हिमाचल में 7 ड्रोन कंपनियां देगी 8 तरह की सेवाएं

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शिमला : हिमाचल प्रदेश में 7 ड्रोन कंपनियां 8 तरह की सेवाएं उपलब्ध करवाएगी। यह कंपनियां सरकारी विभागों को दूरी एवं समय अवधि (प्रति घंटा) के आधार पर अपनी सेवाएं उपलब्ध करवाएगी। इसके अलावा सरकार की तरफ से अधिकृत कंपनियां निजी तौर पर अपनी सेवाएं उपलब्ध करवा पाएगी। सरकार की तरफ से आने वाले दिनों में 4 फ्लाइंग स्कूल स्थापित करने की भी योजना है। जिन कंपनियां का सरकार की तरफ से ड्रोन की सेवाएं देने के लिए चयन किया गया है, उसमें मै. अस्टिरिया एरोस्पेस, मै. चामुंडा कॉरपोरेशन, मै. ओमिनीप्रैजेंट रोबोट टैक्रालॉजी, मै. पारस एरोस्पेस प्राइवेट लिमिटेड, मै. राज कम्युनिकेशन, मै. स्काई एयर मोबिलिटी प्राइवेट लिमिटेड व मै. टैक ईगल इनोवेशनस शामिल है। इसके अलावा 6 कंपनियां ड्रोन से संबंधित उपकरण बनाने के लिए अधिकृत की गई है। इसमें मै. अस्टिरिया एरोस्पेस, मै. पारस एरोस्पेस प्राइवेट लिमिटेड, मै. स्काई एयर मोबिलिटी प्राइवेट लिमिटेड, मै. टैक ईगल इनोवेशनस, मै. आइडिया फोर्ज टैक्रालॉजी प्राइवेट लिमिटेड व मै. ओमिनीप्रैजेंट रोबोट टैक्रालॉजी शामिल है। यह कंपनियां 8 तरह की सेवाएं देगी, जिसमें सर्विलैंस ड्रोन (दिन के समय), सर्विलैंस ड्रोन (दिन व रात/थर्मल), सर्विलैंस ड्रोन, आपदा प्रबंधन, एग्रीकल्चर स्प्रेइंग ड्रोन, ड्रोन एज ए सर्विस फॉर सर्विलैंस, ड्रोन एज ए सर्विस फॉर पेलॉड (5 किलोग्राम तक) व ड्रोन एज ए सर्विस फॉर पेलॉड (10 किलोग्राम तक) शामिल है। इस तरह प्रदेश में ड्रोन की सेवाएं शुरू होने से युवाओं को रोजगार के अवसर उपलब्ध होंगे। उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने वित्तीय वर्ष, 2022-23 के लिए प्रस्तुत बजट में ड्रोन तकनीक पर विशेष बल दिया है। इसके लिए बजट में गवर्नेंस एंड रिफार्मस यूङ्क्षजग ड्रोनस (गरुढ़) नाम से नई योजना की शुरुआत करने की घोषणा की गई है। यानि यह योजना 1 अप्रैल से लागू हो सकेगी। 

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