बार्डर व सीमावर्ती क्षेत्र में घुसपैठ रोकने के लिए ड्रोन से रखी जाएगी नजर : मारकंडा
शिमला : आई.टी. एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री डा. रामलाल मारकंडा ने कहा है कि राज्य में बार्डर एवं सीमावर्ती क्षेत्रों घुसपैठ को रोकने के लिए ड्रोन से नजर रखी जाएगी। इससे प्रतिकूल हालात पैदा होने की स्थिति में त्वरित कार्रवाई अमल में लाई जा सकेगी। डा. मारकंडा यहां पत्रकारों से अनौपचारिक बातचीत कर रहे थे। उन्होंने कहा कि प्रदेश में आने वाले समय में इंजीनियङ्क्षरग कॉलेज, आई.टी.आई., पॉॅलिटैक्रीक व निजी संस्थान में ड्रोन को संचालित करने का प्रशिक्षण दिया जाएगा, ताकि वैध तरीके से ड्रोन टैक्रालॉजी का लाभ उठाया जा सके। मौजूदा समय में राज्य में अभी तक ड्रोन को संचालित करने की अनुमति नहीं मिली है। यानि जिन संस्थानों पर यदि कोई निजी तौर पर ड्रोन का प्रयोग करता है, तो वह अवैध है। राज्य में इस समय केवल शाहपुर आई.टी.आई. में ही ड्रोन को संचालित करने का प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
इन विभागों से मिले प्रस्ताव
प्रदेश में ड्रोन तकनीक का फायदा उठाने के लिए कई विभागों की तरफ से प्रस्ताव आए हैं। इसमें पुलिस, वन, कृषि एवं बागवानी विभाग प्रमुख है। इसमें पुलिस ड्रोन का प्रयोग कानून व्यवस्था की स्थिति में नियंत्रण रखने तथा वन विभाग आगजनी की घटनाओं का पता लगाने के लिए इस तकनीक का लाभ उठा सकती है। कृषि एवं बागवानी विभाग भी इसके माध्यम से किसान एवं बागवानों को राहत पहुंचा सकता है। इसके अलावा उद्योग विभाग अवैध खनन को रोकने के लिए इससे बेहतर तरीके से निगरानी रख सकता है।
महिला एवं युवक मंडलों को करेंगे जागरुक
ड्रोन तकनीक का ग्रामीण स्तर पर लाभ पहुंचाने के लिए महिला एवं युवक मंडलों को जागरुक किया जाएगा। इससे लोगों को ड्रोन तकनीक के फायदे बताए जाएंगे। इसी तरह विकास कार्यों की निगरानी के लिए भी ड्रोन की मदद ली जाएगी।