एनपीएस कर्मचारी प्रतिनिधियों से बातचीत
शिमला : न्यू पेंशन स्कीम के तहत लगे हजारों कर्मचारियों के प्रतिनिधियों के साथ सरकार ने संवादहीनता को खत्म करके बातचीत शुरू कर दी है। लंबे समय के बाद इन प्रतिनिधियों के साथ बातचीत का रास्ता अ ितयार किया गया है। सोमवार को सचिवालय में कर्मचारी कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष घनश्याम शर्मा ने एनपीएस कर्मचारी प्रतिनिधियों को बातचीत के लिए बुलाया और उनसे पूरे मामले पर चर्चा की।
बताया जाता है कि यहां पर एनपीएस कर्मियों की यूनियन के अध्यक्ष प्रदीप ठाकुर और कई जिलों से उनके पदाधिकारी बातचीत के लिए पहुंचे। उन्होंने सरकार के समक्ष ओल्ड पेंशन की बहाली की अपनी मांग को रखा और कहा कि कांग्रेस शासित दूसरे राज्यों ने इसकी बहाली कर दी है। हिमाचल में भी सरकार को इसकी बहाली करनी चाहिए और बिना ओपीएस बहाल किए वह नहीं मानेंगे। उन्होंने साफ तौर पर कह दिया है कि उनकी मांग को माना जाए और उनके भविष्य को सुरक्षित करते हुए उनकी पैंशन को बहाल कर दिया जाए।
कर्मचारी कल्याण बोर्ड का गठन सरकार ने हाल ही में किया है जिसने इन कर्मचारियों के साथ संवाद शुरू कर दिया है। इस संवाद के बाद कोई ना कोई हल निकलेगा ऐसी उ मीद जताई जा रही है। हालांकि ओल्ड पेंशन बहाली करना इतना आसान नहीं है परंतु राज्य सरकार को इसमें कोई ना कोई रास्ता जरूर निकालना होगा।
एनपीएस कर्मचारियों ने इस बैठक में साफ कह दिया है कि 9 अगस्त तक मामले पर कोई ना कोई निर्णय सरकार सकारात्मक रूप से ले अन्यथा इसके बाद 10 अगस्त से शुरू होने जा रहे विधानसभा के मॉनसून सत्र का घेराव करने वह लोग आएंगे। यह घेराव केवल कर्मचारी ही नहीं करेंगे बल्कि वह पूरे परिवार के साथ वहां पर धावा बोलेंगे। बैठक में सौहार्दपूर्ण चर्चा होने के बावजूद भी इन कर्मचारियों ने अल्टीमेटम दे दिया है और बिना पेंशन बहाली के यह लोग मानने को तैयार नहीं हैं। जिलों से आए इनके प्रतिनिधियों ने भी साफ तौर पर कहा है कि उनकी मांग को पूरा किया जाए।
शिमला में विधानसभा का घेराव यह लोग एक बार पहले भी कर चुके हैं और तब भी सरकार को खासी परेशानी हुई थी। यहां शिमला के लोगों को भी उस दौरान परेशानी झेलनी पड़ी थी।
कर्मचारी कल्याण बोर्ड के उपाध्यक्ष घनश्याम शर्मा ने इस बैठक के बाद बताया कि लगभग दो घंटे चली इस बैठक में एनपीएस कर्मचारियों की ओर से सुझाव आए हैं जिनको सरकार द्वारा बनाई गई उच्च स्तरीय कमेटी के सामने रखा जाएगा। पहले इस मुद्दे पर संवाद नहीं हो पा रहा था लेकिन सरकार के निर्देशों पर इनके साथ बैठक की गई है। उन्होंने कहा कि दो साल कोविड के कारण सरकार को आर्थिक मोर्चे पर परेशानी झेलनी पड़ी है।