स्कूल स्तर पर विकसित होंगे हबर्ल गार्डन
शिमला: हिमाचल प्रदेश में प्रारंभिक स्तर पर अब कुछ स्कूलों में हर्बल गार्डन को विकसित किया जाएगा। इसमें आयुष विभाग के छात्र औषधीय पौधों की सूचना उपलब्ध करवाएंगे। राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर की अध्यक्षता में आयोजित आयुष विभाग की बैठक में यह निर्णय लिया गया। बैठक में आयुर्वेद व औषधीय पौधों को लेकर स्कूल स्तर पर जागरुकता अभियान चलाने का निर्णय भी लिया गया। राज्यपाल ने इस अवसर पर कहा कि आयुष विभाग में आयुर्वेद, योग व नेचुरोपैथी, यूनानी, सिद्ध एवं सोवा रिग्पा और होम्योपैथी शामिल हैं। उन्होंने कहा कि यह सभी हमारी प्राचीन समावेशी चिकित्सा पद्धतियां रही है। उन्होंने कहा कि स्कूल स्तर पर जागरुकता लाने से आयुर्वेद पद्धति को घर-घर तक पहुंचाया जा सकता है, जिसमें रेडक्रॉस भी अपना सहयोग दे सकता है। उन्होंने कहा कि पाठशालाओं में साप्ताहिक योग कार्यक्रम प्रारंभ किए जाने चाहिए और इसके लिए आयुष विभाग के योग शिक्षक प्रशिक्षण प्रदान कर सकते हैं। उन्होंने इसे शिक्षा विभाग के माध्यम से अगले चरण में नियमित तौर पर विस्तारित करने का भी सुझाव दिया। उन्होंने कहा कि पारम्परिक चिकित्सकों को सूचीबद्ध करते हुए उनके लिए कार्यशाला भी आयोजित की जा सकती है, जिसके माध्यम से उनकी समस्याओं को समझने का अवसर प्राप्त हो सकेगा। उन्होंने कहा कि पारम्परिक वैद्य की चिकित्सा पद्धति की पहचान और दस्तावेजीकरण की भी आवश्यकता है। सचिव आयुष राजीव शर्मा ने अवगत करवाया कि वर्तमान में राज्य में विभाग के 1,248 संस्थान और 34 अस्पताल कार्यरत हैं। इसके अतिरिक्त राजीव गांधी स्नातकोत्तर आयुर्वेदिक महाविद्यालय पपरोला और 3 राजकीय आयुर्वेदिक औषधालय जोगिन्द्रनगर (मंडी), माजरा (सिरमौर) और पपरोला (कांगड़ा) में संचालित किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि जोगिन्द्रनगर में एक औषधी जांच प्रयोगशाला भी है और राज्य में 4 हर्बल गार्डन मंडी जिला के जोगिन्द्रनगर, हमीरपुर के नेरी, शिमला के दुमरेड़ा और बिलासपुर के जंगल झलेड़ा में स्थापित किए गए हैं। उन्होंने राज्य में विभाग की विभिन्न गतिविधियों की वास्तविक स्थिति का ब्यौरा भी प्रस्तुत किया। निदेशक आयुष विनय सिंह ने पॉवर प्वांइट प्रस्तुति दी। उन्होंने बताया कि आयुष विभाग द्वारा वर्ष, 2021-22 में 140 आयुष हैल्थ वेलनेस केंद्रों को क्रियाशील करने का लक्ष्य रखा गया है। उन्होंने कहा कि राज्य में आयुष्मान भारत के अन्तर्गत आयुर्वेदिक स्वास्थ्य केंद्रों को आयुष हैल्थ एंड वेलनेस केंद्र के रुप में स्तरोन्नत किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा 240 आयुर्वेद स्वास्थ्य केंद्रों को स्तरोन्नत कर आयुष हैल्थ एंड वेलनेस केंद्र के रुप में अधिसूचित किया जा चुका है और इनके स्तरोन्नयन का कार्य प्रगति पर है। राज्यपाल के सचिव विवेक भाटिया भी इस अवसर पर उपस्थित थे।