हिमाचल में पंचायत चुनाव के लिए नए सिरे से जारी होगा आरक्षण रोस्टर

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शिमला : प्रदेश में पंचायती राज संस्थाओं के चुनाव के लिए इस बार नए सिरे से आरक्षण रोस्टर जारी होगा। प्रदेश में पंचायतों का कार्यकाल 25 दिसम्बर को पूरा हो रहा है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में यहां हुई मंत्रिमंडल बैठक में वर्ष, 2010 की तर्ज पर पंचायती राज संस्थाओं के सदस्यों और अध्यक्षों के लिए नए सिरे से डि-नोवो आरक्षण रोस्टर शुरू करने को सैद्धांतिक रुप से मंजूरी प्रदान की। यह आरक्षण रोस्टर 15 वर्ष बाद परिवर्तित होता है। सूत्रों के अनुसार बैठक में गुजरात मॉडल के आधार पर सरकारी क्षेत्र में भर्ती प्रक्रिया शुरू करने पर सहमति बनी। इसके तहत प्रदेश के सरकारी विभागों व सार्वजनिक उपक्रमों में गुजरात मॉडल की तरह भर्तियां होंगी, जिसमें 5 वर्ष बाद ट्रेनी कर्मचारी नियमित होंगे। इसके अनुसार कर्मचारी को निर्धारित वेतन या मानदेय मिलेगा, जिसके लिए विधि विभाग की सलाह ले ली गई है। बैठक में गृह रक्षा एवं नागरिक सुरक्षा विभाग में गृह रक्षा (होमगार्ड) स्वयंसेवकों के 700 पद भरने को मंजूरी प्रदान की गई। नई भर्ती से होमगार्ड जवानों की सेवाएं अस्पतालों सहित अन्य स्थानों में ली जा सकेगी। बैठक में 31 मार्च, 2025 तक 2 वर्ष की अनुबंध सेवाएं पूरी कर चुके 203 पंचायत सचिवों (जिला परिषद कैडर) की सेवाओं को नियमित करने को मंजूरी दी गई। पंचायत सचिवों को अब तक 12,270 रुपए प्रतिमाह मिलता था तथा नियमित होने के बाद इन्हें 32 हजार रुपए मासिक वेतन मिलेगा।
भांग की खेती पर चर्चा, बागवानी विभाग से प्रारुप मांगा
मंत्रिमंडल बैठक में भांग की खेती करने को लेकर चर्चा हुई। इस पर मंत्रिमंडल का कहना था कि इस विषय में बागवानी एवं कृषि विश्वविद्यालय को आगे बढऩे के लिए कहा गया था, लेकिन इसमें विलम्ब हो गया है। ऐसे में बागवानी विभाग को मंत्रिमंडल की आगामी बैठक में इसकी नीति, शुल्क और लाइसैंस प्रक्रिया से जुड़े विषयों पर प्रारुप तैयार करने को कहा गया है।
20-25 वर्ष से रुके पॉवर प्रोजैक्टों में विलम्ब के कारण पूछे
मंत्रिमंडल बैठक में ऊर्जा विभाग ने 20-25 वर्ष से रुके पॉवर प्रोजैक्टों को लेकर प्रस्तुति दी। इस दौरान मंत्रिमंडल ने इन प्रोजैक्टों में विलम्ब के कारणों को पूछा तथा भविष्य में इन प्रोजैक्टों का निर्माण कार्य सिरे चढ़ाने के उपाय सुझाने को कहा। इसको लेकर मंत्रिमंडल की आगामी बैठक में फिर से चर्चा होगी तथा सरकार 12, 18, 30 और 40 वर्ष के फार्मूले को लेकर ही पॉवर प्रोजैक्टों का निर्माण करने की दिशा में आगे बढ़ेगी। सरकार यह भी जानने का प्रयास करेगी कि प्रोजैक्ट निर्माताओं की मांग क्या है और इस समस्या के निवारण के लिए कैसे बीच का रास्ता तलाशा जा सकता है।
शिक्षकों को शैक्षणिक सत्र के बीच सेवानिवृत्त नहीं करने पर चर्चा
मंत्रिमंडल में वित्त विभाग की तरफ से शिक्षकों की सेवानिवृत्ति से जुड़े विषय को चर्चा के लिए लाया गया। हालांकि इस पर कोई निर्णय नहीं लिया जा सका। यह प्रस्ताव था कि शिक्षकों को शैक्षणिक सत्र के बीच सेवानिवृत्त न किया जाए। बीच में शिक्षकों की सेवानिवृत्ति से स्कूलों की शिक्षा प्रभावित होती है तथा इस दौरान कई बार खाली पदों को भरने में परेशानी आती है। इसके लिए शिक्षकों को वित्तीय वर्ष के आरंभ में भी सेवानिवृत्त किया जा सकता है। यानी मुख्य रुप से शिक्षकों की सेवाएं पूरे शैक्षणिक सत्र में लेने के बाद ही उनको सेवानिवृत्त करने पर सहमति बनी। इस तरह का प्रयोग पहले भी वर्ष, 2010-11 में पूर्व भाजपा सरकार के समय किया गया था।
एच.पी.टी.डी.सी., वाइल्ड लाइफ विंग के बाद रेरा कार्यालय धर्मशाला स्थानांतरित
राजधानी को भीड़भाड़ को कम करने के उद्देश्य से शिमला से सरकारी कार्यालयों को स्थानांतरित करने का सिलसिला जारी है। इस कड़ी के तहत हिमाचल प्रदेश रियल एस्टेट विनियामक प्राधिकरण (रेरा) कार्यालय को शिमला से धर्मशाला स्थानांतरित करने को मंत्रिमंडल ने अपनी स्वीकृति प्रदान की है। सबसे पहले सरकार की तरफ से कामगार बोर्ड को हमीरपुर तब्दील किया गया था। इसके बाद एच.पी.टी.डी.सी. और वन विभाग के वाइल्ड लाइफ विंग कार्यालय को धर्मशाला स्थानांतरित किया जा चुका है। इससे पहले मुख्यमंत्री के पद पर रहते हुए शांता कुमार ने स्कूल शिक्षा बोर्ड के कार्यालय को शिमला से धर्मशाला स्थानांतरित किया था। हालांकि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू यह पहले ही स्पष्ट कर चुके हैं कि सरकार किसी विभाग के कार्यालय को शिमला से स्थानांतरित नहीं करेगी, लेकिन निगम-बोर्ड एवं आयोग के कार्यालयों को स्थानांतरित करने के विकल्प खुले हैं। मंत्रिमंडल बैठक में गैर-जैव निम्नीकरणीय (बायोडिग्रेबल) कचरे यानी खाली बोतल, चिप्स व कुरकुरे के पैकेट से होने वाली गंदगी को रोकने के लिए प्रभावी प्रबंधन और इसमें कमी लाने के लिए डिपोजिट रिफंड स्कीम-2025 शुरू करने का भी निर्णय लिया गया। इस स्कीम को पायलट आधार पर शुरू किया जाएगा। योजना के तहत उपभोक्ता उत्पाद की कीमत के अलावा रिफंड योग्य जमा राशि का भुगतान करेंगे, जो खाली उत्पाद को वापस करने पर लौटा दी जाएगी। यह योजना कांच की बोतलों, प्लास्टिक पेय कंटेनरों, एल्यूमीनियम के डिब्बों, तरल पैकेजिंग, लचीली प्लास्टिक पैकेजिंग और बहुस्तरीय पैकेजिंग सहित पैकेजिंग सामग्री की एक विस्तृत श्रृंखला पर लागू होगी। मंत्रिमंडल ने इंदिरा गांधी मैडीकल कॉलेज शिमला और डा. राजेंद्र प्रसाद राजकीय मैडीकल कॉलेज टांडा में सीनियर रेजीडैंसी के लिए पात्रता से पहले 1 वर्ष की फील्ड पोस्टिंग की अनिवार्यता को वापस लेते हुए स्नातकोत्तर विशेषज्ञ सेवा (पी.जी./एस.एस.) नीति में संशोधन को मंजूरी प्रदान की। यह निर्णय अटल इंस्टीट्यूट ऑफ मैडीकल सुपर स्पैशलिटीज चमियाना में अपनाई गई नीति के अनुरुप लिया गया है। संशोधन का उद्देश्य चयन प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करना, निष्पक्षता सुनिश्चित करना और रेजिडैंट डॉक्टर नीति और पी.जी./एस.एस. नीति के कार्यान्वयन के बीच सामंजस्य लाना है।
खनिजों से आय जुटाएगा वन निगम
मंत्रिमंडल में हिमाचल प्रदेश वन विकास निगम को बेहतर स्रोत प्रबंधन और पर्यावरणीय स्थिरता के उद्देश्य से राज्य के वन क्षेत्रों में स्थित नदियों और तालाबों में लघु खनिजों को एकत्रित करने व ड्रेजिंग ऑप्रेशन (गाद निकालने) करने की अनुमति प्रदान की। उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने पत्रकारों से पत्रकारों से बातचीत के दौरान यह जानकारी दी।
बद्दी में नया प्रारंभिक शिक्षा खंड स्थापित
मंत्रिमंडल ने सोलन जिला में प्रारंभिक शिक्षा खंड रामशहर को विभाजित कर बद्दी में एक नया प्रारंभिक शिक्षा खंड स्थापित करने को स्वीकृति प्रदान की। इस खंड के सुचारू संचालन के लिए आवश्यक पदों को सृजित एवं भरने का निर्णय भी लिया गया है।
विकास खंडों को पुनर्गठित करने का निर्णय
बैठक में कांगड़ा जिला के सुलह, भवारना और लम्बागांव तथा हमीरपुर जिला के भोरंज विकास खंडों को पुनर्गठित करने का भी निर्णय लिया गया। इससे लोगों को आ रही परेशानी दूर होगी। इसके अलावा सीनियर एग्जीक्टिव ऑफिसर के 3 पदों को स्थानांतरित करने का निर्णय लिया गया।
4 घंटे चली बैठक में 2 दर्जन से अधिक एजैंडा
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल बैठक 4 घंटे चली। इसमें 2 दर्जन से अधिक एजैंडा आइटम पर चर्चा हुई।