September 20, 2024

हिमाचल सरकार ने लीज रुल में किया संशोधन

Spread the love

शिमला : राज्य सरकार ने लीज रूल में संशोधन का निर्णय लिया है। इसके तहत लीज अवधि को अब 90 साल से घटाकर 40 साल किया जाएगा। इसी तरह हिमाचल प्रदेश लोक सेवा आयोग के माध्यम से तृतीय श्रेणी भर्ती प्रक्रिया को शुरू करने की मंजूरी प्रदान कर दी है। पहले इस तरह की भर्ती प्रक्रिया कर्मचारी चयन आयोग हमीरपुर के माध्यम से की जाती थी, लेकिन इसको भंग करने से अब यह भर्ती प्रक्रिया लोक सेवा आयोग के माध्यम से की जाएगी। इससे आने वाले दिनों में विभिन्न श्रेणियों के 2,000 पदों को भरने की प्रक्रिया को चरणबद्ध तरीके से शुरू किया जा सकेगा। इसके तहत पहले फीस दे चुके उम्मीदवारों से दोबारा किसी तरह का शुल्क नहीं लिया जाएगा। इसके अतिरिक्त यदि कोई उम्मीदवार इस अवधि के दौरान सरकारी क्षेत्र में रोजगार की आयु सीमा को पार कर गया है, तो उसे भी इससे छूट प्रदान की जाएगी। मुख्यमंत्री सुखविन्दर सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में शुक्रवार देर शाम मंत्रिमंडल की बैठक में यह निर्णय लिया गया। सूत्रों के अनुसार बैठक में सभी मैडीकल कॉलेजों में इमरजैंसी मैडीसन डिपार्टमैंट को संचालित किया जाएगा। इसके लिए विभिन्न श्रेणियों के 48 पदों को सृजित किया जाएगा। मुख्यमंत्री सुक्खू ने इसकी घोषणा अपने बजट भाषण में की थी। इस योजना के अंतर्गत 150 करोड़ रुपए की लागत से 50 बिस्तरों की क्षमता के लिए क्रिटिकल केयर ब्लॉक का निर्माण किया जाएगा। इस सेवा को 24 घंटे सातों दिन उपलब्ध करवाया जाएगा। इसके लिए उपयुक्त विशेषज्ञ, मैडीकल अधिकारी, स्टाफ नर्स एवं अन्य कर्मियों की उपलब्धता को सुनिश्चित किया जाएाग। मरीजों की संख्या अधिक होने की स्थिति में आसपास के स्वास्थ्य संस्थानों से भी समन्वय किया जाएगा। सूत्रों के अनुसार मंत्रिमंडल ने डा. राधाकृष्णन मैडीकल कॉलेज हमीरपुर में न्यूक्लीयर मैडीसन डिपार्टमैंट की स्थापना की जाएगी। इसके लिए 4 पदों को भरने की मंजूरी भी प्रदान की गई। इसके लिए आगामी वित्तीय वर्ष में सरकार की तरफ से 50 करोड़ रुपए बजट का प्रावधान भी किया गया है। बेटियों को अधिकार देने के लिए सरकार ने एच.पी. सीङ्क्षलग ऑन लैंड होल्डिंग एक्ट, 1972 में संशोधन को भी मंजूरी प्रदान की। यह संशोधन मौजूदा बजट सत्र में आएगा। इसके तहत परिवार में पुत्र को अलग इकाई मानने से गया है। इस संशोधन के बाद अब लड़कियों को अलग ईकाई मानने के अधिकार से वंचित नहीं होना पडक़ा। यानी एक्ट में संशोधन से बेटियों को पुत्र की तरह अलग ईकाई बनाया जाएगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *