ड्रोन से 5 किलोग्राम सामग्री 1 किलोमीटर तक पहुंचाने पर लगेंगे 45 रुपए
शिमला : हिमाचल प्रदेश में ड्रोन की सेवाएं लेने के लिए हुए पहले समझौते के तहत 5 किलोग्राम सामग्री को 1 किलोमीटर की दूरी तक पहुंचाने के लिए 45 रुपए राशि ली जाएगी। इसके लिए हिमाचल प्रदेश राज्य इलैक्ट्रनिक विकास निगम लिमिटेड व स्काई एयर कंपनी के बीच समझौता हो गया है। समझौते पर निगम के एम.डी. मुकेश रेपासवाल व कंपनी के पदाधिकारी श्रीकांत एवं ईशान ने हस्ताक्षर किए हैं। सरकार की तरफ से अब तक आपदा के कार्य के अलावा नेशनल हैल्थ मिशन (एन.एच.एम.) व वन विभाग की तरफ से ड्रोन तकनीक को लेकर सेवाएं मांगी गई है। इसके बाद अन्य सरकारी विभागों, निगम एवं बोर्ड में भी ऐसी सेवाएं ली जाएगी। इस करार के बाद अब कंपनी के पदाधिकारी उन सरकारी अधिकारियों के साथ चर्चा करेंगे, जिनकी तरफ से सेवाएं लेने की बात कही गई है। उल्लेखनीय है कि ड्रोन तकनीक को अपनाने वाला हिमाचल प्रदेश इस समय देश का पहला राज्य बन गया है। ऐसा करके प्रदेश सरकार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उस सपने को साकार किए है, जिसमें ड्रोन के उपयोग को आम आदमी के हितों के लिए प्रयोग में लाने की बात कही गई है। ड्रोन टैक्रालॉजी हिमाचल प्रदेश जैसे पहाड़ी एवं दुर्गम क्षेत्रों वाले राज्य के लिए अत्यन्त लाभकारी सिद्ध हो सकती है। यानि आने वाले समय में अब ड्रोन बनेगा सरकारी व निजी क्षेत्र में कामकाज का अहम हिस्सा बनेगा। इससे हिमाचल प्रदेश में औद्योगिक निवेश नीति, स्टार्टअप, आई.टी., कृषि, बागवानी, सुरक्षा, आपदा प्रबंधन व स्वास्थ्य क्षेत्र में लाभ होगा। मौजूदा ड्रोन नीति मुख्य रुप से ड्रोन और ड्रोन-सक्षम प्रौद्योगिकी के निर्माण तथा लाइसैंस प्राप्त मानव शक्ति के सृजन पर केङ्क्षद्रत है और इसके लिए ड्रोन फ्लांइग प्रशिक्षण स्कूल स्थापित कर विभिन्न ड्रोन संबंधित पाठ्यक्रमों के माध्यम से उनका कौशल विकास किया जाएगा। राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 और राष्ट्रीय कौशल योग्यता फ्रेमवर्क के माध्यम से भारत सरकार द्वारा भी इन्हें अन्तिम रुप दिया जा रहा है, ताकि विद्यार्थियों को भविष्य के लिए तैयार किया जा सके।