पानी हिमाचल की संपदा व ताकत, इसको लुटने नहीं देंगे : सुक्खू

शिमला : मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा है कि पानी हिमाचल प्रदेश की संपदा व ताकत है, इसको लुटने नहीं दिया जाएगा। उन्होंने स्पष्ट किया कि यदि केंद्रीय उपक्रमों ने हिमाचल प्रदेश सरकार की शर्तों के अनुसार धौलासिद्ध, लुहरी व सुन्नी पॉवर प्रोजैक्टों का निर्माण नहीं किया, तो राज्य सरकार इसका अधिग्रहण करेगी। सुखविंदर सिंह सुक्खू यहां तेलंगाना सरकार के साथ जिला लाहौल-स्पीति में स्थापित होने वाली 400 मैगावाट सेली और 120 मैगावाट क्षमता की मियार पॉवर प्रोजैक्टों के लिए समझौता ज्ञापन हस्ताक्षरित करने के बाद पत्रकार वार्ता को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि पहली बार प्रदेश के इतिहास में इस तरह की साझेदारी की पहल की गई है। उन्होंने इसे नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में अंतरराज्यीय सहयोग को नए युग की शुरुआत बताया। इन समझौता ज्ञापनों पर मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू तथा तेलंगाना के उप-मुख्यमंत्री भाटी विक्रामारका मालु की उपस्थिति में हिमाचल प्रदेश सरकार की ओर से सचिव ऊर्जा राकेश कंवर तथा तेलंगाना सरकार की ओर से प्रधान सचिव ऊर्जा संदीप कुमार सुल्तानिया ने हस्ताक्षर किए।
राज्य के संसाधनों की लूट बर्दाश्त नहीं होगी
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान प्रदेश सरकार राज्य के संसाधनों की लूट को किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। प्रदेश सरकार विद्युत क्षेत्र में बड़े सुधार करके हिमाचल प्रदेश आत्मनिर्भर राज्य बनाएगी। अब तक प्रदेश में 11,500 मैगावाट नवीकरणीय ऊर्जा का दोहन किया जा चुका है, लेकिन इसका अधिकांश लाभ केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रमों को हुआ है।
6,200 करोड़ की आएगी लागत, 5,000 को मिलेगा रोजगार
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि दोनों पॉवर प्रोजैक्ट चिनाब नदी पर 6,200 करोड़ रुपए की अनुमानित लागत से तैयार किए जाएंगे। इनसे रोजगार के लगभग 5,000 प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष अवसर उपलब्ध होंगे। समझौता ज्ञापन के अनुसार तेलंगाना सरकार ने अग्रिम प्रीमियम राशि के रुप में 26 करोड़ रुपए का भुगतान किया है तथा इन प्रोजैक्टों के आरंभ होने के उपरांत हिमाचल प्रदेश को कुल विद्युत उत्पादन में से शुरुआती 12 वर्ष तक 12 फीसदी, अगले 18 वर्ष तक 18 फीसदी और आखिरी 10 वर्ष तक 30 फीसदी मुफ्त बिजली दी जाएगी। 40 वर्ष की अवधि पूर्ण होने के उपरांत तेलंगाना सरकार इन प्रोजैक्टों को हिमाचल प्रदेश को सौंपेगी। तेलंगाना सरकार इन दोनों प्रोजैक्टों की लागत का 1.5 फीसदी स्थानीय क्षेत्र विकास निधि तथा लागत का 1 फीसदी इस क्षेत्र को निशुल्क विद्युत प्रदान करने पर व्यय करेगी। इनसे प्रभावित परिवारों को 10 वर्ष तक 100 यूनिट प्रतिमाह के समान वित्तीय लाभ प्रदान किए जाएंगे।
तेलंगाना सरकार स पॉवर बैंकिंग व ट्रेडिंग क्षेत्र की संभावनाएं तलाशेगें
मुख्यमंत्री ने कहा कि तेलंगाना सरकार के साथ पॉवर बैंकिंग और ट्रेडिंग के क्षेत्र में सहयोग में नई संभावनाओं को तलाशा जाएगा। उन्होंने कहा कि तेलंगाना सरकार को दोनों प्रोजैक्ट स्थापित करने में राज्य सरकार पूर्ण सहयोग करेगी, ताकि इनका निर्माण तय समय-सीमा के भीतर सुनिश्चित किया जा सके।
क्या बोले तेलंगाना के उपमुख्यमंत्री
तेलंगाना के उपमुख्यमंत्री मालु ने कहा कि तेलंगाना सरकार दोनों राज्यों की बढ़ती ऊर्जा मांग और ऊर्जा सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्धता से कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि यह समझौता ज्ञापन तेलंगाना क्लीन एंड ग्रीन एनर्जी नीति 2025 के अन्तर्गत राज्य के ऊर्जा स्रोतों में विविधता लाने और पर्यावरण स्थिरता सुनिश्चित करने की हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाने के लिए निरन्तर प्रयासरत है और यह समझौता ऊर्जा क्षेत्र में अन्तरराज्यीय सहयोग के महत्व को दर्शाता है। स्वास्थ्य मंत्री डा. धनीराम शांडिल, मुख्यमंत्री के प्रधान सलाहकार (मीडिया) नरेश चौहान, मुख्य प्रबंध निदेशक टी.जी.एस.पी.डी.सी.एल. मुशर्रफ फारुकी, निदेशक ऊर्जा राकेश प्रजापति, विशेष सचिव (विद्युत) अरिंदम चौधरी तथा दोनों राज्यों के वरिष्ठ अधिकारी भी इस अवसर पर उपस्थित थे।