संयुक्त मोर्चा पर बिफरे महासंघ के नेता
शिमला : हिमाचल प्रदेश अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ जिला शिमला के अध्यक्ष गोपाल झिलटा व महासचिव विनोद शर्मा ने आरोप लगाया है कि हालही में कुछ कर्मचारियों द्वारा आए दिनों कर्मचारियों को संयुक्त मोर्चा के नाम से बैठकें करके भ्रमित करने का प्रयास किया जा रहा है I उन्होंने यहां जारी संयुक्त बयान में कहा कि इस प्रकार किसी संयुक्त मोर्चे का कोई आवश्यकता नहीं है I
उन्होंने कहा कि सभी विभागों से जुड़ी मांगों को हिमाचल प्रदेश अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ के माध्यम से साक्ष्यों व तथ्यों के साथ उठाकर उनकी वेतन विसंगतियों का निवारण किया जा रहा है। इसके अतिरिक्त शिक्षकों के मान्यता प्राप्त संगठन भी अपनी-अपनी श्रेणियों के मसलों को लगातार प्रदेश सरकार से उठा रहे है I
इसी का परिणाम है कि छठे वेतनमान में जो पंजाब की तर्ज़ पर तीसरे विकल्प नहीं दिया गया उस पर गंभीरता से विचार चल रहा है l उन्होंने कहा कि महासंघ दो वर्ष के राइडर के मसले को उठा रहा है। जहां तक बोर्डों व निगमों के कर्मचारी की समस्याओं की बात है, उनकी यूनियनें भी लगातार सरकार वह प्रबंधन के साथ निरंतर बैठकें करके अपने स्तर पर वार्तालाप के माध्यम से समाधान कर रहे हैंI कर्मचारी नेताओं ने कहा कि कांग्रेस शासनकाल में जब कर्मचारियों को मिलने वाले 4-9-14 के लाभ को निरस्त किया गया तो पेंशन नियमों में अनावश्यक संशोधन किया गया, जो वर्ष के लिए तत्काल सरकार का विरोध कर रहे थे तथा पुलिसकर्मियों के पे बैंड तथा 8 वर्ष का कार्यकाल भी पूर्व सरकार की ही देन है। उन्होंने आरोप लगाया कि उस समय संयुक्त मोर्चे के यही नेता मूक दर्शक बनकर पिछली सरकार की गोद में बैठकर तमाशाबीन बने हुए थे I उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि
कर्मचारी नेता चुनावी वर्ष में कर्मचारियों को भ्रमित करके अपनी राजनीति कर रहे हैं l उन्होंने कहा कि कर्मचारी इस मोर्चे के छलावे और बहकावे में न आए, क्योंकि महासंघ उनकी समस्याओं के समाधान का निवारण करने में लगा है।