राज्य सरकार ने कर्मचारियों को प्रदान किए अधिकतम लाभ-जयराम ठाकुर
मंडी : राज्य के कर्मचारी सरकार की रीढ़ हैं और वे सरकार की नीतियों और कार्यक्रमों के प्रभावी कार्यान्वयन में प्रमुख भूमिका निभाते हैं। मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने यह बात आज मण्डी के विपाशा सदन में मंडी के कर्मचारियों द्वारा आयोजित ‘एक शाम मंडी के कर्मचारियों के साथ’ समारोह को संबोधित करते हुए कही।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने हमेशा अपने कर्मचारियों के साथ सौहार्दपूर्ण संबंध बनाए रखें है क्योंकि वे सरकार की नीतियों और कार्यक्रमों को कार्यान्वित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। उन्होंने कहा कि राज्य में कर्मचारियों की संख्या प्रदेश की जनसंख्या के हिसाब से अधिक हैै। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के बावजूद कर्मचारियों से संबंधित अधिकांश मामलों का समाधान किया है। उन्होंने कहा कि कोविड- 19 संकट के बावजूद राज्य सरकार ने कर्मचारियों को पूर्ण वेतन, पेंशन और अन्य सभी वित्तीय लाभ प्रदान किए है ताकि उन्हें किसी प्रकार की असुविधा का सामना न करना पड़े। उन्होंने कहा कि अनुंबध कर्मचारियों के नियमितीकरण की अवधि को तीन वर्ष से घटाकर दो वर्ष तथा दैनिक वैतन भोगियों के नियमितीकरण की अवधि को भी एक वर्ष कम किया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार के कर्मचारियों के साथ सौहार्दपूर्ण संबंध कांग्रेसी नेताओं को रास नहीं आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश के एक युवा कांग्रेसी नेता ने उन्हें कर्मचारियों से सख्ती से कार्य करवाने की सलाह दी थी, लेकिन उनका मानना है कि जो कार्य दबाव से हासिल नहीं किया जा सकता, वह आपसी सौहार्द को स्थापित करके किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने हाल ही में ‘हिमाचल प्रदेश कौशल विकास और रोजगार निगम कंपनी’ गठित करने का निर्णय लिया है जो सरकारी विभागों, बोर्डों, निगमों, विश्वविद्यालयों इत्यादि में कुशल, अर्द्ध-कुशल और अन्य श्रम शक्ति की तैनाती सुनिश्चित करेगी। उन्होंने कहा कि इससे कर्मचारियों को काफी राहत मिलेगी।
जय राम ठाकुर ने कहा कि राज्य सरकार ने हिमाचल पथ परिवहन निगम की बसों में बस किराए में महिलाओं को 50 प्रतिशत की छूट देने का भी निर्णय लिया है, जिससे सरकारी और निजी क्षेत्र में काम करने वाली लाखों महिला कर्मचारियों को मदद मिल रही है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के नेताओं ने राज्य सरकार के इस निर्णय का भी विरोध किया था। उन्होंने कहा कि अब कांग्रेस के नेता ओपीएस के नाम पर प्रदेश के कर्मचारियों को गुमराह कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार के सहयोग के बिना यह संभव नहीं है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस वर्ष स्वतंत्रता दिवस के शुभ अवसर पर राज्य सरकार ने कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को 1 जनवरी 2016 से संशोधित वेतनमान के एरियर की पहली किश्त जारी करने की घोषणा की थी। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश के लाखों कर्मचारियों को संशोधित वेतनमान का एरियर इस वर्ष सितंबर माह के वेतन मंे प्राप्त होगा। इससे राज्य के लगभग 2.25 लाख कर्मचारी और 1.90 लाख पेंशनभोगी लाभान्वित होंगे।
जय राम ठाकुर ने कहा कि 3 जनवरी, 2022 को जारी पे रिवीजन रूल मंे संशोधन करके 89 श्रेणियों के कर्मचारियों को उच्च ग्रेड वेतन का लाभ प्रदान किया गया है, इसके अतिरिक्त प्रदेश के विभिन्न विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों में कार्यरत लगभग 3,200 प्रवक्ताओं और प्रोफेसरों को विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के 7वें वेतनमान का लाभ प्रदान किया है। उन्होंने कहा कि एक जनवरी 2016 से 31 मार्च, 2022 तक संशोधित यूजीसी स्केल पर अनुमानित 337 करोड़ रुपये व्यय किए जाएंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि दिहाड़ी मजदूरों की दिहाड़ी में 140 रुपये की वृद्धि हुई है। वर्ष 2017 में दिहाड़ीदारों को 210 रुपये मिल रहे थे, जिसे बढ़ाकर अब 350 रुपये कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि राज्य के एक लाख से अधिक एनपीएस कर्मचारियों को लाभान्वित करने के लिए एनपीएस मंे सरकार के योगदान को 10 से बढ़ाकर 14 प्रतिशत कर दिया गया है तथा उन्हें ओपीएस कर्मचारियों के समान डेथ कम रिटायरमेंट ग्रेच्युटी (डीसीआरजी) का लाभ प्रदान किया गया है। उन्होंने कहा कि ग्रेच्युटी की अधिकतम सीमा को 10 लाख रुपये से बढ़ाकर 20 लाख रुपये किया गया है। उन्होंनेे कहा कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन से जुड़े कर्मचारियों की समस्याओं का भी शीघ्र समाधान किया जाएगा। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार चतुर्थ श्रेणी के सभी कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति 60 वर्ष निर्धारित करने पर भी विचार करेगी। उन्होंने मंडी में एनजीओ भवन के लिए 15 लाख रुपये और मंडी में कर्मचारियों के लिए सरकारी आवास की मरम्मत के लिए 2 करोड़ रुपये देने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि हिमाचल पथ परिवहन निगम के परिचालकों और जिला परिषद के कर्मचारियों की समस्याओं का भी समाधान किया जाएगा। उन्होंने कहा कि सरकार जल रक्षकों की अंशकालिक अवधि को 12 से कम कर 8 वर्ष करने पर भी विचार करेगी।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने कर्मचारियों के लिए हाउस बिल्डिंग एडवांस की दरों, पात्रता और सीलिंग में संशोधन को भी स्वीकृति प्रदान कर हाउस बिल्डिंग एडवांस की अधिकतम सीमा अब मूल वेतन का 25 गुना की है। उन्होंने कहा कि 12 वर्ष तक निरंतर सेवा देने वाले पंचायत चौकीदारों को भी दिहाड़ीदार बनाया जाएगा।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री को कर्मचारी संघ मंडी ने 1,11,111 रुपये का चेक मुख्यमंत्री राहत कोष के लिए भेंट किया।
कर्मचारी कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष घनश्याम शर्मा ने कहा कि पिछले लगभग पांच वर्षों के दौरान प्रदेश के कर्मचारी राज्य सरकार और मुख्यमंत्री के साथ खड़े रहे हैं। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के बावजूद राज्य सरकार द्वारा कर्मचारियों को उनका पूरा बकाया प्रदान किया गया।
प्रदेश कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष अश्विनी ठाकुर ने कहा कि मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने गत पांच वर्षों के दौरान प्रदेश के कर्मचारियों के प्रति सदैव सौहार्दपूर्ण व्यवहार किया है। उन्होंने कहा कि कर्मचारियों की सभी जायज मांगों को पूरा किया गया है। उन्होंने कहा कि कोविड महामारी के कठिन दौर के बावजूद प्रदेश के कर्मचारियों को संशोधित वेतनमान प्रदान किया गया। उन्होंने कहा कि राज्य की पूर्व कांग्रेस सरकार ने ही ओपीएस को बंद करने और एनपीएस को आरम्भ करने के लिए समझौते पर हस्ताक्षर किए थे और अब वही नेता कर्मचारियों के लिए फिर से ओपीएस बहाल करने का दावा कर रहे हैं।
एनजीओ फेडरेशन के महासचिव राजेश शर्मा ने कहा कि राज्य सरकार के कार्यकाल में प्रदेश के कर्मचारियों को 16000 करोड़ रुपये से अधिक के रिकॉर्ड वित्तीय लाभ प्रदान किए गए। उन्होंने कहा कि इस दौरान कर्मचारियों से संबंधित लम्बित विभिन्न मुद्दों का भी समाधान किया गया।
इस अवसर पर एनजीओ मंडी के अध्यक्ष चमन ठाकुर ने मुख्यमंत्री और अन्य कर्मचारी नेताओं का स्वागत करते हुए कर्मचारियों की विभिन्न मांगों के प्रति हमेशा संवेदनशील रहने के लिए मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कर्मचारियों की मांगों को भी मुख्यमंत्री के समक्ष रखा।
इस अवसर पर मंडी सदर के विधायक अनिल शर्मा, बल्ह के विधायक इंद्र सिंह गांधी, द्रंग के विधायक जवाहर ठाकुर, वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष मो. राजबली, जिला परिषद के अध्यक्ष पाल वर्मा, उपायुक्त मंडी अरिंदम चौधरी, पुलिस अधीक्षक शालिनी अग्निहोत्री और अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।