भारद्वाज के बस की नहीं रही राजनीति : विक्रमादित्य
शिमला : कांग्रेस विधायक विक्रमादित्य सिंह ने शहरी विकास मंत्री सुरेश भारद्वाज पर तंज कसते हुए कहा कि राजनीति अब उनके बस की बात नहीं रह गई है। उन्हें रिटायरमेंट लेकर पैंशन का लुत्फ उठाना चाहिए। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रदेश सरकार व प्रशासन बर्फबारी से निपटने में विफल रही है। सरकार की आपदा के बाद जागने की आदत बन गई है। उन्होंने सरकार से ठेकेदारों की समस्याओं को प्राथमिकता के आधार पर सुलझाने की अपील की है। वह शनिवार को शिमला में पत्रकार वार्ता को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि सुरेश भारद्वाज प्रदेश सरकार के रिपीट करने की बड़ी-बड़ी बाते कर रहे हैं, जबकि उन्हें मालूम होना चाहिए कि उपचुनावों में जुब्बल-कोटखाई में भाजपा उम्मीदवार की जमानत जब्त हो गई। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि भारद्वाज अब चार-पांच माह के मंत्री रह गए हैं। विक्रमादित्य सिंह ने आरोप लगाया कि भारी बर्फबारी के कारण शिमला सहित जनजातीय क्षेत्र, चम्बा, कुल्लू, रामपुर, रोहड़ू में लोगों को भारी दिक्क तों का सामना करना पड़ रहा है, लेकिन प्रदेश सरकार ने बर्फबारी से निपटने के लिए समय रहते पूरी तैयारी नहीं की।
ठेकेदारों की हड़ताल पर उन्होंने कहा कि ठेकेदार सरकार की रीढ़ की हड्डी है तथा उनके पास मशीने व मजदूर उपलब्ध है। ऐसे में सरकार को प्राथमिकता के आधार पर उनकी समस्याओं को हल करना चाहिए था। बर्फबारी से पहले ही प्रशासन व लोक निर्माण विभाग को उन्हें सडक़ों को खोलने के कार्य में लगाना चाहिए था, जिसमें सरकार पूरी तरह से फेल हुई है। ठेकेदार अपनी मांगों को लेकर मुख्यमंत्री से 5-6 बार मिल चुके हैं, लेकिन समस्याओंका समाधान नहीं होने पर उन्होंने 7 फरवरी से कामबंद करने का ऐलान किया है, लेकिन कुछ तो अभी से ही हड़ताल पर चले गए हैं, जिस कारण बर्फ हटाने का कार्य प्रभावित हुआ है। उन्होंने ठेकेदारों की समस्याओं के समाधान के लिए सचिव लोक निर्माण विभाग की अध्यक्षता में एक कमेटी गठित करने की मांग की।
छुट्टी कर अपना पल्ला नहीं झाड़ सकती सरकार
विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि केवल शिमला शहर में छुट्टी कर सरकार अपनी जिम्मेदारी से पल्ला नहीं झाड़ सकती है। सरकार को पहले से ही बर्फ हटाने के लिए व्यवस्था करनी चहिए थी तथा ठेकेदारों से समय पर वार्ता करनी चाहिए थी।
बर्फ हटाना बना भ्रष्टाचार का अड्डा
कांग्रेस विधायक ने कहा कि प्रदेश में बर्फ को हटाने का कार्य में भ्रष्टाचार हो रहा है। कितने क्षेत्र से बर्फ हटाई गई व कितने मजदूर व मशीने इस कार्य में लगी इसका लोक निर्मण विभाग के पास लेखा-जोखा नहीं होता है। इस मामले को विधानसभा में भी कई बार उठाया जा चुका है। उन्होंने कहा कि यदि सरकार पहले से पारदर्शी तरीके से काम करती तो आज बैक फुट पर नहीं आती।