December 16, 2024

जन समस्या निवारण के लिए सोमवार व वीरवार को कार्यालय में उपस्थित रहेंगे डी.सी.-एस.पी.

Spread the love

शिमला : मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के आदेश पर सभी जिलों के उपायुक्त (डी.सी.) एवं पुलिस अधीक्षक (एस.पी.) अब प्रत्येक सप्ताह सोमवार और वीरवार को अपने कार्यालय में उपस्थित रहकर अनिवार्य रुप से जन समस्याओं का निवारण करेंगे। सचिव प्रशासनिक सुधार की ओर से इस आशय संबंधी अधिसूचना जारी कर दी गई है। सोमवार और वीरवार को सार्वजनिक अवकाश होने की स्थिति में अधिकारी अगले कार्य दिवस पर कार्यालय में उपस्थित रहकर जन समस्याओं का निवारण करेंगे। मुख्यमंत्री ने गत 7 व 8 नवम्बर को शिमला में डी.सी.-एस.पी. कॉन्फ्रेंस के दौरान यह निर्देश दिए थे। उनका कहना था कि जन समस्याओं के त्वरित निवारण के लिए डी.सी. व एस.पी. को सप्ताह के निश्चित दिन कार्यालय में उपस्थित रहना आवश्यक है। ऐसा करके प्रदेश सरकार सुशासन को प्राथमिकता देते हुए लोगों की समस्याओं के त्वरित समाधान पर ध्यान केंद्रित कर रही है। राज्य सरकार की तरफ से इसके अलावा सरकार गांव के द्वार कार्यक्रम भी शुरू किया है, जिसमें मुख्यमंत्री के अतिरिक्त सभी मंत्री ग्रामीण क्षेत्रों में जाकर जनता की समस्याओं का मौके पर समाधान कर रहे हैं। जिला उपायुक्त एवं पुलिस अधीक्षक बेहतर सुशासन की महत्वपूर्ण कड़ी हैं। इससे जिलों में लोगों की समस्याओं का निवारण हो सकेगा तथा जनता को राहत भी मिलेगी। सरकार का मानना है कि इससे प्रशासनिक प्रक्रियाएं अधिक प्रभावी होंगी। इसी उद्देेश्य से सरकार की तरफ से सप्ताह 2 दिन कार्यालय में बैठने के लिए सुनिश्चित किए गए हैं।
जनता को प्रशासन के पास पक्ष रखने में आ रही थी परेशानी
डी.सी.-एस.पी. कार्यालय में इससे पहले ऐसी व्यवस्था नहीं थी, जिससे जनता को परेशानी का सामना करना पड़ रहा था। पहले जब लोग अपनी समस्याओं को लेकर संबंधित कार्यालय में आते थे, तो अधिकारियों के किसी कारणवश अनुपस्थित एवं व्यस्त रहने से मुलाकात संभव नहीं हो पाती थी। इसके अलावा महत्वपूर्ण विषयों को लेकर लोगों को अपना पक्ष अधिकारियों के पास रखने में परेशानी आ रही थी। मसलन शिमला में वन मिनट ट्रैफिक प्लॉन को लागू करने से जनता के बड़े वर्ग में नाराजगी थी। हालांकि फिलहाल इस व्यवस्था को हटा दिया गया है और इसके लिए आम जनता से सुझाव भी मांगे गए हैं, लेकिन भविष्य में ऐसे विषयों को लोग सीधे तौर पर संबंधित अधिकारी से मिलकर उठाया जा सकेगा।
2.5 लाख राजस्व मामले निपटाए
राज्य सरकार की तरफ से इसके अलावा राजस्व मामले निपटाने के लिए राजस्व लोक अदालतें लगाने का क्रम शुरू हुआ, जिससे लोगों को बड़ी राहत मिली है। इसके माध्यम से अब तक 2.5 लाख से अधिक लंबित राजस्व मामलों का निपटारा किया जा चुका है। इससे लोगों को राजस्व मामलों का निपटारा करने के लिए बार-बार सरकारी कार्यालयों के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे।