हिमाचल में न्यूनतम बस किराया 10 रुपए होगा

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शिमला : हिमाचल प्रदेश में न्यूनतम बस किराया अब 5 रुपए के स्थान पर 10 रुपए होगा। यानी यदि कोई यात्री बस में सफर करता है, तो उसे 2 किलोमीटर तक न्यूनतम 10 रुपए देने होंगे। इसस पहले प्रदेश में वर्ष, 2017 में न्यूनतम बस किराए को बढ़ाकर 5 रुपए किया गया था। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में यहां हुई मंत्रिमंडल बैठक में यह निर्णय लिया गया। बैठक में 31 मार्च, 2025 तक अपना 2 वर्ष का कार्यकाल पूरा कर चुके अनुबंध कर्मचारियों की सेवाओं को नियमित करने का निर्णय लिया गया। इसी तरह 4 वर्ष की निरंतर सेवा पूरी कर चुके दैनिक वेतनभोगी और आकस्मिक भुगतान कर्मचारियों (कंटीजैंट पेड वर्कर) को भी इसी तिथि से नियमित करने का निर्णय लिया गया। मंत्रिमंडल ने एक अन्य महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए एस.जे.वी.एन.एल. से पूर्व भाजपा सरकार के समय आवंटित 382 मैगावाट क्षमता के सुन्नी, 210 मैगावाट के लूहरी चरण-1 और 66 मैगावाट के धौलसिद्ध पॉवर प्रोजैक्टों को वापस लेकर इसका अधिग्रहण करने का निर्णय लिया है। इसको लेकर मुख्यमंत्री पहले भी स्पष्ट कर चुके थे कि यदि प्रदेश की शर्तों के अनुसार केंद्र सरकार का उपक्रम एस.जे.वी.एन.एल. काम करता है, तो ही करार को आगे जारी रखा जाएगा। ऐसा नहीं होने पर सरकार ने इसका अधिग्रहण करने का निर्णय लिया है। इसके अलावा एन.एच.पी.सी. को आवंटित 500 मैगावाट की डुगर और 180 मैगावाट क्षमता की बैरा स्यूल प्रोजैक्टों को प्रदेश सरकार के अधीन लेने का निर्णय लिया। यानी सरकार उन प्रोजैक्टों का अब अधिग्रहण करेगी, जिसके निर्माण को 40 वर्ष की अवधि पूरी हो चुकी है। बैठक में सुन्नी, लूहरी चरण-1, धौलसिद्ध और डुगर प्रोजैक्ट के अधिग्रहण के लिए इन प्रोजैक्टों पर हुए वास्तविक व्यय का आकलन करने को स्वतंत्र मूल्यांकक नियुक्त करने को स्वीकृति प्रदान की गई। इसके अलावा बैरा स्यूल परियोजना के अधिग्रहण के लिए एक प्रशासक नियुक्त करने का भी निर्णय लिया गया। एस.जे.वी.एन.एल. का दावा है कि उसकी तरफ से आवंटित किए गए प्रोजैक्टों पर करीब 3,399 करोड़ रुपए खर्च किए जा चुके हैं, लेकिन राज्य सरकार मानती है कि खर्च की गई राशि करीब 1,400 करोड़ रुपए है। ऐसे में इन प्रोजैक्टों का अध्ययन करने के लिए हिमाचल सरकार एक इंडीपैंडेट एवेलेटर को नियुक्त करेगी। मंत्रिमंडल ने केंद्र सरकार के उपक्रमों से पॉवर प्रोजैक्ट अधिग्रहण करने संबंधी सूचना से केंद्र सरकार व एस.जे.वी.एन.एल. को अवगत करवाने का निर्णय लिया है।
5 जिलों में शराब के ठेकों की फिर होगी नीलामी
मंत्रिमंडल ने 400 खुदरा शराब की दुकानों (ठेकों) की व्यक्तिगत आधार पर तत्काल पुर्न नीलामी करने को भी स्वीकृति प्रदान की है। ऐसा निर्णय इसलिए लेना पड़ा है, क्योंकि शिमला, बिलासुपर, कुल्लू, मंडी और कांगड़ा जिला में ठेकों की नीलामी प्रक्रिया पूरी नहीं हो पाई है। इन जिलों में रिजर्व प्राइज से कम बोली लगी है। अब इनकी फिर से नीलामी होगी तथा बाद में भी नीलामी नहीं होने की स्थिति में इसको छोटे ठेकेदारों को आवंटित करने के विकल्प पर विचार किया जाएगा। इसके बाद भी यदि बात नहीं बनती है तो सरकारी निगम-बोर्ड जैसे एच.पी.एस.आई.डी.सी. और हिमफैड के माध्यम से इसकी बिक्री पर विचार होगा।
वाइल्ड फ्लावर हॉल से होगी सालाना 1.77 करोड़ आय
मंत्रिमंडल ने होटल वाइल्ड फ्लावर हॉल मशोबरा के अंतरिम संचालन के लिए ई.आई.एच. लिमिटेड के साथ प्रबंध सेवा अनुबंध (मैनेजमेंट सेवा कांट्रैक्ट) करने को अनुमति प्रदान की है। इससे राज्य को प्रतिमाह 1.77 करोड़ रुपए की आय सुनिश्चित होगी। प्रतिस्पर्धी ई-नालामी या बोली प्रक्रिया के माध्यम से नया संचालक चयनित होने तक संपत्ति को क्षरण से बचाया जा सकेगा।