राज्यपाल अभिभाषण से बजट सत्र की शुरुआत, विपक्ष का वाकआउट

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शिमला : हिमाचल प्रदेश विधानसभा बजट सत्र की शुरुआत राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर के अभिभाषण से हुई। उन्होंने कहा कि कोविड-19 जैसी वैश्विक महामारी के कारण उत्पन्न हुए विकट परिस्थिति में प्रधानमंत्री गरीब कल्याण, आत्मनिर्भर भारत और अन्य जन कल्याणकारी योजनाओं से प्रदेश की आर्थिकी को संभालने का काम किया। इस दौरान 3 अस्थाई अस्पतालों का निर्माण करने के अलावा ऑक्सीजन प्लांट की संख्या 2 से बढ़ाकर 32 की गई। प्रदेश में 52 वैंटिलेटर की संख्या को बढ़ाकर 1,014, आई.सी.यू. बैड की संख्या 52 से बढ़ाकर 557 और 3 हजार की जगह 17 हजार ऑक्सीजन सिलैंडर और कॉन्संटे्रर उपलब्ध करवाए। इसी तरह वैक्सीन की पहली और दूसरी डोज लगाने में हिमाचल प्रदेश पूरे देश में अव्वल रहा। हालांकि जब उनको अभिभाषण पढ़ते हुए 40 मिनट से अधिक का समय हुआ, तो इसी बीच नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्रिहोत्री सहित कांग्रेस विधायक अपनी सीटों पर खड़े हो गए और नारेबाजी करने लगे। इसके बाद कांग्रेस विधायकों ने सदन से वॉकआऊट किया तथा नेता प्रतिपक्ष ने यह कहते सुने गए कि राज्यपाल के अभिभाषण में गिनवाई जा रही सरकार की उपलब्धियां झूठ का पिटारा है। राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने इस दौरान अपना अभिभाषण जारी रखा तथा कहा कि राज्य सरकार ने 3 साल के भीतर विभिन्न विभागों, बोर्ड, निगम, सार्वजनिक उपक्रम, स्वायत निकाय, प्राधिकरण एवं विश्वविद्यालयों में अलग-अलग श्रेणियों के 29,477 पदों को भरा है। इसके अलावा लोक सेवा आयोग और हिमाचल प्रदेश कर्मचारी चयन आयोग के माध्यम से विभिन्न श्रेणियों के 6,154 पदों को भरने की प्रक्रिया जारी है। उन्होंने कहा कि स्वामित्व योजना के तहत 15,495 आबादी देह गांवों को लाभांवित कर स्वामित्व प्रदान किया जाएगा। इसके लिए भू-राजस्व अधिनियम में संशोधन किया गाय है और पायलट योजना के आधार पर हमीरुपर जिला में ड्रोन के माध्यम से कार्य चल रहा है और अगले 1 साल में सभी जिलों में इसे लागू किया जाएगा। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश की प्राकृतिक खेती के मॉडल को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी सराहा है।

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