हरियाणा को हिमाचल से पानी चाहिए तो बी.बी.एम.बी. एरियर चुकाने का शपथ पत्र भी दे : सुक्खू

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शिमला : मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा है कि हिमाचल प्रदेश अपने पड़ौसी राज्य पंजाब और हरियाणा को अपना बड़ा भाई मानता है। ऐसे में पड़ौसी राज्यों से प्रदेश हित में अड़चन नहीं डालने की उम्मीद रहती है। सुखविंदर सिंह सुक्खू नई दिल्ली में पत्रकार वार्ता को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश राष्ट्रीय महत्व के किशाऊ बांध प्रोजैक्ट निर्माण के पक्ष में है, जिससे हरियाणा को 50 फीसदी पानी दिया जाना प्रस्तावित है। इसी तरह दिल्ली एवं उत्तर प्रदेश को भी यहां से पानी दिए जाने का प्रस्ताव है, जिसमें हिमाचल प्रदेश के साथ उत्तराखंड की हिस्सेदारी है। उत्तराखंड ने इस बारे में हिमाचल प्रदेश की तरफ से लिए जाने वाले निर्णय पर अपनी सहमति जताई है। उन्होंने कहा कि हरियाणा को हिमाचल प्रदेश से पानी की एवज बी.बी.एम.बी. एरियर चुकाने संबंधी शपथ पत्र देना चाहिए, जिसका निर्णय सुप्रीम कोर्ट की तरफ से आ चुका है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि किशाऊ बांध निर्माण में केंद्र सरकार या फिर लाभार्थी राज्यों को राशि वहन करनी चाहिए, न कि इसके लिए हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड पर अनावश्यक रुप से बोझ डाला जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश ने बैरा-स्यूल प्रोजैक्ट भी केंद्र सरकार के उपक्रम से हिमाचल प्रदेश को हस्तातंरित करने एवं भविष्य में 40 वर्ष बाद प्रोजैक्ट राज्य को हस्तांतरित करने को लेकर नीतिगत निर्णय लेने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश के पानी से पंजाब, हरियाणा और राजस्थान सहित पड़ौसी राज्यों को लाभ मिला, जबकि प्रदेश के पौंग एवं अन्य बांध विस्थापित आज भी अपने हक के लिए धक्के खा रहे हैं। उन्होंने कहा कि गिरि गंगा प्रोजैक्ट निर्माण को लेकर भी सहमति बनी है।
वित्तायोग अध्यक्ष से मिले मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने नई दिल्ली में शुक्रवार को दिल्ली में वित्त आयोग के अध्यक्ष डा. अरविंद पनगढिय़ा से भेंट की। उन्होंने इस दौरान आर्थिक व अन्य मोर्चों को लेकर पैरवी की तथा आयोग के समक्ष प्रस्तुति दी और राज्य की ओर से एक अतिरिक्त ज्ञापन भी सौंपा। उन्होंने राज्य के लिए निधि आवंटन बढ़ाने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि देश के पहाड़ी राज्य भौगोलिक दृष्टि से विभिन्न चुनौतियों का सामना करते हैं इसलिए उन्हें उनका उचित हक मिलना चाहिए।
प्रदेश ने पर्यावरण संरक्षण और पारिस्थितिकी तंत्र को बनाए रखने के लिए राज्य की तरफ से दी जा रही सेवाओं के लिए ग्रीन बोनस की मांग भी की। उन्होंने कहा कि वस्तु एवं सेवा कर (जी.एस.टी.) में कमी के कारण राज्य को नुकसान हुआ है और इसके लिए राज्य को उचित मुआवजा दिया जाना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि हिमाचल प्रदेश के लिए राजस्व घाटा अनुदान को बढ़ाया जाना चाहिए, न कि धीरे-धीरे समाप्त किया जाए। डा. पनगढिय़ा ने आश्वासन दिया कि आयोग राज्य के आग्रह पर विचार करेगा।
नीति आयोग बैठक आज
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में नई दिल्ली में नीति आयोग की बैठक शनिवार को होगी। इसमें पर्यटन व पॉवर प्रोजैक्टों में हिस्सेदारी को लेकर विषय को मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू प्रमुखता से उठाएंगे। इसी तरह हिमाचल प्रदेश को बड़ा एयरपोर्ट देने की मांग की जाएगी। मौजूदा समय में सरकार गग्गल में बड़ा एयरपोर्ट बनाना चाहती है, जिसकी मांग सरकार की तरफ से की जाएगी। उन्होंने आरोप लगाया कि पूर्व भाजपा सरकार के कारण प्रदेश के वित्तीय हालात बिगड़े हैं, जिसको सुधारने का काम वर्तमान सरकार कर रही है। उन्होंने कहा कि केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से प्रदेश वित्तीय मामलों, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जगत प्रकाश नड्डा से आयुष्मान योजना व अन्य विषयों, केंद्रीय जल शक्ति मंत्री सी.आर. पाटिल से किशाऊ बांध निर्माण और जल जीवन मिशन के तहत राशि उपलब्ध करवाने एवं केंद्रीय ऊर्जा मंत्री मनोहर लाल खट्टर से ऊर्जा विभाग से जुड़े विषयों पर चर्चा की है। इसके अलावा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर तुर्की से आने वाले सेब पर आयात शुक्ल को 100 फीसदी बढ़ाए जाने की मांग की गई है। उन्होंने कहा कि इस दौरे के दौरान कांग्रेस के संगठनात्मक विषयों पर उनकी पार्टी हाईकमान से चर्चा करने का कोई कार्यक्रम नहीं है।