शक दूर करने के लिए देश में एक बार बैलेट पेपर पर चुनाव होने चाहिए : सुक्खू
शिमला : मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा है कि शक को दूर करने के लिए देश में एक बार बैलेट पेपर पर चुनाव करवाने चाहिए। टैक्रालॉजी के ज्ञाता भी यह कह चुके हैं कि सिस्टम को हैक किया जा सकता है। ऐसे में जनता की मांग पर यदि देश में बैलेट पेपर पर चुनाव करवाए जाते हैं, तो इससे सबका शक दूर हो जाएगा। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में हार और जीत का सिलसिला चला रहता है, क्योंकि भाजपा भी 2 सांसदों वाली पार्टी से सत्ता तक पहुंची है। सुखविंदर सिंह सुक्खू यहां पत्रकारों से अनौपचारिक बातचीत कर रहे थे। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा ने सत्ता में रहते हुए व्यक्तिगत एवं पार्टी हित में फैसलों को लिया। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि भाजपा ने सत्ता में रहते हुए जिस तरह से प्रदेश की संपदा को लुटाने का प्रयास किया, राज्य सरकार ऐसा नहीं होने देगी। हम न तो संपदा लुटने देंगे और न ही इसे किसी को लुटाने की अनुमति देंगे। प्रदेश की संपदा से अर्जित होने वाली राशि को आम जनता, किसान, महिला सम्मान एवं युवाओं को रोजगार देने पर खर्च किया जाएगा। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा ने अपने कार्यकाल के दौरान अधूरे शिलान्यास व उद्घाटन करके गई। कांग्रेस सरकार ऐसे कार्यों के लिए बजट उपलब्ध करवाकर पूरा करने का प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार नए भवनों का शिलान्यास 30 फीसदी राशि जमा होने के बाद ही करेगी।
आर्थिक रुप से सक्षम को मदद की आवश्यकता नहीं
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने एक प्रश्न के उत्तर में कहा कि सी.एम., मंत्री, विधायक और अधिकारी सहित आर्थिक रुप से सक्षम लोगों को सरकारी मदद यानी सब्सिडी की आवश्यकता नहीं है। मैं और मेरे मंत्री पहले ही ऐसी सुविधा लेने से मना कर चुके हैं। इसी तरह सक्षम लोगों को ऐसा लाभ छोड़ देना चाहिए।
2 वर्ष में प्रदेश की आर्थिकी पटरी पर आई
मुख्यमंत्री ने कहा कि 2 वर्ष के भीतर प्रदेश की आर्थिकी पटरी पर आई है। उन्होंने कहा कि सरकार के 2 वर्ष के कार्यकाल पर जश्न नहीं कार्यक्रम होना है। इस दौरान सरकार ने कई विभागों की व्यवस्था में परिवर्तन करके सुधार किया जा है तथा यह क्रम भविष्य में भी जारी रहेगा।
हिमाचल भवन कुर्क नहीं होगा, हम केस जीतेगें
सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि हिमाचल भवन कुर्क नहीं होगा और इस मामले में प्रदेश सरकार अदालत में केस जीतेगी। उन्होंने कहा कि यह व्यवस्था का हिस्सा है, जिसमें मांगी गई राशि जमा नहीं करवाने की स्थिति में संपत्ति को रखा जाता है। ऐसा ही राजस्थान सरकार के बीकानेर भवन के साथ भी हुआ है। हमने व्यवस्था के तहत 64 करोड़ रुपए जमा करवा दिए हैं, लेकिन जैसे हमने अदाणी के खिलाफ 280 करोड़ रुपए जमा करने के बाद केस जीता था, वैसे ही इस मामले में भी जीत होगी। वह इस संदर्भ में पूरी जानकारी ले रहे हैं।