सीमेंट विवाद सुलझाने को सरकार आई आगे

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शिमला : पिछले एक सप्ताह से भी लंबे समय से सीमेंट ·कपनियों और ट्रांसपोटरों के बीच चल रहे गतिरोध पर विराम लग सकता है। प्रधान सचिव परिवहन आरडी नजीम की अध्यक्षता में सचिवालय में जरूरी बैठक हौगी, जिसमें माल ढुलाई को लेकर चल रहे विवाद पर बीच ·का रास्ता निकाला जा सकता है। बैठक में सीमेंट कंपनियों के प्रबंधको और सभी स्टेकहोल्डर्स को बुलाया गया है। इस विवाद को सुलझाने के लिए सरकार मध्यस्थता की भूमिका निभाएगी।
माल भाड़े के रेट आज हो सकते हैं फाइनल
बैठक में ट्रक ऑपरेटरों के साथ माल भाड़े को लेकर बात बन सकती है। यानी की एक ऐसा किराया फिक्स हो सकता है जिस पर कंंपनी और ऑपरेटरों के बीच सहमति बन जाए। यहां बता दें कि पिछले एक सप्ताह से भी ज्यादा समय से बरमाणा स्थित एसीसी और दाड़लाघाट स्थित अंबुजा सीमेंट फैक्टरी बंद चली हुई है। कंपनी में तालाबंदी के कारण करीब 30,000 से ज्यादा लोगों की रोजी-रोटी पर असर पड़ा है।
कंंपनी प्रबंधन का कहना है कि सीमेंट ढुलाई के ज्यादा रेट होने से उन्हें नुकसान हो रहा है, जबकि ऑपरेटरों को कहना है कि कंपनी कम रेट दे रही है। ऐसे में दोनों सीमेंट कारखाने बंद पड़े हैं, जिससे की प्रदेश में बेरोजगारी जैसे हालात पैदा हो गए हैं।
विवाद सुलझाने के लिए सरकार ने गठित की उच्चस्तरीय कमेटी
एक कसप्ताह से ज्यादा का समय होने को आया कंपनी प्रबंधन और ऑपरेटर झुकने को तैयार नहीं है। सरकार के पास मामला आने के बाद इस पर एक परमानेंट स्टेंडिंग कमेटी का गठन किया गया है।जिसमें प्रधान सचिव परिवहन चैयरमेन जबकि उनके साथ निदेशक उद्योग राकेश प्रजापति, निदेशक परिवहन अनुपम कश्यप और निदेशक सविल सप्लाई केसी चमन को भी मेंबर के तौर पर बनाया गया है। ऐसे में अब जो बैठक होनी है उसमें यह सभी मौजूद रहेंगे। इसके अलावा सोलन, बिलासपुर जिला के उपायुक्त, संबंधित इलाको के एसडीएम और दोनों जगहों पर माल ढुलाई का काम ·करने वाले ऑपरेटर भी इस बैठक में मौजूद रहेंगे। वहीं दोनों सीमेंट कपनियों के एमडी भी इस बैठक में मौजूद होंगे। यहां पर दोनों पक्षों की बातों को सुना जाएगा, जिसके बाद बीच का हल निकाला जाएगा।
सरकार ने की है वैकल्पिक व्यवस्था,अल्ट्राटेक कंपनी को डाइवर्ट किए सप्लाई आर्डर
वहीं अंबुजा और एसीसी सीमेंट कारखानों के बंद होने के बाद सरकार ने अल्ट्राटेक कंपनी के पास सरकारी सीमेंट के टेंडर डायवर्ट कर दिए हैं। सरकार को अल्ट्राटेक की और से सप्लाई आना भी शुरू हो गई है। सभी सरकारी गोदामों में अब सीमेंट उपलब्ध है। पहले सीमेंट न होने से काम रूक गया था।
विपक्ष बना चुका है इसे बड़ा मुद्दा
हिमाचल में कांग्रेस की नई सरकार बनते ही सीमेंट कंपनी विवाद शुरू हो गया। दोनों प्रमुख सीमेंट कंपनियों में तालाबंदी के बाद विपक्ष ने इसे बड़ा मुद्दा बना दिया है और सरकार को विधानसभा के शीतकालीन सत्र में इस मुद्दे पर घेरने की भी तैयारी कर दी है। इससे पहले सरकार इस मुद्दे को समझाना चाह रही है जिसके चलते यह उच्चस्तरीय बैठक बुलाई गई है।

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