हिमाचल में 26 जनवरी तक सभी शिक्षण संस्थान बंद
तीसरी लहर के खतरे को भांपते हुए मुख्यमंत्री की सभी डी.सी., एस.पी. व सी.एम.ओ. से बैठक
शिमला : हिमाचल प्रदेश में कोविड-19 संक्रमण के मामले बढऩे से उत्पन्न हालात को देखते हुए सभी शिक्षण संस्थानों को 26 जनवरी तक बंद कर दिया गया है। ऐसे में शिक्षण संस्थानों में ऑनलाइन पढ़ाई ही हो सकेगी। हालांकि इस दौरान राज्य में मैडीकल, डेंटल और नर्सिंग कॉलेज खुले रहेंगे। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की अध्यक्षता में यहां सभी डी.सी., एस.पी. व सी.एम.ओ. के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से हुई वर्चुअल बैठक में यह निर्णय लिया गया। उन्होंने अधिकारियों को कोविड-19 जांच बढ़ाने, समूहों में प्रभावी निगरानी सुनिश्चित करने और महामारी की तीसरी लहर के प्रसार को रोकने के सभी प्रभावी पग उठाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि राज्य में बीते कुछ दिनों से कोरोना संक्रमण बढ़ रहा है, जिसे देखते हुए कोविड-19 प्रोटोकॉल का पालन होना चाहिए। उन्होंने मौजूदा समय में अस्पतालों में उपलब्ध बिस्तर, ऑक्सीजन, पी.पी.ई. किट और दवाइयों की उपलब्धता के संबंध में तैयारियों की समीक्षा की की और सरकार की तरफ से लगाए गए सभी प्रतिबंधों को सख्ती से लागू करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने बैठक के दौरान होम आइसोलेशन की व्यवस्था को अधिक प्रभावी बनाए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने आशा कार्यकर्ताओं और अन्य स्वास्थ्य कर्मियों को पल्स ऑक्सीमीटर और थर्मामीटर उपलब्ध करवाए के निर्देश दिए, ताकि होम आइसोलेशन में रहने वाले मरीजों की नियमित रुप से निगरानी की जा सके। जयराम इाकुर ने कहा कि कोरोना संक्रमण से ग्रस्त लोगों को अस्पताल लाने-ले जाने के लिए प्रभावी तंत्र विकसित होना चाहिए, ताकि उनको किसी तरह की परेशानी न आए। उन्होंने अधिकारियों को पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन सिलैंडर और अन्य आवश्यक उपकरणों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिए, ताकि किसी भी आपात स्थिति में किसी भी तरह की दहशत से बचा जा सके। उन्होंने 15 से 18 वर्ष के आयु वर्ग के बच्चों का तेजी से टीकाकरण और स्वास्थ्य देखभाल कार्यकर्ताओं को ऐहतियाती खुराक लगाने की आवश्यकता पर भी बल दिया। मुख्यमंत्री ने जिला प्रशासन को कोविड अनुरुप व्यवहार का पालन नहीं करने वाले पर्यटकों पर नजर रखने और ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने के निर्देश दिए। उन्होंने पर्यटकों से राज्य सरकार की तरफ से समय-समय पर जारी मानक संचालन प्रक्रिया का सख्ती से पालन करने का भी आग्रह किया। मुख्य सचिव राम सुभग ङ्क्षसह ने कहा कि राज्य में विभिन्न मानक संचालन प्रक्रियाओं का पालन करने के लिए हितधारकों के साथ निरन्तर जुड़ाव महत्वपूर्ण है। सचिव भरत खेड़ा ने कोविड-19 की प्रत्याशित तीसरी लहर की तैयारियों के संबंध में एक प्रस्तुति भी दी। उन्होंने सभी उपायुक्तों ने अपने-अपने जिलों में पर्यटकों और आम लोगों के लिए कोविड अनुरुप व्यवहार सुनिश्चित करने के लिए उठाए गए कदमों की जानकारी दी। प्रधान सचिव राजस्व ओंकार चंद शर्मा, विशेष सचिव सुदेश मोक्टा, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के मिशन निदेशक हेमराज बैरवा, निदेशक उच्च शिक्षा डॉ. अमरजीत शर्मा और डॉ. रजनीश पठानिया मुख्यमंत्री के साथ शिमला में उपस्थित थे, जबकि उपायुक्तों, पुलिस अधीक्षकों और मुख्य चिकित्सा अधिकारियों ने अपने-अपने संबंधित जिलों से वर्चुअल माध्यम से बैठक में भाग लिया।