्रमुख संपत्तियों के जीर्णोद्धार एवं पुनरुद्धार के लिए 250 करोड़ रुपए स्वीकृत किए गए हैं तथा यह कार्य चरणबद्ध तरीके से किया जाएगा। इसके अलावा कामगार बोर्ड को पहले ही हमीरपुर तब्दील किया जा चुका है।
व्यवस्था परिवर्तन की दिशा में आगे बढ़ रही राज्य सरकार ने मौजूदा संसाधनों का अधिकतम उपयोग सुनिश्चित करने के उद्देश्य से प्रदेश के प्रमुख सरकारी विभागों को खाली पड़ी टूटीकंडी पार्किंग ईमारत में स्थानांतरित करने के निर्देश दिए हैं। इसमें से कुछ कार्यालय तब्दील हो चुके हैं, जबकि कुछ के शीघ्र स्थानांतरण की संभावना है।