अंबूजा-ए.सी.सी. सीमैंट गतिरोध को तोडऩे में जुटी सरकार
शिमला, 18 जनवरी : राज्य सरकार अंबूजा व ए.सी.सी. सीमैंट गतिरोध को तोडऩे में जुट गई है। इस कड़ी के तहत बुधवार को प्रधान सचिव परिवहन आर.डी. नजीम ने ट्रक ऑप्रेटरों से बात की। प्रधान सचिव परिवहन ने इस दौरान स्पष्ट किया कि सरकार प्रदेश में ट्रक ऑप्रेटरों के हितों के साथ अनदेखी नहीं होने देगी। ऐसे में सरकार दोनों पक्षों से चर्चा करके मामले को जल्द सुलझाने के प्रयास करेगी। इसके बाद अब मुख्यमंत्री सुखङ्क्षवदर ङ्क्षसह सुक्खू के निर्देश पर उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने 20 जनवरी को सीमैंट कंपनी के प्रबंधकों एवं ट्रक ऑप्रेटरों के प्रतिनिधियों से बैठक बुलाई है। इस बैठक में दोनों पक्षों को आमने-सामने बिठाकर गतिरोध को तोडऩे के प्रयास किए जाएंगे। सरकार को उम्मीद है कि यह गतिरोध जल्द टूट जाएगा। मौजूदा समय में राज्य में करीब 1 माह से 2 प्रमुख सीमैंट संयंत्र बंद पड़े हैं, जिससे प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष तौर पर 30 हजार लोगों की रोजी-रोटी पर संकट पड़ा है। इससे पहले गत वीरवार को भी शिमला में दोनों पक्षों के साथ बैठक हुई थी, जिसमें कंपनी प्रबंधन ने हिमकॉन के तय भाड़े को लेकर असहमति जताई थी। हिमकॉन ने जो रिपोर्ट तैयार की है, उसमें मालभाड़ा 10.78 रुपए प्रति किलोमीटर प्रति टन के हिसाब से तय किया गया है।
दूसरे राज्यों में सीमैंट ढुलाई दरों का अध्ययन कर रही सरकार
राज्य सरकार सीमैंट संयंत्र विवाद को सुलझाने के लिए पड़ौसी राज्यों से ढुलाई की दरों को निर्धारित करने में जुटी है। इसमें जम्मू-कश्मीर की ढुलाई दरों का अध्ययन किया जा रहा है। यानि राज्य सरकार यह देख रही है कि दूसरे पहाड़ी राज्यों में मालभाड़े के साथ सीमैंट की दरें क्या है और प्रदेश में कितनी है। ऐसे में सभी पक्षों का अध्ययन करने के बाद सरकार दोनों पक्षों को मनाने का प्रयास करेगी, ताकि प्रदेश में बंद पड़े सीमैंट उद्योगों में फिर से उत्पादन शुरू हो सके।