नई आबकारी नीति पर मंत्रिमंडल में लग सकती है मोहर
शिमला : हिमाचल प्रदेश मंत्रिमंडल की 14 मार्च को होने वाली बैठक में नई आबकारी नीति पर मोहर लग सकती है। इसके आधार पर राज्य में 1 अप्रैल से नई आबकारी नीति लागू होगी। इस नीति के आधार पर ठेकों की नीलामी प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जा सकता है। मौजूदा वित्त वर्ष, 2021-22 के लिए आबकारी नीति में 1,829 करोड़ रुपए राजस्व को जुटाए जाने का लक्ष्य रखा गया था। विभाग की तरफ से वित्त वर्ष के अंत तक यह लक्ष्य पूरा किए जाने की संभावना है। वित्तीय वर्ष, 2022-23 के लिए इस लक्ष्य को बढ़ाकर 2,000 करोड़ रुपए किए जाने की संभावना है। मंत्रिमंडल बैठक में एफ.आर.बी.एम. एक्ट में संशोधन को भी रखे जाने की उम्मीद है। इस संशोधन को बजट सत्र में ही सदन में मंजूरी के लिए रखा जाएगा। इस संशोधन को लाने की इसलिए आवश्यकता पड़ी है, क्योंकि सरकार जी.डी.पी. के 3 फीसदी से अधिक ऋण लेने की क्षमता से आगे बढ़ रही है। सरकार का कहना है कि इस संशोधन को लाने की इसलिए आवश्यकता पड़ी है, क्योंकि कोविड-19 के कारण प्रदेश के वित्तीय हालात खराब हुए हैं। प्रदेश पर गत 21 फरवरी तक राज्य पर 63,200 करोड़ रुपए का कर्ज है। इसके अलावा सरकार के पास वर्तमान वित्तीय वर्ष में 69 हजार करोड़ रुपए की सीमा तक कर्ज लेने के विकल्प खुले हैं। ऐसे में उम्मीद जताई जा रही है कि वर्तमान वित्त वर्ष के अंत तक कर्ज लेने की यह सीमा और बढ़ जाएगी।