राजकोषीय घाटा 5,597 करोड़ पहुंचा
देनदारियों में 14.57 फीसदी बढ़ौतरी
कैग ने आर्थिक प्रबंधन पर उठाए सवाल, वर्ष, 2024-25 तक लौटाना होगा 6,207 करोड़ कर्ज
वर्ष, 2019-20 में 53,708 करोड़ बजट व अनुदान प्रावधानों के मुकाबले 45,528 करोड़ खर्च
धर्मशाला : नियंत्रक महालेखा परीक्षक (कैग) ने राज्य सरकार के आर्थिक प्रबंधन पर सवाल उठाए हैं। रिपोर्ट के अनुसार वर्ष, 2019-20 में प्रदेश का राजकोषीय घाटा 5,597 करोड़ रुपए रहा। इसके अलावा वर्ष, 2016 से 2020 के मध्य केंद्रीय करों के हस्तांतरण में वृद्धि के कारण प्रदेश सरकार ने राजस्व अधिशेष दिखाया, लेकिन वास्तव में वर्ष, 2018-19 को छोडक़र वर्ष, 2016-17 व वर्ष, 2019-20 में राजस्व अधिशेष में बढ़ौतरी नहीं हुई। रिपोर्ट में कहा गया है कि वर्ष, 2019-20 में राज्य सरकार की राजकोषीय देनदारियों में 14.57 फीसदी बढ़ौतरी हुई है। उस वर्ष सरकार की देनदारियां 62,212 करोड़ रुपए थी। ऐसे में राजकोषीय देनदारियां सकल घरेलू उत्पाद के मुकाबले अधिक होने पर कैग ने सवाल उठाए हैं। प्रदेश सरकार के लोक ऋ ण दायित्व और इसके ब्याज के भुगतान का उल्लेख करते हुए कहा गया है कि यह राशि 62,234 करोड़ रुपए होगी। इसमें 40,572 करोड़ रुपए मूलधन और 21,662 करोड़ रुपए की ब्याज राशि शामिल है। इससे सरकार को ब्याज व मूलधन के भुगतान के रुप में वर्ष, 2024-25 तक 6,207 करोड़ रुपए व्यय करने होंगे।