हिमाचल में कांग्रेस को पूर्ण बहुमत
शिमला : हिमाचल में रिवाज बदलने में भाजपा नाकाम रही है। चुनाव में भाजपा को कांग्रेस के हाथों शिकस्त मिली है। चुनाव में जयराम ठाकुर सरकार के अधिकांश मंत्री पराजित हुए। सिर्फ ऊर्जा मंत्री सुखराम चौधरी व उद्योग मंत्री बिक्रम ठाकुर ही चुनाव जीतने में कामयाब हुए हैं। दो मंत्रियों के साथ साथ विधान सभा अध्यक्ष विपिन सिंह परमार तथा उपाध्यक्ष हंसराज भी चुनाव जीते हैं। विधानसभा चुनाव में भाजपा लगातार रिवाज बदलने के नारे के साथ चुनावी रण में थी। रिवाज बदलने को लेकर भाजपा ने पूरी ताकत झोंकी। पीएम नरेंद्र मोदी के साथ साथ जेपी नड्डा व पार्टी के तमाम अन्य स्टार प्रचारकों ने रिवाज बदलने के लिए पुरजोर प्रयास किया। बावजूद इसके भाजपा इसमें नाकाम रही। हिमाचल में 1985 के बाद से कोई भी सरकार रिपीट नहीं हुई है। हर पांच साल बाद .यहां सरकार बदलती है। मतदाताओं ने इस बार भी हिमाचल में राज बदलने की परंपरा को बरकरार रखा। विधानसभा चुनाव में मु यमंत्री जयराम ठाकुर रिकार्ड 38 हजार से अधिक मतों से जीते। प्रदेश के चुनावी इतिहास में यह अब तक की किसी भी उ मीदवार की सबसे बड़ी जीत है। इससे पहले स्व. पूर्व मु यमंत्री वीरभद्र सिंह रोहड़ू से 27 हजार मतों से जीते थे। साथ ही रोहड़ू से ही मोहन लाल बराक्टा 28 हजार मतों से चुनाव जीते। जयराम ठाकुर बेशक रिकार्ड मतों से चुनाव जीते हों, मगर उनकी कैबिनेट के अधिकांश मंत्री पराजित हुए। शहरी विकास मंत्री सुरेश भारद्वाज, शिक्षा मंत्री गोबिंद ठाकुर, समाज कल्याण मंत्री सरवीण चौधरी, खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री राजेंद्र गर्ग, तकनीकी शिक्षा मंत्री डॉ राम लाल मारकंडा , स्वास्थ्य मंत्री डॉ राजीव सैजल तथा वन मंत्री राकेश पठानिया चुनाव में हार गए। जल शक्ति मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर चुनाव मैदान में नहीं थे, मगर उनके पुत्र रजत ठाकुर चुनाव हार गए। रजत की हार के साथ ही धर्मपुर में महेंद्र सिंह ठाकुर का 35 साल पुराना दुर्ग ढह गया।