हिमाचल पर चढ़ा 64,600 करोड़ का कर्ज

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शिमला : हिमाचल प्रदेश के कर्मचारियों एवं पैंशनरों को संशोधित वित्तीय लाभ देने के कारण कठिन वित्तीय संकट के दौर से गुजर रही राज्य सरकार फिर से 1,400 करोड़ रुपए का कर्ज लेने जा रही है। यह कर्ज 2 मदों में क्रमश: 700-700 करोड़ रुपए करके लिया जा रहा है। एक मद में 9 साल और दूसरे मद में 10 साल की अवधि के लिए कर्ज लिया जा रहा है। राज्य सरकार की तरफ से विधानसभा के बजट सत्र में उपलब्ध करवाए गए कर्ज के संशोधित आंकड़ों के अनुसार अब 1,400 करोड़ रुपए का कर्ज लेने से राज्य पर 64,600 करोड़ रुपए का कर्ज चढ़ जाएगा। कोविड-19 संकट को देखते हुए केंद्र की तरफ से राज्य सरकार को अब 3 फीसदी की बजाए जी.डी.पी. के 5 फीसदी तक कर्ज लेने की छूट दी गई है। ऐसे में राज्य सरकार इस वित्त वर्ष के अंत तक यानि 31 मार्च, 2022 तक 69,476 करोड़ रुपए तक कर्ज ले सकती है।
अप्रैल से बढऩे वाला है सरकार का खर्च
1 अप्रैल, 2022 से शुरू होने जा रहे नए वित्तीय वर्ष से सरकार का खर्च बढऩे जा रहा है। यानि कुल बजट के 100 रुपए में से वेतन पर 26 रुपए, पैंशन पर 15 रुपए, ब्याज अदायगी पर 10 रुपए, ऋण अदायगी पर 11 रुपए, स्वायत संस्थानों के लिए की ग्रांट पर 9 रुपए और शेष पूंजीगत कार्यों पर 29 रुपए व्यय होंगे।
सरकार की तरफ से लिए ऋण का विवरण
वित्तीय वर्ष वर्ष के दौरान वृद्धि वर्ष के अंत में स्थिति
2013-14 2,735 करोड़ 31,442 करोड़
2014-15 3,709 करोड़ 35,151 करोड़
2015-16 3,417 करोड़ 38,568 करोड़
2016-17 5,855 करोड़ 44,423 करोड़
2017-18 3,483 करोड़ 47,906 करोड़
2018-19 2,867 करोड़ 50,773 करोड़
2019-20 5,334 करोड़ 56,107 करोड़
2021-22 8,493 करोड़ 64,600 करोड़
(मार्च, 2022 तक)

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