मैं नियमों के विरुद्ध काम नहीं करता, जब तक राज्यपाल पद पर हूं उसकी गरिमा बनाए रखूंगा : शुक्ल
शिमला : मैं नियमों के विरुद्ध काम नहीं करता। जब तक राज्यपाल के पद पर हूं, तब तक उसकी गरिमा को बनाए रखूंगा। राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने राजभवन में पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए यह बात कही। उन्होंने कहा कि राजभवन के पास चौधरी सरवण कुमार हिमाचल प्रदेश कृषि विश्वविद्यालय पालमपुर के कुलपति (वी.सी.) की नियुक्ति से संबंधित कोई फाइल लंबित नहीं है। उन्होंने इस संदर्भ में कृषि मंत्री चंद्र कुमार की तरफ से दिए गए बयान को गलत बताया। उन्होंने कहा कि कृषि मंत्री चंद्र कुमार अपने मंत्रिमंडल सहयोगी तथा ग्रामीण विकास व पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध सिंह के साथ राजभवन आए थे और उनको इस बारे में स्थिति स्पष्ट भी कर दी गई थी। उन्होंने कहा कि वी.सी. की नियुक्ति को लेकर कोर्ट से भी स्टे लगा है। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय में वी.सी. की नियुक्ति के संदर्भ में विधानसभा से भी एक प्रस्ताव पास करके भेजा गया है, जिसमें चयन प्रक्रिया में बदलाव करने की बात कही गई है। इसके अनुसार चयन प्रक्रिया में राज्यपाल, यू.जी.सी. और 1 अन्य प्रतिनिधि की व्यवस्था को समाप्त करके यह दायित्व सरकार को सौंपने की बात कही गई है। इस मामले में यदि आवश्यकता महसूस हो तो फाइल राष्ट्रपति को भी भेजी जा सकती है। ऐसे में कृषि विश्वविद्यालय वी.सी. की नियुक्ति को लेकर राजभवन व सरकार आमने-सामने नजर आई है। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के वी.सी. को लेकर 1 वर्ष पर विज्ञापन दिया गया था। उन्होंने इसके लिए मुख्य सचिव को चयन समिति का अध्यक्ष भी नियुक्त किया था, लेकिन अब तक सरकार की तरफ से कोई नाम नहीं सुझाया गया है। इस संदर्भ में राजभवन की तरफ से मुख्य सचिव को पत्र भी लिखा गया है कि वी.सी. की नियुक्ति को लेकर जल्द निर्णय लिया जाए।
कुलाधिपति होने के नाते वी.सी. की नियुक्तियों को लेकर मैं चिंतित
राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने कहा कि वह विश्वविद्यालयों के कुलाधिपति (चांसलर) भी है। इस नाते वह कुलपतियों की नियुक्तियों को लेकर सरकार से अधिक चिंतत है। उन्होंने कहा कि ऐसे मामलों में विश्वविद्यालय के हित सर्वोपरि होते हैं। मैं कमरे में एक व्यक्ति हूं और बाहर राज्यपाल के साथ-साथ विश्वविद्यालयों का कुलाधिपति हूं।
कानून व्यवस्था की स्थिति को सरकार गंभीरता से ले
राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने कहा कि देवभूमि होने के नाते हिमाचल प्रदेश शांत प्रदेश रहा है। ऐसा भी नहीं है कि प्रदेश में की स्थिति बहुत अधिक बिगड़ी है, लेकिन सरकार को इसे गंभीरता से लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि कोई छोटी सी घटना समाने आने पर भी शांत प्रदेश में वह घटना बड़ी नजर आती है।
योग दिवस पर सरकारी प्रतिनिधि के नहीं आने पर जताई नाराजगी
राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने रिज पर आयोजित राज्य स्तरीय योग दिवस कार्यक्रम में सरकारी और आयुष विभाग के प्रतिनिधियों के नहीं आने पर नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि यह किसी पार्टी का कार्यक्रम नहीं था। विश्व योग दिवस भारत के लिए बड़ी उपलब्धि है, जिसे संयुक्त राष्ट्र संघ ने प्रधानमंत्री के आवेदन पर मान्यता दी है। वैसे उन्होंने अलग से राजभवन में भी कार्यक्रम रखा था, लेकिन इसके बावजूद वह सरकार के बुलावे पर राज्य स्तरीय कार्यक्रम में शामिल हुए।
विधानसभा अध्यक्ष संवैधानिक पद, मैं टिप्पणी नहीं करुंगा
राज्यपाल ने एक प्रश्न के उत्तर में कहा कि वह विधानसभा अध्यक्ष के ऊपर किसी तरह की टिप्पणी नहीं करना चाहते, क्योंकि वह संवैधानिक पद है। अगर इस बारे कोई अलग से विषय आता है, तो स्थिति स्पष्ट करेंगे। जैसा कि उन्होंने पहले विधायकों के इस्तीफों से जुड़े मामले पर अपनी स्थिति स्पष्ट की थी।
मैं नौतोड़ की अनुमति देने के पक्ष में
राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने एक प्रश्न के उत्तर में कहा कि वह जनजातीय क्षेत्र में नौतोड़ देने पक्ष में है। उन्होंने कहा कि अगर ऐसे क्षेत्रों में वाइब्रेंट विलैज के तहत नौतोड़ देने की आवश्यकता है, तो वह पूरी तरह तैयार है। इस बारे में शायद राजभवन की तरफ से आवेदनों को लेकर स्थिति स्पष्ट करने को कहा गया था। उन्होंने स्पष्ट किया कि राज्यपाल के अधिकार क्षेत्र में जो होगा, उस पर मंजूरी मिलेगी।
लोकतंत्र प्रहरी मामले में कोर्ट के आदेशों का पालन हो
राज्यपाल ने कहा कि लोकतंत्र प्रहरी बिल राजभवन के पास है तथा वह किसी तथ्य को छिपाने में विश्वास नहीं रखते। इस विषय में कुछ आपत्तियों को सरकार की तरफ से दूर करने को कहा गया था। उनहोंने कहा कि इस मामले में सरकार को न्यायालय के आदेशों का पालन करना चाहिए। उन्होंने मुख्य संसदीय सचिवों (सी.पी.एस.) की नियुक्ति से जुड़ा मामला न्यायालय में विचाराधीन होने के कारण उस पर टिप्पणी करने से इंकार किया।