हिमाचल को बल्क ड्रग फार्मा पार्क स्वीकृत
शिमला : हिमाचल प्रदेश को बल्क ड्रग फार्मा पार्क स्वीकृत हो गया है। इससे प्रदेश में करीब 8,000 से 10,000 करोड़ रुपए का अनुमानित निवेश अपेक्षित है। इसके लिए ऊना जिला के हरोली में 1,405 एकड़ भूमि का चयन किया गया है। इससे करीब 20 हजार लोगों को प्रत्यक्ष तौर पर रोजगार के अवसर उपलब्ध होंगे। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार जताया है। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश के लिए राष्ट्रीय महत्व की इस परियोजना के आवंटन एशिया के प्रमुख फार्मा हब को लाभ होगा। उन्होंने कहा कि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 21 मार्च, 2020 को बल्क ड्रग पार्क योजना को मंजूरी दी थी तथा उसके बाद में 21 जुलाई, 2020 को प्रस्ताव जमा करने के लिए मूल्यांकन मानदंड निर्धारित करने के लिए दिशा-निर्देश जारी किए गए थे। इन दिशा-निर्देशों के अनुसार भारत सरकार के फार्मा विभाग (डी.ओ.पी.) की तरफ से 1,000 करोड़ रुपए की अधिकतम सीमा के साथ परियोजना लागत का 90 फीसदी प्रदान किया जाएगा। उन्होंने कहा कि पार्क की अनुमानित परियोजना लागत लगभग 1,200 करोड़ रुपए है, जिसमें से सामान्य बुनियादी सुविधाओं के विकास के लिए भारत सरकार द्वारा 1,000 करोड़ रुपए का वित्त पोषण किया जाएगा।
फार्मा पार्क के लिए 120 मैगावाट बिजली की आवश्यकता
फार्मा पार्क के लिए लगभग 100-120 मैगावाट बिजली की आवश्यकता रहेगी। निवेश पर उच्च प्रतिलाभ के प्रस्ताव में उपयोगिता शुल्क और अतिरिक्त प्रोत्साहन के रुप में 10 साल के लिए 3 रुपए प्रति यूनिट की दर से बिजली, 10 साल के लिए शून्य रख-रखाव शुल्क और गोदाम शुल्क के अलावा 33 साल के लिए 1 रुपए प्रति वर्गमीटर प्रति वर्ष भूमि दर और स्टाम्प शुल्क में छूट प्रदान की जाएगी। प्रदेश सरकार की तरफ से अधिकतम निवेश के उच्च रिटर्न को सुनिश्चित करने के प्रस्ताव में प्रति वर्ष 51 लाख रुपए तक के सावधि ऋ ण पर 7 फीसदी ब्याज सबवेंशन और शुद्ध एस.जी.एस.टी. पर 70 फीसदी छूट की पेशकश की गई थी।
हिमाचल में होता है 35,000 करोड़ का उत्पादन
हिमाचल प्रदेश में इस समय 600 से अधिक फार्मा निर्माण इकाइयां हैं। राज्य में थोक दवा की वार्षिक मांग लगभग 30,000-35,000 करोड़ रुपए प्रतिवर्ष है। यह पार्क पैङ्क्षकग व फार्मा फॉर्मूलेशन जैसी गतिविधियों में भी भारी निवेश को आकर्षित करेगा। इस पार्क के आने से क्षेत्र में टाउनशिप विकसित होगी तथा सामाजिक एवं आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा।